प्रधानमंत्री का संबोधन भारत के शक्तिबोध को जागृत करने वाला

p8tov24o_narendra-modi-ndtv-file_625x300_20_April_19.avif

संतोष द्विवेदी मनुज

अमूमन किसी भी पटल पर अब लिखने का बहुत मन नहीं करता, उसके बहुत से कारणों में से एक कारण यह भी है कि कौन जवाब-तलब और ऊल-जुलूल की प्रतिक्रियाओं और नैरेटिव-प्रेरित शब्दजाल सुलझाता फिरे।

तथापि कई बार खुद की अभिव्यक्ति मानो देश की अभिव्यक्ति को प्रतिध्वनित करती है तो उसे सायास रोकना कदापि उचित नही कहा जा सकता। इसे व्यक्त करना ही अवश्यम्भावी हो जाता है।

इसी क्रम में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का आज का सम्बोधन राष्ट्र के शक्तिबोध के लिए अवश्यम्भावी था। जिस तरह से डॉनल्ड ट्रम्प ने भारत-पाकिस्तान के मध्य युद्धविराम की घोषणा की थी वो सभी को नागवार गुजरा था। जन-भावना धरी की धरी रह गई थी।

यह जनभावना क्षणिक भी नहीं थी, यह वर्षों-दशकों से सिर्फ कड़ी आलोचना देखने के बाद पहली बार इससे आगे बढ़ी थी।दुश्मन को उसकी भाषा में जवाब दिया जा रहा था। जनता की उम्मीद बढ़ना बेईमानी नहीं थी। लेकिन यह भी समझना होगा कि देश की सुरक्षा के मद्देनज़र हर बात सार्वजनिक नहीं कि जा सकती, ऐसे में किन परिस्थितियों में अचानक युद्धविराम किया गया, नेतृत्व इसे सार्वजनिक भले न करें लेकिन जिस तरह से प्रधानमंत्री जी द्वारा परमाणु-बम के नाम पर ब्लैकमेलिंग को स्पष्ट तौर पर नकार दिया गया और दुनिया को स्पष्ट सन्देश भी दिया गया कि पाकिस्तान से बातचीत के मुद्दे सिर्फ सीमा-पार आतंकवाद और पीओके तक सीमित है। इसमें किसी भी तीसरे पक्ष का हस्तक्षेप स्वीकार्य नहीं होगा।

तय मानिए, जिस तरह से भारत ने PoK से आगे पाकिस्तान की मुख्य-भाग में घुसकर बहावलपुर आदि क्षेत्रों पर आतंकी अड्डों पर अटैक किया है वो ऐतिहासिक और साहसिक है। नए भारत की प्रतिध्वनि है। प्रधानमंत्री जी द्वारा यह भी साफ किया गया कि आगे से किसी भी तरह की आतंकी घटना को ‘एक्ट ऑफ वार’ माना जायेगा। अपने आप में स्पष्ट है भविष्य में हमारी कार्ययोजना कैसी रहने वाली है।

एक बात तो तय है सीजफायर को आतंकिस्तान कितना मानेगा, देखने वाली बात होगी। उसकी नसों में धूर्तता है।
यही धूर्तता ही एकदिन उसके समापन की पटकथा लिखेगा। यह कब होगा वो तो नहीं पता लेकिन होकर रहेगा ये तय है।

यह कोई भविष्यवाणी नहीं है बल्कि देर-सबेर घटित होने वाला सत्य है। निश्चित ही इसकी परिणति भारत के हाथों ही होगी।

और हाँ! जैसी की उम्मीद थी, देश के सामर्थ्य को समवेत स्वर में आरोहित कर, राष्ट्र के शक्तिबोध को जाग्रत बनाये रखने के लिए प्रधानमंत्री Narendra Modi जी का सादर अभिनन्दन।

जय हिंद, जय भारत। 🇮🇳

Share this post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

scroll to top