जी-20 सम्मेलन में राष्ट्रपति भवन द्वारा आयोजित रात्रिभोज के निमंत्रण पत्र में इतिहास में पहली बार राष्ट्रपति भवन द्वारा जारी आधिकारिक पत्र में “President Republic of India” के स्थान पर “The President of Bharat” लिखा जाना भारत के प्रत्येक नागरिक के लिए गौरव का प्रसंग है। हम चिरकाल से इंडिया नहीं भारत ही हैं। यह बात शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के राष्ट्रीय सचिव अतुल कोठारी ने कही। उन्होंने कहा कि इन प्रयोगों से ही भारत की जनता में स्वाभिमान जागेगा।
भारत का प्रत्येक नागरिक कल से ही भारत नाम का उपयोग करने लगेगा यह संभव नहीं है। विद्यार्थी जीवन से बच्चों में स्व का गौरव जागे इस हेतु हमारी सभी शिक्षण संस्थाओं में भारत नाम का ही प्रयोग हो इस पर विचार करना चाहिए। शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास कुछ वर्षों से लगातार यह विषय उठाता रहा है। अब समय आ गया है इस सकारात्मक प्रयास को संवैधानिक स्तर पर लागू करने की आवश्यकता है। साथ ही वीरेंद्र सहवाग द्वारा आगामी विश्व कप में भारतीय टीम की वेशभूषा पर भारत लिखने की बात का न्यास समर्थन करता है तथा भारतीय क्रिकेट बोर्ड से आग्रह करता है कि टीम इंडिया के स्थान पर टीम भारत शब्द का प्रयोग करना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि भारत के संविधान में India that is Bharat के स्थान पर केवल भारत का ही प्रयोग किया जाना चाहिए। आने वाले समय में शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास इस विषय को अभियान के रूप में लेकर देशभर में जन जागरण करेगा। साथ ही न्यास ने महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मू जी को अभिनंदन पत्र के साथ यह निवेदन किया है कि सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया, रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया, आईआईटी, एम्स आदि सभी संस्थानों के नामों में इंडिया के स्थान पर भारत का प्रयोग प्रारंभ करें।
अथर्व शर्मा