‘कालीधर लापता’ की आलोचनात्मक समीक्षा

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मधुमिता द्वारा निर्देशित और ज़ी स्टूडियोज़ द्वारा निर्मित ‘कालीधर लापता’ एक भावनात्मक और संवेदनशील कहानी है, जो कालीधर (अभिषेक बच्चन) के जीवन की खोज और अर्थ की तलाश को दर्शाती है। यह फिल्म 2019 की तमिल फिल्म ‘K.D.’ का हिंदी रीमेक है, जिसमें कालीधर, एक मध्यम आयु वर्ग का व्यक्ति, स्मृति लोप और पारिवारिक उपेक्षा से जूझता है। वह कुंभ मेले में अपने परिवार द्वारा छोड़े जाने के बाद एक आठ साल के अनाथ बच्चे, बल्लू (दैविक बघेला) के साथ एक भावनात्मक यात्रा पर निकलता है। यह कहानी दो अकेलेपन से भरे दिलों के बीच एक अनोखे बंधन को उजागर करती है, जो दर्शकों को हंसी, आंसुओं और आत्म-खोज के साथ जोड़ती है।

फिल्म की ताकत इसकी सादगी और अभिषेक-दैविक की जोड़ी की केमिस्ट्री में निहित है। अभिषेक बच्चन का अभिनय संयमित और संवेदनशील है; वह कालीधर की नाजुकता और भटकाव को प्रभावी ढंग से चित्रित करते हैं। विशेष रूप से भावनात्मक दृश्यों में, उनकी आंखें और चेहरे के हाव-भाव किरदार की पीड़ा को जीवंत करते हैं। दैविक बघेला का स्वाभाविक अभिनय फिल्म का दिल है, जो कालीधर के साथ उनके दृश्यों को यादगार बनाता है। हालांकि, फिल्म की कमजोरी इसकी अनियमित गति और स्क्रिप्ट की सतही गहराई में है। स्मृति लोप का चित्रण असंगत है, और कुछ किरदार, जैसे निमरत कौर का, अधूरा-सा लगता है। अमित त्रिवेदी का संगीत और गैरिक सरकार की सिनेमैटोग्राफी कहानी को मध्य प्रदेश की देहाती पृष्ठभूमि में जीवंत करती है, लेकिन पटकथा में नवीनता की कमी इसे औसत बनाती है।

क्या अभिषेक बच्चन अब तक अमिताभ बच्चन की विरासत को ढो रहे हैं? यह सवाल जटिल है। अभिषेक ने ‘गुरु’, ‘युवा’, और ‘बंटी और बबली’ जैसी फिल्मों में अपनी प्रतिभा साबित की है, लेकिन उनके पिता की विशाल छवि अक्सर उनके काम की तुलना का आधार बनती है। ‘कालीधर लापता’ में अभिषेक एक बार फिर अपनी संवेदनशीलता और किरदार में डूबने की क्षमता दिखाते हैं, लेकिन स्क्रिप्ट की कमजोरियां उनकी मेहनत को पूर्ण प्रभाव नहीं देतीं। अमिताभ बच्चन ने अपने बेटे के प्रदर्शन की तारीफ की, और यह स्नेह दर्शाता है कि अभिषेक अपनी पहचान बना रहे हैं। फिर भी, उनकी फिल्मों के चयन में असंगति और उनके पिता की विरासत की छाया उनकी यात्रा को चुनौतीपूर्ण बनाती है। अभिषेक की प्रतिभा निर्विवाद है, लेकिन उनकी असली सफलता ऐसी कहानियों को चुनने में होगी जो उनकी क्षमता को पूर्ण रूप से उजागर करें।

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