नई दिल्ली : सीएसडीएस (सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटीज) के निदेशक संजय कुमार ने अपने एक झूठे दावे से कांग्रेस के बिहार यात्रा अभियान को समर्थन देकर विवाद को नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया है। 17 अगस्त को राहुल गांधी ने बिहार की यात्रा शुरू की, जिसके साथ ही सोशल मीडिया पर #वोट_चोरी और #राहुल_गांधी_का_पर्दाफाश जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे। कांग्रेस ने अपने अभियान में विचारक योगेंद्र यादव (@_YogendraYadav) को भी टैग किया। उसी दिन संजय कुमार ने एक पोस्ट में महाराष्ट्र चुनावों के डेटा का गलत विश्लेषण पेश किया, जिसे बाद में उन्होंने झूठ माना और माफी मांगी।
संजय ने दावा किया था कि कुछ निर्वाचन क्षेत्रों में मतदाताओं की संख्या में भारी कमी आई, जो कांग्रेस के “वोट चोरी” के आरोपों को बल देता था। हालांकि, बाद में उन्होंने स्वीकार किया कि उनकी टीम ने 2024 के लोकसभा और विधानसभा डेटा में त्रुटि की, जिसके कारण गलत नतीजे निकले। इस गलती के बाद उन्होंने पोस्ट हटा ली और माफी जारी की। फिर भी, इस झूठ ने कांग्रेस के नैरेटिव को शुरूआती बढ़ावा दिया, जिससे चुनाव आयोग (ईसीआई) और भाजपा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।
भाजपा नेता अमित मालवीय ने इसे कांग्रेस की “झूठी कहानी” करार दिया, जबकि आईसीएसएसआर ने सीएसडीएस को नोटिस जारी कर डेटा हेरफेर की जांच शुरू की। कांग्रेस इसे विपक्ष की रणनीति बता रही है, लेकिन संजय के झूठ स्वीकारने से उनकी और सीएसडीएस की विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं। यह घटना चुनावी प्रक्रिया पर भरोसे को चुनौती दे रही है।