मिथिला के विकास के बिना विकसित बिहार की कल्पना नहीं : डॉ विभय कुमार झा

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युवा लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के राष्ट्ीय उपाध्यक्ष डॉ विभय कुमार झा का कहना है कि बिहार के समग्र विकास के लिए मिथिला का उन्नति करना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार ही मिथिला के विकास की असली पहरेदार है और आगे भी क्षेत्र की प्रगति के लिए काम करती रहेगी।

एक सवाल के जवाब में डॉ विभय कुमार झा ने कहा कि दरभंगा, मधुबनी, सुपौल, और समस्तीपुर जैसे जिलों की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और बौद्धिक क्षमताओं को राज्य की आर्थिक संरचना में उचित स्थान देना जरूरी है। उन्होंने विशेष रूप से दरभंगा एयरपोर्ट के विस्तार, एम्स की स्थापना और जल-जीवन-हरियाली जैसी परियोजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि इन योजनाओं ने मिथिला को विकास की मुख्यधारा से जोड़ा है।

लोजपा नेता डॉ विभय कुमार झा ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में दरभंगा एम्स का शिलान्यास, रेलवे व हाईवे नेटवर्क का विस्तार और बाढ़ प्रबंधन परियोजनाएं तेजी से पूरी की जा रही हैं। उन्होंने कहा, “मिथिला के विकास के बिना बिहार के विकसित होने की कल्पना भी नहीं की जा सकती। एनडीए ने जो कार्य शुरू किए हैं, उसे और तेज गति से आगे बढ़ाया जाएगा।“

डॉ विभय झा ने कहा कि केंद्रीय मंत्री श्री चिराग पासवान की अध्यक्षता में लोजपा लगातार समाज को संगठित और सशक्त बनाने की दिशा में काम कर रहा है। हम लोजपा के कार्यकर्ताओं का लक्ष्य मिथिला को औद्योगिक और शैक्षणिक केंद्र के रूप में विकसित करना है। उन्होंने इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ाने और स्थानीय संसाधनों के उपयोग को प्राथमिकता देने की बात कही। उन्होंने विपक्षी दलों पर हमला बोलते हुए कहा कि पिछली सरकारों ने मिथिला को हाशिए पर रखा और विकास के नाम पर केवल घोषणाएं कीं। उन्होंने कहा कि एनडीए ही मिथिला की असली हितैषी है और आगे भी क्षेत्र की तरक्की के लिए समर्पित रहेगी।

डॉ झा ने कहा कि आगामी वर्षों में मिथिला के लिए नई औद्योगिक नीति, पर्यटन को बढ़ावा देने और मैथिली भाषा को अधिक अधिकार दिलाने के लिए प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने युवाओं से लोजपा और एनडीए के विकास मॉडल में भागीदारी करने की अपील की। मिथिला का विकास एनडीए सरकार की प्राथमिकताओं में बना रहेगा। आने वाले दिनों में इस क्षेत्र में अधोसंरचना, शिक्षा, स्वास्थ्य और उद्योग के नए द्वार खुल सकते हैं, जिससे मिथिला और बिहार दोनों आगे बढ़ सकें।

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