पंकज कुमार झा
कांग्रेस के सोशल मीडिया प्रबंधकों की रणनीति अब हास्यास्पद स्तर तक पहुंच चुकी है। इनके कार्यों पर केवल दया ही की जा सकती है। जब भी मैं इनके खिलाफ कुछ असुविधाजनक लिखता हूं, ये मेरे वर्षों पुराने पोस्ट का स्क्रीनशॉट संदर्भ बदलकर या छिपाकर साझा कर देते हैं।
यह पोस्ट उस समय का है जब मैंने अभिनेत्री कंगना रनौत के समर्थन में लिखा था। उस समय कंगना न तो भाजपा में थीं, न सांसद थीं, और न ही उनकी वर्तमान जिम्मेदारियां थीं। फिर भी, मुझे कभी सफाई देने की आवश्यकता नहीं पड़ी, क्योंकि ऐसी गंदगी का जवाब सफाई से नहीं दिया जा सकता। फिर भी, इसे स्पष्ट करना जरूरी है।
दरअसल, कंगना के राष्ट्रवादी विचारों से परेशान कांग्रेस समर्थकों ने उन्हें लगातार ट्रोल करना शुरू किया था। उनकी एक बिकिनी वाली तस्वीर को कांग्रेस के बड़े हैंडल्स और समर्थकों द्वारा बार-बार साझा कर उनका अपमान किया जा रहा था। तब मैंने उस तस्वीर को री-पोस्ट करते हुए लिखा था कि इसमें कुछ भी गलत नहीं है। इसे तोड़-मरोड़कर पेश करना बंद किया जाए।
कांग्रेस की सोशल मीडिया रणनीति की निम्नता यहीं नहीं रुकी। जब कंगना को भाजपा से टिकट मिला, तो कांग्रेस की एक सोशल मीडिया नेत्री ने अश्लील भाषा में उनका ‘मंडी में भाव’ पूछा था, जिसे बाद में भारी आलोचना के बाद हटाना पड़ा। मेरे उस समर्थन वाले पोस्ट को आज भी ये मेरे खिलाफ हथियार बनाने की नाकाम कोशिश करते हैं।
इसी तरह, एक अन्य घटना में कांग्रेस ने एक भारतीय लड़की, जिसे पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में पकड़ा गया था, को भाजपा की टोपी पहनाकर उसे भाजपा सदस्य के रूप में पेश करने की कोशिश की। मैंने तब कांग्रेस नेताओं से अनुरोध किया था कि ऐसी फर्जी तस्वीर हटाई जाए। कुछ नेताओं ने मेरी बात मानी और वह पोस्ट हटा लिया। लेकिन मजेदार बात यह है कि उसी फर्जी तस्वीर के खिलाफ लिखे मेरे पोस्ट को कांग्रेस समर्थक बार-बार फर्जी तस्वीर के रूप में रिपोर्ट करते हैं। मेटा भी इसे मानकर मुझे ‘दंडित’ करता है-कभी फीड की पहुंच कम करके, कभी अन्य प्रतिबंध लगाकर।
मैं 2014 से कहता आ रहा हूं-कांग्रेस से जीतने का जज्बा तो लाया जा सकता है, लेकिन यह वामपंथी निम्नता कहां से लाई जाए? अच्छी बात यह है कि अब भाजपा भी इन्हें इनकी ही भाषा में जवाब देना शुरू कर चुकी है।