
कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य नेपाल के आध्यात्मिक स्थलों को पर्यटन के माध्यम से प्रचारित करना और स्थानीय स्तर पर रोजगार व स्वरोजगार के अवसर सृजित करना था। संदीप राणा ने इस अवसर पर जोर देकर कहा कि नेपाल की सांस्कृतिक धरोहर और आध्यात्मिक स्थल, जैसे पशुपतिनाथ मंदिर, लुंबिनी, और मुक्तिनाथ, न केवल धार्मिक महत्व रखते हैं, बल्कि वैश्विक पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र भी बन सकते हैं। इस आयोजन में विभिन्न सांस्कृतिक प्रदर्शन, ध्यान सत्र, और धार्मिक प्रवचन आयोजित किए गए, जो सहभागियों के लिए आध्यात्मिक अनुभव को और गहन बनाते हैं।
ओज उत्सव’ में स्थानीय कलाकारों, कारीगरों और उद्यमियों को अपनी कला और उत्पादों को प्रदर्शित करने का मंच प्रदान किया गया, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को बल मिला। यह सच्चाई है कि आध्यात्मिक पर्यटन न केवल नेपाल की सांस्कृतिक पहचान को मजबूत करेगा, बल्कि यह युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी खोलेगा। इस आयोजन में भारत, नेपाल सरकार के पर्यटन मंत्रालय के प्रतिनिधियों और स्थानीय समुदायों ने भी सक्रिय भागीदारी दिखाई।

यह कार्यक्रम नेपाल को आध्यात्मिक पर्यटन के वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक प्रेरणादायक पहल साबित हुआ। ओज फाउंडेशन की यह पहल निश्चित रूप से नेपाल के सांस्कृतिक और आर्थिक विकास में योगदान देगी।



