मुंबई प्रवास: आपद काल परिखिअहिं चारी… (अटल जी और भारती जी)

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डॉ संजय अनंत

दिल्ली । ये अंतिम कड़ी है , वो भी इसलिए लिख रहा हु क्यों कि ये महत्वपूर्ण विषय छूट गया था , धर्मवीर भारती जी के उस लेखन कक्ष में ये तस्वीर मुझे दिखाई दी, जिसे आप सब से साझा की, जब आप रोग शैय्या पर हो और पता चले आप का कोई अभिन्न मित्र मिलने आया है , तो आप के अंतर एक आत्मविश्वास जाग जाता है , रोग से लड़ने का आत्मबल बढ़ जाता है

एक ऐसी ही मित्रता थी ,डॉ धर्मवीर भारती और अटल बिहारी वाजपेयी जी की .
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धीरज धर्म मित्र अरु नारी।

आपद काल परिखिअहिं चारी।।

उनकी मित्रता पर बाद में विस्तार से बताता हु , आप पुनः इस चित्र को ध्यान से देखिए , अटल जी , भारती जी की शैय्या पर बिना किसी संकोच के पैताने बैठे है ( उनके पैरों की ओर)

चाहते तो दूर कुर्सी पर बैठ , उनका हालचाल पूछते , आजकल तो बड़े लोग इन्फेक्शन के डर से रोगी से दूर ही रहते है , इतने बड़े कद का नेता , जो भारत का प्रधानमंत्री बना , उसकी सरलता , शुचिता और अपने मित्र से लगाव देखिए

भारती जी के लिए कितना सुखद क्षण रहा होगा , अटल जी उनके मित्र उनके समीप बैठ, उनका हाल जान रहे है, कुशल क्षेम पूछ रहे है
अटल बिहारी वाजपेयी और भारती जी , दोनों का जन्म 25 दिसंबर को हुआ , अटल जी आयु में बड़े है , किन्तु पुष्पा जी को भाभी कहते है, ये किस्सा मुझे पुष्पा जी अपने लिखित संस्मरण में मुझ से साझा किया था, उनके ही शब्दों में

आज भारती का जन्मदिन है और आज ही भारत रत्न अटल बिहारी बाजपेयी जी का भी जन्मदिन है। एकदिन यों ही बात बात में मैने उन से पूछ लिया कि आप दोनो में बड़ा कौन है तो यह पता चला कि क्योंकि भारती जी का जन्म सुबह सुबह भोर में हुआ था और अटल जी सुबह नौ बजे के करीब।तो मैने हॅस कर कहा तब तो आप मेरे देवर हुए। और लो उन्होंने झट से मेरे पैर छू लिये।मैं तो एकदम सकपका गयी थी।पर रिश्ता हमेशा के लिये पक्का हो गया था। दोनो में घनिष्ठ मित्रता हो गयी थी।अटल जी को मेरी भाभी के हाथ के बने बेसन के लड्डू बहुत पसंद थे।एक दिन फ़ोन आ गया।शाम को पांच बजे लड्डू खाने आ रहा हूं।भाभी बेचारी ने तुरंत बनाना शुरू कर दिया बेसन भूनने में खासी मेहनत लगती है।खड़े खड़े थक गयीं तो उछल कर रसोई में जहां गैस रखी थी वहीं प्लेटफ़ार्म पर चढ़ कर बैठ गयीं और धीमी ऑंच पर बेसन भूनने लगीं।और लो नियत समय से पहले ही अटल जी आ गये और भाभी की वह मुद्रा देख कर जोर से ठहाका लगाया।भाभी तो मारे लाज के चेहरे पर घूंघट डाल कर गुड़ी मुड़ीं हो गयीं।अटल जी बोले भाभी जी घबराइये मत जल्दी आ गया हूं , पर लड्डू खा कर ही जाऊंगा।

इस प्रकार अटल जी उनके आजीवन देवर बने रहे

भारती जी नहीं रहे , इधर अटल जी भारत के प्रधानमंत्री बन गए , अटल जी को बधाई देते हुए पुष्पा जी ने पत्र लिखा , और उसके जवाब में अटल जी ने जो लिखा , वो आप सब को साझा कर रहा हु , भारती जी के जाने के बाद भी अटल जी ने उनके परिवार से अपना रिश्ता यथावत रखा
दिनांक 7 जनवरी 2002

अटल जी के शब्दों में
प्रिय भाभी जी
जन्मदिन पर आप का स्नेहपूर्ण पत्र मिला , मुझे देवर कहने वाली एक भाभी आप ही बची है
परमात्मा मुझे , इस स्नेह संबंध का अधिकारी बनाए रखे

आप का
अटल बिहारी बाजपेयी
तो मित्रों , मै इस यशस्वी मित्रता की कथा आप से कह , अपनी लेखनी को विराम देता हु
पर सोचिएगा
भारती जी और अटल जी जैसी मित्रता क्या आज के इस पूंजीवाद की अंधी दौड़ में दौड़ते भारत में देखने मिलेगी
शायद नहीं

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