प्रशांत पोल
दिल्ली। ‘उमेश जी नही रहे’ यह पढा और विश्वास ही नही हुआ। उनका जाना अत्यंत दुःखदायक और धक्कादायक हैं। पिछले, लगभग बारा – तेरह वर्षों से उनसे संपर्क था। संबंध था। मित्रता थी।
सदा हसतमुख चेहरा। बेबाकी से किसी बात का या किसी योजना का विश्लेषण। हम अनेकों बैठकों मे, कार्यक्रमों मे साथ रहे हैं। उनके सुझाव अत्यंत परिपक्व रहते थे।
मै उन्हे, हमारी एक आगामी बैठक की सूचना देने के लिए आज प्रातः फोन कर रहा था। वो ‘आऊट ऑफ रेंज’ बता रहा था। तब मुझे क्या मालूम, उमेश जी हम सब की रेंज से हमेशा के लिए बाहर हो गए हैं..!
*उमेश उपाध्याय* जी JNU के पास आऊट थे। बहुत अच्छे पत्रकार थे। लगभग बीस वर्ष पहले, उनका चेहरा हम मे से अनेकों ने Zee के समाचार चैनल पर देखा होगा। बीच मे दो – तीन वर्ष रायपुर भी रहे। अभी कुछ वर्षों से रिलायंस का मीडिया सम्हाल रहे थे।
मिट्टी से जुडे हुए, ठेठ और शुध्द हिंदी मे बात करने वाले, राष्ट्र प्रहरी उमेश जी का जाना, यह हम सभी के लिए बहुत बडी हानी हैं। आज जब राष्ट्र विरोधी नरेटिव और अपप्रचार का सामना करने के लिए गुणी और योग्य व्यक्तियों की आवश्यकता हैं, ऐसे मे उमेश जी का जाना अत्यंत दुःखद हैं।
परमपिता परमेश्वर से प्रार्थना हैं, की वो उमेशजी को श्रीचरणों मे स्थान दे।