2020 में दुनियाभर में इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ जर्नलिस्ट्स के मुताबिक कुल 65 पत्रकारों और मीडियाकर्मियों की उनके काम के दौरान मौत हुई है।
शुक्रवार को पत्रकारों की मौतों पर फेडरेशन ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट का विवरण प्रकाशित किया है, इस रिपोर्ट में उसने कहा कि 2019 की तुलना में यह संख्या 17 अधिक है और मृतक संख्या 1990 के दशक के स्तर के आसपास है।
आईएफजे ने बताया कि वर्तमान में 200 से अधिक पत्रकार अपने काम की वजह से जेल में बंद हैं। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि 16 अलग-अलग देशों में हुई पत्रकारों की हत्या टार्गेट किए गए हमलों, बम हमलों और गोलीबारी की घटनाओं से हुई है। साथ ही यह भी कहा गया कि 1990 में जब आईएफजे ने इसकी गिनती शुरू की, तब से लेकर अब तक कुल 2,680 पत्रकार मारे जा चुके हैं।
आईएफजे के महासचिव एंथनी बेलेंगर ने कहा, ‘मैक्सिको, पाकिस्तान, अफगानिस्तान और सोमालिया में चरमपंथियों की हिंसा के साथ-साथ भारत और फिलीपीन्स में कट्टरपंथियों की असहिष्णुता के कारण मीडिया में रक्तपात हुआ है।’
पांच साल में चौथी बार, मेक्सिको उन देशों की सूची में सबसे ऊपर रहा, जहां सबसे ज्यादा 14 पत्रकार मारे गए हैं। इसके बाद अफगानिस्तान में 10 मौतें हुईं, पाकिस्तान में नौ, भारत में आठ, फिलीपींस और सीरिया में चार-चार और नाइजीरिया और यमन में तीन-तीन मौतें हुई है। इराक, सोमालिया, बांग्लादेश, कैमरून, होंडुरास, पैराग्वे, रूस और स्वीडन में भी मौतें हुईं।