आज सेडम(जिला कलबुर्गी,कर्नाटक उत्तर प्रांत) का पथ संचलन सायं 4 बजे निकलना तय किया गया था जिसमें यह एक स्थान से प्रारंभ होकर दो अलग अलग मार्गों पर चलते हुए पुनः एक होकर समाप्त होना था। कुल आठ वाहिनियों तथा चार घोष पथक संचलन हेतु तैयार थे लेकिन 3:30 बजे मैदान के पास प्रशासन ने भारी पुलिस बल तैनात कर दिया और 5 बसें संचलन मार्ग अवरुद्ध कर खड़ी कर दी गई। DSP ने सूचना भेज दी कि बिना अनुमति संचलन नहीं हो सकता है। संघ ने कहा कि प्रतिवर्ष एक सप्ताह पूर्व ही लिखित सूचना देते रहे हैं,इस बार भी 13 अक्टूबर को लिखित सूचना दी गई थी। उत्तर मिला कि संघ ने लिखित सूचना दी थी लेकिन प्रशासन ने अनुमति तो लिखित में नहीं दी अर्थात आपको अनुमति नहीं है।
अंत में स्थानीय कार्यकर्ताओं ने तय किया कि संचलन प्रारंभ किया जाए।जैसे ही संचलन 5 बजे प्रारंभ होकर मुख्य मार्ग पर आया और पुलिस बल ने वाहिनियों को गिरफ्तार कर बसों में बैठना प्रारंभ कर दिया।सभी बसें भरकर पुलिस स्टेशन लाई गई लेकिन पुलिस ने मौखिक रूप से पाबंद कर छोड़ दिया।
उधर शेष वाहिनियों ने मार्ग बदल कर आधे नगर में संचलन कर लिया। यह हिस्सा संकरे मार्ग का पुराने कस्बे का भाग है अतः पुलिस के वाहन और बसें यहां नहीं पहुंच सकती थीं।
विलम्ब होने के बाद भी जनता स्वागत हेतु उपस्थित थी।
उपरोक्त घटनाक्रम कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के पुत्र, मंत्री प्रियंक खड़गे के निर्देश पर हुआ। क्योंकि वे इस क्षेत्र के प्रभारी हैं और वे संघ पर प्रतिबंध हेतु प्रयासरत हैं।
संघ की ओर से न्यायालय में वाद दायर किया गया है जिसमें 24 अक्टूबर को सुनवाई होगी तथा राज्य सरकार का पक्ष सुना जाएगा। सरकार ने सार्वजनिक पार्क,मैदान,स्कूल, कॉलेज में बिना अनुमति किसी संगठन को कार्यक्रम करने पर प्रतिबंध लगाया है तथा राज्य के कर्मचारियों को राजनैतिक गतिविधि में भाग लेने के नाम पर संघ के पथ संचलन में भाग लेने वालों को सेवा से निलंबित कर दिया है।



