इस घटना ने स्थानीय स्तर पर हंगामा मचा दिया। केरल के एक सांसद केटी जलील ने इस आयोजन का स्वागत किया, जिसे कुछ लोगों ने भारतीय संस्कृति के खिलाफ बताया। केरल में वामपंथी सरकार के कई नेता, जिनमें कुछ ब्राह्मण भी शामिल हैं, बीफ के समर्थन में खुलकर बोलते रहे हैं। इस घटना की आलोचना करते हुए कुछ लोगों ने कहा कि यदि यह घटना उत्तर भारत में हुई होती, तो इसका परिणाम अलग होता।
विवाद ने सोशल मीडिया पर भी तूल पकड़ा, जहां लोग इसे भारतीय संस्कृति और सभ्यता पर हमला बता रहे हैं। कुछ ने इसे शंकराचार्य की जन्मभूमि केरल को बदनाम करने की साजिश करार दिया। दूसरी ओर, बीफ खाने की स्वतंत्रता का समर्थन करने वालों का कहना है कि यह व्यक्तिगत पसंद का मामला है।
केनरा बैंक के अधिकारियों ने इस मामले पर आधिकारिक टिप्पणी से इनकार किया है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक, बैंक प्रबंधन इस मुद्दे को सुलझाने के लिए आंतरिक जांच शुरू कर सकता है। यह घटना एक बार फिर सांस्कृतिक और धार्मिक संवेदनशीलता को लेकर बहस छेड़ रही है।
Source: https://www.youtube.com/watch?v=s1d113uHXE0