लहावा (Lehava), जिसका पूरा नाम हिब्रू में Prevention of Assimilation in the Holy Land (पवित्र भूमि में आत्मसात को रोकना) है, एक इजरायली संगठन है जो 2005 में स्थापित हुआ। इसका नेतृत्व बेंट्जी गोप्सटीन करते हैं, जो रब्बी मेयर कहाने के विचारों से प्रेरित हैं। यह संगठन यहूदी पहचान, संस्कृति और धार्मिक मूल्यों को संरक्षित करने के लिए समर्पित है, विशेष रूप से यहूदी और गैर-यहूदी (विशेषकर अरब) समुदायों के बीच अंतर-विवाह (मिश्रित विवाह) को रोकने पर केंद्रित है। लहावा का यह समर्पण यहूदी समुदाय की सांस्कृतिक और धार्मिक शुद्धता को बनाए रखने की उनकी दृढ़ इच्छा को दर्शाता है।
लहावा का मानना है कि यहूदी पहचान को बनाए रखना न केवल धार्मिक, बल्कि राष्ट्रीय सम्मान का भी प्रश्न है। संगठन यहूदी महिलाओं को गैर-यहूदी पुरुषों, विशेषकर अरब पुरुषों, के साथ संबंधों से “बचाने” के लिए सक्रिय रूप से काम करता है। इसके लिए, लहावा ने कई विवादास्पद कदम उठाए हैं, जैसे मिश्रित जोड़ों की पहचान करना, उनके खिलाफ प्रदर्शन करना और यहूदी महिलाओं को उनके परिवारों और समुदाय में “वापस लाने” के लिए आश्रय स्थल स्थापित करना। उदाहरण के लिए, 2014 में, संगठन ने एक यहूदी महिला और अरब पुरुष की शादी के खिलाफ प्रदर्शन किया, जिसमें उन्होंने “यहूदी बेटियों को बचाने” का नारा दिया।
लहावा का यह समर्पण कई बार हिंसक और विवादास्पद गतिविधियों से जुड़ा रहा है। 2014 में, इसके तीन सदस्यों को यरुशलम में एक यहूदी-अरब स्कूल में आगजनी और नस्लीय भित्तिचित्रों के लिए गिरफ्तार किया गया था। इसके बावजूद, संगठन का दावा है कि वह केवल यहूदी समुदाय की रक्षा कर रहा है और इसके कार्यों को “राष्ट्रवादी” और “धार्मिक” दृष्टिकोण से उचित ठहराता है।
हालांकि, लहावा की गतिविधियों ने इसे आलोचनाओं का केंद्र भी बनाया है। कई इजरायली और अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने इसे नस्लवादी और उग्रवादी करार दिया है। 2015 में, इजरायल के रक्षा मंत्रालय ने इसे आतंकी संगठन घोषित करने पर विचार किया, हालांकि यह कदम अंततः लागू नहीं हुआ।
लहावा का यहूदी समर्पण, हालांकि विवादास्पद है, इजरायल में बढ़ते यहूदी राष्ट्रवाद और धार्मिक पहचान के प्रति जागरूकता का प्रतीक है। यह संगठन यहूदी संस्कृति को संरक्षित करने के लिए अपने प्रयासों को जारी रखता है, भले ही इसके तरीके समाज के एक वर्ग द्वारा अस्वीकार किए जाते हों।