जम्मू-कश्मीर स्थित अखबारों के एडिटर्स को उनकी रिपोर्टिंग या एडिटोरियल के लिए ‘अनौपचारिक तरीके’ से हिरासत में लिए जाने पर एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने हैरानी जताई है। एडिटर्स गिल्ड ने अपने बयान में ‘द कश्मीर वाला’ के एडिटर-इन-चीफ फहाद शाह की हाल में हुई हिरासत का जिक्र किया।
EGI ने अपने बयान में कहा कि शाह को कुछ ही घंटे हिरासत में रखने के बाद छोड़ दिया गया था, हालांकि ये तीसरी बार है जब अपनी लेखनी के लिए फहाद शाह को हिरासत में लिया गया है। एडिटर्स गिल्ड ने कहा कि उनका यह मामला अकेला नहीं है। कई ऐसे पत्रकार हैं जो इस न्यू नॉर्मल का सामना कर रहे हैं कि सरकार के घाटी में शांति लौटने के नैरेटिव से कुछ भी अलग लिखने वालों को सुरक्षा बल हिरासत में ले सकते हैं।
जम्मू-कश्मीर प्रशासन से एडिटर्स गिल्ड ने ऐसी परिस्थिति बनाने की मांग की है, जहां प्रेस ‘बिना किसी डर और तरफदारी’ के अपना नजरिया जाहिर कर सके और खबरों की रिपोर्ट कर सके।
मालूम हो कि भारतीय सेना ने 30 जनवरी को ‘द कश्मीर वाला’ के एडिटर-इन-चीफ फहाद शाह और असिस्टेंट एडिटर यशराज शर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। ये एफआईआर 27 जनवरी की एक न्यूज रिपोर्ट के लिए हुई थी, जिसमें कहा गया था कि सेना के लोगों ने शोपियां जिले में कथित तौर से एक स्कूल को गणतंत्र दिवस का कार्यक्रम करने के लिए मजबूर किया था।
इसके अलावा भी कई ऐसे पत्रकार हैं, जिन पर कार्रवाई की गई है। 5 मई को दो फोटोजर्नलिस्ट को श्रीनगर के नौहट्टा इलाके में प्रदर्शन शुरू होने के बाद पुलिस ने कथित तौर से पीटा था। पिछले साल 18 अप्रैल को फ्रीलांस फोटोजर्नलिस्ट मसरत जहरा पर उनके सोशल मीडिया पोस्ट्स को लेकर UAPA लगाया गया था।