मध्यप्रदेश के नये डीजीपी कैलाश मकवाना अपना पदभार संभालते ही न केवल एक्शन मोड में आ गये हैं बल्कि अपने शुरुआती तेवरों से ही उन्होंने यह संदेश भी दे दिया है कि राज्य के डीजीपी के रूप में वे मध्यप्रदेश पुलिस की एक नयी छवि गढ़ने के लिए कृत संकल्प हैं। उनके इरादों को समझना कठिन नहीं है।। वे केवल यह चाहते हैं कि मध्यप्रदेश पुलिस “देश भक्ति जनसेवा” की कसौटी पर खरी उतरकर सारे देश के सामने सर्वोत्कृष्ट उदाहरण पेश करे। नये डीजीपी ने मध्य प्रदेश पुलिस के लिए जो लक्ष्य निर्धारित किया है उसे अर्जित करने की दिशा में उन्होंने प्राथमिकताएं भी तय कर दी हैं।
कैलाश मकवाना के शुरुआती तेवरों से निश्चित रूप से प्रदेश की जनता के मन में भी नयी उम्मीदें जाग उठी हैं । नये डीजीपी ने एक ओर तो जहां पुलिस को यह निर्देश दे दिए हैं कि वह आम जनता से जुड़े अपने कार्य क्षेत्र पर सबसे पहले ध्यान केंद्रित करे वहीं दूसरी ओर उन्होंने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था को चुस्त और दुरुस्त बनाने रखने की पुलिस की जिम्मेदारी के निष्ठापूर्वक निर्वहन में वे किसी भी स्तर पर कोई कोताही बर्दाश्त नहीं करेंगे। जो लोग नये डीजीपी की इच्छा शक्ति , समर्पण ,कर्मठता और विशिष्ट कार्यशैली से परिचित हैं वे यह जानते हैं कि कैलाश मकवाना अपने मजबूत इरादों के प्रति किसी के भी मन में शक की जरा सी भी गुंजाइश कभी नहीं छोड़ते । उनके व्यक्तित्व की इन्हीं विशेषताओं ने उन्हें मध्यप्रदेश पुलिस के सर्वोच्च पद पर नियुक्ति का अधिकारी बनाया है। गौरतलब है कि कैलाश मकवाना मध्यप्रदेश के डीजीपी पद पर नियुक्ति के पूर्व मध्यप्रदेश पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन के चेयरमैन पद पर कार्यरत थे। अभियांत्रिकी में स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त कैलाश मकवाना को उत्कृष्ट कार्य हेतु 2005 में राष्ट्रपति द्वारा सराहनीय सेवा मैडल और 2014 में विशिष्ट सेवा मैडल से सम्मानित किया गया था। जीवट व्यक्तित्व के धनी मकवाना के खाते में अनेकों उल्लेखनीय उपलब्धियां दर्ज है ।
मध्यप्रदेश के नये डीजीपी ने अपना पदभार ग्रहण करते ही पुलिस महकमे के लिए जो प्राथमिकताएं गिनाई हैं उनके माध्यम से उन्होंने यह संदेश दे दिया है कि वे मध्यप्रदेश पुलिस को आम जनता की तकलीफों के प्रति संवेदनशील, कर्त्तव्य पारायण और जवाबदेह बनाने में कोई कसर बाकी नहीं रखेंगे। एक ओर वे यह चाहते हैं कि पुलिस को हमेशा अनुशासन के दायरे में रहकर काम करना चाहिए तो वहीं दूसरी ओर पुलिस महकमे से उनकी यह अपेक्षा है कि वह पुलिस की छवि को प्रभावित करने वाली गतिविधियों से दूर रहें। उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि अनुशासनहीनता किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। डीजीपी का पदभार ग्रहण करने के बाद कैलाश मकवाना से मुलाकात करने और उनसे गुजारिश करने वालों की बढ़ती भीड़ पर उन्होंने अपनी नाराज़गी व्यक्त की है। डीजीपी ने इसे अत्यंत आपत्तिजनक बताया कि विगत दिनों विभागीय कर्मचारियों और अधिकारियों ने उनसे मुलाकात कर उन्हें अपनी समस्याओं के संबंध जो आवेदन दिए हैं उनमें किसी भी आवेदन पत्र पर संबंधित विशेष पुलिस महानिदेशक, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अथवा इकाई प्रमुख की अनुशंसा नहीं थी और ना ही डीजीपी से मुलाकात के लिए अनुमति ली गई थी।
डीजीपी ने देश में बढ़ते डिजिटलीकरण और आन लाइन लेन देन बढ़ने के साथ ही बढ़ते सायबर अपराधों पर सख्ती से अंकुश लगाने की आवश्यकता जताई है। प्रदेश में ऐसे अपराधों की रोकथाम के लिए जनता को और जागरूक बनाने की आवश्यकता व्यक्त करते हुए डीजीपी ने कहा है कि मानव संसाधनों और बेहतर तकनीक के जरिए दृष्टि से पुलिस को और सक्षम बनाया जावेगा। कैलाश मकवाना ने सायबर अपराधों को रोकने की दिशा में मध्यप्रदेश पुलिस के प्रयासों की सराहना की है। डीजीपी ने आम जनता की तकलीफों और शिकायतों के जल्द निराकरण के लिए हर मंगलवार को होने वाली जनसुनवाई अब पुलिस थानों में करने के निर्देश दिए हैं । डीजीपी की यह पहल निश्चित रूप से जनसमस्याओं के निराकरण में न केवल तेजी लाएगी बल्कि लोगों को अपनी समस्याओं को लेकर आला अधिकारियों के दफ्तर तक जाने की परेशानी से निजात भी दिलाएगी। नये डीजीपी ने बढ़ती सड़क दुघर्टनाओं को रोकने के लिए भी प्रभावी कदम उठाने की जो पहले की है उसकी व्यापक सराहना की जा रही है। इसके लिए डीजीपी ने इंजीनियरिंग डिजाइनों और अन्य विभागों के साथ समन्वय को महत्व पूर्ण बताया है। कैलाश मकवाना मानते हैं कि 2028 में महाकाल की नगरी उज्जैन में होने जा रहे सिंहस्थ कुंभ में व्यवस्थाओं को चाक चौबंद रखना पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती है और महाकाल लोक के निर्माण के बाद वहां आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में भी निरंतर वृद्धि हो रही है। विश्व प्रसिद्ध इस आयोजन को सुरक्षित , सुव्यवस्थित और सुविधाजनक बनाने में पुलिस की भूमिका को महत्वपूर्ण मानते हुए डीजीपी ने पुलिस महकमे को अभी से अपनी जिम्मेदारी के प्रति सजग रहने के निर्देश दिए हैं।
(लेखक पत्रकार एवं राजनीतिक विश्लेषक हैं)