‘शत शत अटल’: अटल बिहारी वाजपेयी के बहुआयामी व्यक्तित्व का संवेदनशील चित्रण

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मुम्बई। फिल्म निर्माता अतुल गंगवार और निर्देशक अतुल पांडेय की डॉक्यूमेंट्री ‘शत शत अटल’ पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जीवन पर केंद्रित एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है, जो प्रसार भारती वेव्स प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है। यह वृत्तचित्र न केवल अटल जी की राजनीतिक यात्रा को उजागर करता है, बल्कि उनके व्यक्तित्व के उन अनछुए पहलुओं को सामने लाता है जो उन्हें एक संवेदनशील कवि, कुशल राजनेता और सर्वसमावेशी नेता बनाते हैं। फिल्म की पटकथा अत्यंत बारिकी से बुनी गई है, जिसमें अटल जी के जीवन से जुड़े विभिन्न पात्रों को सलीके से शामिल किया गया है। ये पात्र वे लोग हैं जो उनके निकट रहे – सहयोगी, मित्र और समकालीन – जिनके माध्यम से उनके जीवन की गहराई उभरकर सामने आती है।

डॉक्यूमेंट्री का सबसे मजबूत पक्ष है अटल जी के कवि हृदय का चित्रण। फिल्म स्पष्ट करती है कि उनके भीतर का संवेदनशील कवि ही वह तत्व था जो पक्ष-विपक्ष के साथ संवाद की बड़ी भूमिका निभाता था। यह कवि सभी को जोड़कर चलने का हिमायती था, जिसने उन्हें गठबंधन सरकार चलाने की अभूतपूर्व क्षमता प्रदान की। अटल जी न केवल जोड़ना जानते थे, बल्कि अपनी शर्तों पर जोड़कर रखना भी। यही गुण उन्हें भारतीय राजनीति में एक अनोखा स्थान दिलाता है। फिल्म में यह भी खुलासा होता है कि उनकी अधिकांश कविताएं रेल यात्राओं के दौरान लिखी गईं, जो उनके सादगीपूर्ण और चिंतनशील स्वभाव को दर्शाती हैं।

अतुल गंगवार और उनकी टीम का शोध एवं दस्तावेजीकरण सराहनीय है। पुराने फुटेज, साक्षात्कार और ऐतिहासिक सामग्री का उपयोग इतनी कुशलता से किया गया है कि दर्शक अटल जी के जीवन की यात्रा में पूरी तरह डूब जाता है। यह वृत्तचित्र बताता है कि एक अटल बिहारी में कई अटल बिहारी समाए थे – राजनेता, कवि, वक्ता और दूरदर्शी नेता। उनके जीवन के अनछुए पहलू, जैसे रेल यात्राओं में कविता रचना और संवाद की कला, दर्शकों को गहराई से प्रभावित करते हैं।

हालांकि, कुछ कमियां भी हैं। फिल्म में अटल जी की गोद ली हुई बेटी नमिता भट्टाचार्य और उनके दामाद रंजन भट्टाचार्य का कोई उल्लेख नहीं मिलता, जो उनके निजी जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा थे। इसके अलावा, कई पात्रों के नामों या परिचय की कमी से दर्शकों को उनके वक्तव्यों से जुड़ने में थोड़ी कठिनाई हो सकती है। फिर भी, ये कमियां फिल्म की समग्र गुणवत्ता को कम नहीं करतीं।

कुल मिलाकर, ‘शत शत अटल’ अटल बिहारी वाजपेयी पर एक जरूरी डॉक्यूमेंट्री है जो उनके बहुआयामी व्यक्तित्व को जीवंत करती है। यह न केवल इतिहास के छात्रों और राजनीति प्रेमियों के लिए, बल्कि आम दर्शकों के लिए भी देखने लायक है। प्रसार भारती वेव्स पर उपलब्ध यह फिल्म अटल जी को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करती है।

फ़िल्म यहाँ देख सकते हैं : www.wavespb.com/links/SH17486Ubq

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आशीष कुमार अंशु

आशीष कुमार अंशु

आशीष कुमार अंशु एक पत्रकार, लेखक व सामाजिक कार्यकर्ता हैं। आम आदमी के सामाजिक सरोकार से जुड़े मुद्दों तथा भारत के दूरदराज में बसे नागरिकों की समस्याओं पर अंशु ने लम्बे समय तक लेखन व पत्रकारिता की है। अंशु मीडिया स्कैन ट्रस्ट के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं और दस वर्षों से मानवीय विकास से जुड़े विषयों की पत्रिका सोपान स्टेप से जुड़े हुए हैं

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