प्रशांत पोल
भोपाल ।
राष्ट्र सेविका समिती की चतुर्थ प्रमुख संचालिका, आदरणीय प्रमिलताई मेढे का आज कुछ समय पहले दुःखद निधन हुआ हैं. 97 वर्ष की प्रमिलताई ने, अपने श्वासों के अंतिम समय तक मात्र राष्ट्र कार्य की ही चिंता की. अत्यंत प्रगल्भ, अत्यंत दूरद्रष्टा एवं अत्यंत स्नेहिल प्रमिलताई ने समिति के कार्य को नया आयाम दिया था.
दुःखद संयोग ऐसा रहा की आज ही प्रातः सुमेधा और मैं, श्रध्देय प्रमिलताई से मिलने अहिल्या मंदिर गए थे. वे ऑक्सिजन पर थी, किंतू समझ रही थी, अत्यंत क्षीण आवाज मे बोल भी रही थी. मैने मेरी नई पुस्तक के बारे मे उन्हे बताया. उन्होने पुस्तक का विषय पुछा. मैं भाग्यशाली हूं, कि मेरा लिखा अधिकतम साहित्य उन्होने पढा था. हम लोग उनके साथ लगभग साठे आठ बजे तक थे. नौ बजकर पांच मिनट पर उन्होने अंतिम सांस ली.
एक प्रखर राष्ट्रभक्त, कुशाग्र बुध्दि धारण करने वाली, तेजस्वी और चैतन्यशील आत्मा हमारे बीच से चली गई..!
श्रध्देय प्रमिलताई ताई जी को भावपूर्ण श्रध्दांजली !
ॐ शांति.