भारतीय रिजर्व बैंक ने यूपीआई पर नवाचारी भुगतान पद्धति संवाद के माध्यम से भुगतान के शुभारंभ का प्रस्ताव किया है। यह पद्धति उपभोक्ताओं को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस संचालित प्रणाली पर बातचीत के जरिए लेनदेन को सुरक्षित तरीके से सम्पन्न करनी की सुविधा देगी।
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि यह चैनल स्मार्ट फोन और फीचर फोन आधारित यूपीआई चैनलों में उपलब्ध होगा। इससे देश में डिजिटल समझ को बढ़ाने में मदद मिलेगी। शुरूआत में यह सुविधा अंग्रेजी और हिंदी माध्यम में उपलब्ध कराई जाएगी। बाद में अन्य भारतीय भाषाओं में भी यह सुविधा दी जाएगी। केन्द्रीय बैंक ने यूपीआई लेन-देन में निकट क्षेत्र संचार प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करने का भी प्रस्ताव किया है।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने डिजिटल भुगतान की पहुंच व इस्तेमाल को और बढ़ाने के लिए ‘यूपीआई लाइट’ पर ऑफलाइन माध्यम से एक बार में भुगतान की सीमा को 200 रुपये से बढ़ाकर 500 रुपये करने का प्रस्ताव किया है। मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की मंगलवार से शुरू हुई तीन दिन की बैठक में किए गए निर्णय की जानकारी देते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि यूपीआई पर छोटे मूल्य के लेनदेन की गति बढ़ाने के लिए सितंबर, 2022 में ‘यूपीआई लाइट’ को लाया गया था।