संतोष भारतीय का आईजीएनसीए के अध्यक्ष राय साहब के नाम खुला पत्र

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चौथी दुनिया के पूर्व संपादक संतोष भारतीय ने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के अध्यक्ष राम बहादुर राय को पहला मीसा बंदी के नाम पर संबोधित करने पर अपनी आपत्ति दर्ज की है। उन्होंने राय साहब को एक पत्र लिखा है, वे लिखते हैं:

आपसे विनम्रता के साथ एक इतिहास का टुकड़ा साझा करना चाहता हूं। 26 जून को अंबेडकर सभागार में आदरणीय दत्तात्रेय होसबोले साहब, आदरणीय नितिन गडकरी सहित सभी ने आपको प्रथम मीसा बंदी के रूप में संबोधित किया। मुझे नहीं मालूम कि आपको किस तारीख में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन 16 मार्च 1974 को मुजफ्फरपुर में कुमार प्रशांत, किशोर शाह और संतोष भारतीय को मीसा के तहत गिरफ्तार किया गया था और जेल भेज दिया गया था।

18 मार्च की सुबह मुजफ्फरपुर जेल में ख़ून से लथपथ एक छात्र नेता के अस्पताल में आने की खबर मिली, जो उन दिनों अपने को सुरेश वात्स्यायन के नाम से लिखते थे, आज वे सुरेश शर्मा के नाम से जाने जाते हैं जो प्रसिद्ध पत्रकार हैं, सांध्य टाइम्स के संपादक रहे हैं और उन्होंने बहुत सारी पुस्तकों का संपादन किया है, वह चौथे मीसा बंदी थे।

आदरणीय लोकनायक जयप्रकाश जी ने “सर्च लाइट” अख़बार में एक लेख लिखा था जिसमें हम सबके नाम के साथ उस समय के मुख्यमंत्री अब्दुल गफूर से कहा था कि जिन लड़कों को आपने क़ानून व्यवस्था तोड़ने के अपराध में गिरफ्तार किया है, वह आपको कानून व्यवस्था कैसे रखी जाती है सिखा सकते हैं।

मैं सिर्फ इतिहास के इस टुकड़े को आपके सामने इस आशा से रख रहा हूं की आप जब भी कुछ लिखें या जब भी कुछ कहें तो इस तथ्य को अगर सत्यापन के साथ देश के सामने रखेंगे तो इतिहास को विकृत होने से बचा लेंगे।

आप वरिष्ठ पत्रकार हैं और मैं आपके सामने बहुत लघु हूं, पर फिर भी सत्य को आपके सामने रखने की धृष्टता कर रहा हूं। अगर मैं कोई गुस्ताख़ी कर रहा हूं तो मैं आपसे क्षमा चाहता हूं।

यह पत्र संतोष भारतीय ने लिख कर वाट्सएप कर दिया है। यहां सवाल है कि संतोष भारतीय हैं कौन? इन दिनों वे पत्रकारिता में किसी भी तरह से सक्रिय हैं, ऐसी कोई जानकारी मीडिया स्कैन के पास नहीं है। वे लुटियन दिल्ली में अक्सर दिखाई देते हैं। उनका लिखा—पढ़ा दिखाई नहीं देता। कुछ समय के लिए उन्होंने राजनीति में भी हाथ आजमाया था। संभव है कि राय साहब के सहारे वे थोड़ी चर्चा बटोरना चाहते हैं। पत्रकारिता में आई युवा पीढ़ी को पता भी नहीं है कि संतोष भारतीय हैं कौन? राम बहादुर राय के बहाने संतोष भारतीय थोड़ी चर्चा हासिल कर लें तो इसमें राय साहब को क्या आपत्ति होगी?

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