नई दिल्ली: इंकपॉट इंडिया ने आज ‘सॉन्ग्स ऑफ़ द स्टोन’नामक एक भावपूर्ण सांस्कृतिक पहल की घोषणा की, जिसकाउद्देश्य भारत के ऐतिहासिक स्मारकों को समकालीन संगीत केमाध्यम से एक नई जीवनधारा देना है। मैक्स एस्टेट्स केसहयोग से प्रस्तुत और दिल्ली पर्यटन तथा भारतीय पुरातत्वसर्वेक्षण विभाग द्वारा समर्थित यह श्रृंखला 13 दिसंबर 2025 को शाम 7:00 बजे दिल्ली के भव्य क़ुतुब मीनार में अपने पहलेअध्याय के साथ आरंभ होगी। यह संध्या संगीत, इतिहास औरस्मारक की रात्रिकालीन कथाओं को एक साथ बुनते हुए, भारतकी सबसे प्रतिष्ठित स्थापत्य धरोहरों में नई जीवन-धाराप्रवाहित करेगी।
इस श्रृंखला की परिकल्पना इंकपॉट इंडिया की संस्थापक औरस्टैनफोर्ड व कोलंबिया विश्वविद्यालय की पूर्व छात्रा सिमरमल्होत्रा द्वारा की गई है। इस पहल मकसद स्मारकों को एकजीवंत सांस्कृतिक मंच के रूप में पुनः परिभाषित करना है, जहाँवास्तुकला, स्मृति और कलात्मक नवाचार एक-दूसरे से मिलतेहैं।यह एक ऐसा अनुभव होगा जहाँ पत्थरों की खामोशी संगीतमें बोलेगी।
कार्यक्रम के केंद्र में हैं पुरस्कार विजेता सितार वादक मेहताबअली नियाज़ी, जिनकी संगीत यात्रा शास्त्रीय रागों की गहराईको जैज़ और समकालीन फ्यूज़न की सहजता के साथ बुनतीहै। उनके साथ एक विशिष्ट संगीतकारों का समूह होगा — खुर्रमअली नियाज़ी, ज़रघम अक़राम ख़ान, दिव्यम गौर, रणजॉयदास, दानिश अली और मोनिस अली — जो तबला, मल्टी-पर्कशन, गिटार, ड्रम्स और परिवेशी ध्वनियों को मिलाकरएक बहुरंगी ध्वनि परिदृश्य रचेंगे। इस प्रस्तुति में मेहताब कीअब तक अप्रकाशित मौलिक रचनाओं के प्रीमियर भी शामिलहोंगे।
संध्या का आरंभ लेखक, वक्ता और क्यूरेटर एरिक चोपड़ा सेहोगा, जो इतिहासोलॉजी के संस्थापक हैं। वे क़ुतुब परिसर औरमेहरौली के परिदृश्य में निहित बहुस्तरीय कथाओं औरसभ्यतागत इतिहासों को उजागर करेंगे।जैसे ही सांझ ढलेगी, दर्शक एक बहु-इंद्रिय अनुभव में डूब जाएंगे — जिसमें विशेषरूप से तैयार की गई सुगंधित धुनें, गरम क़हवा, इंडो-फ़्यूज़नव्यंजन और स्मारक पर बिखरी कोमल, वातावरणीय रोशनीशामिल होगी। यह सब मिलकर इस विरासत स्थल को ध्वनिऔर छाया के एक अंतरंग कैनवास में रूपांतरित कर देगा
इंकपॉट इंडिया की मूल भावना पर प्रकाश डालते हुए, संस्थापक और क्यूरेटर सिमर मल्होत्रा ने कहा:
“इंकपॉट का सार है भीतर झाँकना और हमारी सांस्कृतिकधरोहर की गहराइयों को आत्मसात करना। हमारा उद्देश्य केवलसंरक्षण तक सीमित नहीं है, बल्कि उसे नए दृष्टिकोण सेपुनर्परिभाषित करना है — ताकि भारत की कलात्मकअभिव्यक्तियाँ समकालीन वैश्विक चेतना में प्रेरणा का स्रोत बनेंऔर अपनी गूंज से दूर-दूर तक प्रतिध्वनित हों।
इंकपॉट इंडिया की पूर्व पहलों में शामिल हैं — इंकपॉट इंडियाकॉन्क्लेव, जिसमें डॉ. शशि थरूर, संजॉय के रॉय, शोभा डे, शोवना नारायण और सुनीता कोहली जैसे प्रतिष्ठित व्यक्तित्वोंने भाग लिया; ‘इंकपॉट इन द नेबरहुड’, जो उभरते कवियों औरसंगीतकारों के लिए एक पोषक मंच है; तथा साहित्यिक संवादोंऔर पुस्तक चर्चाओं की एक विशेष रूप से संजोई गई श्रृंखला।‘सॉन्ग्स ऑफ़ द स्टोन’ एक दीर्घकालिक राष्ट्रीय पहल काशुभारंभ करेगा, जिसका उद्देश्य भारत के विरासत स्थलों परगहन और भावनात्मक रूप से जुड़ी हुई कलात्मक अनुभूतियों कोउजागर करना तथा उन्हें जीवंत सांस्कृतिक अनुभवों में रूपांतरितकरना है।
यह कार्यक्रम एक्सक्यूरेटर्स इवेंट्स प्रा. लि. के सहयोग सेप्रस्तुत किया गया है, जो एक ऐसी संस्था है जो भारत कीसमृद्ध विरासत को समकालीन दर्शकों तक पहुँचाने वालेअनुभवात्मक सांस्कृतिक मंचों के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है



