नगीना का हरा-भरा बगान: चन्द्रशेखर की ग्रीन टी का रहस्य

1-1-2.png

दिल्ली। अरे वाह, नगीना के सांसद चन्द्रशेखर आजकल ग्रीन टी के दीवाने हो गए हैं! वीडियो में वो प्यार से घूंट भरते नजर आते हैं, और समर्थक जैकी यादव जी चिल्ला रहे हैं – “ये तो हमारी देसी ग्रीन टी है, भैया!” अब सवाल ये कि ये हरी-भरी चाय नगीना के किस बगान से निकली? दार्जिलिंग-असम की चायें तो पुरानी हो गईं, अब तो लोकल ब्रांड चलेगा!

कल्पना कीजिए, नगीना के धूल भरे खेतों में चन्द्रशेखर जी ने ‘आजाद ग्रीन टी एस्टेट’ लगा दिया। बीजेपी की लाल-भरी राजनीति से तंग आकर, उन्होंने हरे पत्ते उगाने का फैसला किया। पौधे लगे हैं संसद भवन के मॉडल पर – ऊपर से हरा, अंदर से उबलता! सुबह-सुबह मजदूर चिल्लाते, “भैया, ये पत्ते तो विपक्ष की तरह कड़वे हैं!” चन्द्रशेखर हंसते हुए कहते, “बस यही तो फायदा है – वजन घटेगा, और वोट भी हल्के हो जाएंगे!”

लेकिन सच कहें, तो नगीना में ग्रीन टी का बगान? वो तो चन्द्रशेखर के दिमाग का कमाल है! गंगा-यमुना के पानी से सींचा, मोदी जी की नीतियों से खाद डाला। पत्ते इतने हरे कि पर्यावरण मंत्री भी जलें! जैकी भैया ने बताया, “ये टी पीकर भैया का स्वास्थ्य चमक रहा है, और हमारा भविष्य भी!” अब पूछो तो कहते हैं, बगान का नाम ‘अनरफुल ग्रीन’ – क्योंकि हर घूंट में आजादी की खुशबू!

अंत में, भारत जी, ये टी नगीना के ‘वोट-गार्डन’ में उग रही है। पी लो, लेकिन सावधान – ज्यादा पियो तो राजनीतिक कड़वाहट लग सकती है!

Share this post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

scroll to top