उस दिन रात को अशोक श्रीवास्तव ने अपने शो में सवाल उठाया कि भारत तैयार, पर घर में छुपे कितने गद्दार ?
और स्क्रीन पर खड़गे, इमरान मसूद ( जिसने उसी दिन बालाकोट हमले को लेकर कहा था कि दुनिया भारत पर हंस रही थी) और मदनी ( जिसने सिंधु का पानी रोकने के भारत के फैसले पर सवाल उठाया था) की फोटो लगी थी।
इस प्रोग्राम के बाद देर रात भारत ने स्ट्राइक कर दी। और सुबह आल पार्टी मीट में कांग्रेस ने कहा कि हम सरकार के साथ खड़े हैं। गौरतलब है कि यह पूरी कहानी एक रात की है। अशोक श्रीवास्तव ने जो शो किया, वह पिछली रात का सच था। रात डेढ़ बजे पाकिस्तान की हुई ठुकाई के बाद, कांग्रेस का स्टैंड सामने आया। फिर खड़गे जी का भी स्टैंड बदला हो लेकिन पाकिस्तान की ठुकाई की पिछली रात का सच तो वही था, जो अशोक श्रीवास्तव ने अपने शो में कहा और दूरदर्शन ने दिखाया।
सच का सामना करना सबके वश की बात नहीं है। कांग्रेस बौखला गई। एक दिन बाद कांग्रेस के नेताओं ने अशोक श्रीवास्तव के प्रोग्राम का एक दिन पहले का स्क्रीन शॉट उठाकर अपना एजेंडा चलाना शुरू कर दिया। उनके ट्रॉल एक्टिवेट हो गए। कांग्रेस कहने लगी कि हम सरकार के साथ खड़े हैं लेकिन सरकारी चैनल का एंकर कांग्रेस के ‘दलित’ अध्यक्ष को गद्दार कह रहा है।
अशोक श्रीवास्तव ने खड़गे जी पर जो टिप्पणी की उनके दलित होने की वजह से नहीं बल्कि कांग्रेस के अध्यक्ष होकर गैर जिम्मेदाराना बयान की वजह से दी। ऐसा बयान दत्तात्रेय गोत्र के ब्राह्मण राहुल गांधी ने भी दिया होता तो उनकी तस्वीर भी शो में शामिल होती। वैसे भी शो में एंकर उन सभी लोगों पर हमलावर थे जो देश के खिलाफ टिप्पणी कर रहे थे। जाने अनजाने में अपने बयानों से पाकिस्तान की मदद ही कर रहे थे।
उल्लेखनीय है कि पूरे प्रोग्राम में किसी व्यक्ति को देश का गद्दार नहीं कहा गया था और सच तो यह है कि ऑपरेशन सिंदूर और ऑल पार्टी मीट के बाद भी कांग्रेस के नेता ऑपरेशन सिंदूर पर सवाल उठाते रहे, अलका लांबा पीएम का मजाक उड़ाते उन पर ट्वीट कर रही थीं, पीएम को “विषगुरु” वाले ट्वीट रीट्वीट कर रही थीं। उत्तर प्रदेश के एक बड़े कांग्रेसी नेता पर बयान के लिए ही एफआईआर हुई है।
अब कांग्रेस और पूरे इकोसिस्टम ने अशोक श्रीवास्तव के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सूचना और प्रसारण मंत्री को टैग करके उन्हें नौकरी से निकालने की मांग की जा रही है। उनके खिलाफ प्रसार भारती अध्यक्ष को चिट्ठी लिखी जा रही है।
ऐसे समय में उन्हें अकेला छोड़ना सही नहीं है। कम से कम इसको लेकर जहां तक जिसकी आवाज आवाज पहुंचती हो, आवाज उठाना चाहिए।