भोपाल। हर साल 12 जुलाई को विश्व पानीपुरी दिवस मनाया जाता है, जो भारत की सबसे लोकप्रिय स्ट्रीट फूड्स में से एक, पानीपुरी, को समर्पित है। यह दिन न केवल इस स्वादिष्ट व्यंजन के प्रति प्रेम को दर्शाता है, बल्कि भारतीय संस्कृति और खानपान की विविधता को भी उजागर करता है। पानीपुरी, जिसे अलग-अलग क्षेत्रों में गोलगप्पा, फुचका, या बटाशा भी कहा जाता है, एक छोटा-सा कुरकुरा पूर है, जिसमें मसालेदार पानी, चटनी, और कई तरह के मिश्रण भरे जाते हैं। इसका स्वाद चटपटा, खट्टा, और तीखा होता है, जो हर उम्र के लोगों को लुभाता है।
पानीपुरी की उत्पत्ति के बारे में कई कहानियाँ प्रचलित हैं। कुछ का मानना है कि यह मगध क्षेत्र (आज का बिहार) से शुरू हुआ, जबकि अन्य इसे उत्तर भारत की देन मानते हैं। चाहे इसकी उत्पत्ति कहीं से भी हो, पानीपुरी ने पूरे भारत और विश्व में अपनी जगह बना ली है। आज यह न केवल भारत के गली-नुक्कड़ों पर, बल्कि विदेशों में भारतीय रेस्तरां और स्ट्रीट फूड स्टॉल्स पर भी लोकप्रिय है।
विश्व पानीपुरी दिवस पर लोग अपने पसंदीदा पानीपुरी स्टॉल्स पर जाते हैं, दोस्तों और परिवार के साथ इसका आनंद लेते हैं। सोशल मीडिया पर #WorldPaniPuriDay ट्रेंड करता है, जहाँ लोग अपनी पानीपुरी की तस्वीरें और अनुभव साझा करते हैं। कई जगहों पर पानीपुरी खाने की प्रतियोगिताएँ भी आयोजित की जाती हैं, जो उत्सव को और मजेदार बनाती हैं।
पानीपुरी सिर्फ़ एक व्यंजन नहीं, बल्कि भावनाओं और यादों का प्रतीक है। यह हमें एकजुटता, सादगी, और स्वाद के उत्सव का एहसास कराती है। विश्व पानीपुरी दिवस हमें इस छोटे-से व्यंजन के बड़े प्रभाव को सेलिब्रेट करने का मौका देता है, जो हर काट में खुशी देता है।