दावे के साथ कह सकता हूँ कि मैंने अपने जीवन में किसी कलाकार के लिए यह पागलपन यह प्रेम नहीं देखा जैसा ज़ुबीन को लेकर आसाम और पूर्वोत्तर में है। दो दिन से एक पूरा प्रदेश ग़म में जैसे ठहर सा गया है, गलियाँ-सड़क-चौराहे भरे पड़े हैं उसके रोते-बिलखते चाहने वालों से।
मुख्यमंत्री से लेकर गोद में शिशु लेकर रास्तों पर खड़ी माँएँ उसके गाने गा-गाकर रो रहीं हैं। लेकिन नेशनल मीडिया में किसी ने इस महान कलाकार के अपने लोगों से इस कदर जुड़ाव पर कोई विशेष कार्यकम नहीं किया। खैर ज़ुबीन का काम और नाम इन लोगों की आत्ममुग्धता से बहुत बड़ा है 💔🙏
“तुम्हारी बज़्म से बाहर भी एक दुनिया है,
मेरे हुज़ूर बड़ा जुर्म है ये बेख़बरी…।”
कुमार विश्वास