रवि त्रिपाठी लंबे समय से पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी बेबाक और विश्लेषणात्मक शैली के लिए जाने जाते हैं। उनकी गहरी समझ और बिहार के सामाजिक-राजनीतिक मुद्दों पर पकड़ ने उन्हें जनता के बीच लोकप्रिय बनाया है। उनके इस फैसले को बिहार की राजनीति में एक सकारात्मक बदलाव के रूप में देखा जा रहा है। यह माना जा रहा है कि त्रिपाठी जैसे शिक्षित और जागरूक व्यक्तित्व बिहार की राजनीति को नई दिशा दे सकते हैं।
बिहार में राजनीति अक्सर जातिगत समीकरणों और क्षेत्रीय मुद्दों के इर्द-गिर्द घूमती रही है। ऐसे में, त्रिपाठी जैसे लोग, जो विकास और सुशासन के मुद्दों को प्राथमिकता दे सकते हैं, बिहार की राजनीतिक दशा सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। उनकी पत्रकारिता के अनुभव से नीति-निर्माण में पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
बीजेपी नेताओं ने त्रिपाठी के इस कदम का स्वागत किया है और इसे पार्टी की विकास-उन्मुख सोच को मजबूती देने वाला बताया है। बिहार की जनता को अब यह देखना है कि त्रिपाठी अपने अनुभव और दृष्टिकोण का उपयोग कर राजनीति में कितना बदलाव ला पाते हैं। उनके इस कदम से बिहार की राजनीति में एक नई बहस शुरू हो गई है कि क्या शिक्षित और जागरूक लोग राजनीति को बेहतर बना सकते हैं।