मनोज श्रीवास्तव
ये आक्सफोर्ड यूनियन सोसायटी जिस तरह से We believe in an Independent State of Kashmir पर डिबेट कराता है, उस तरह से भारत के छात्र संगठन कभी We believe in an Independent State of London पर बहस कभी क्यों नहीं कराते? अब तो वहाँ लंदन में मेयर भी मुस्लिम है। या नहीं तो We believe in an Independent State of Bradford कर दें जहाँ मुस्लिम ही मुस्लिम हैं।
कौन-सी दुनिया में रहते हैं ये हमारे ABVP, ये हमारे NSUI? इन्हें एक दूसरे को हराना ही अपने अस्तित्व की चरम चरितार्थता लगती है।
वे 49 विश्वविद्यालय मिलकर Dismantling Hindutva पर सेमिनार कर लेते हैं। और हमारे विश्वविद्यालयों से एक बार भी उसी तर्ज पर Dismantling Christianism जैसा कोई आयोजन नहीं होता। जैसे वे कहते हैं कि हम Hinduism की बात नहीं कर रहे, Hindutva की बात कर रहे थे, वैसे ही आप भी कहें न कि आप Christianity की बात नहीं करना चाह रहे, Christianism पर बात करना चाह रहे हैं।
वे Hindutva पर विमर्श के नाम पर भारत के आंतरिक मामलों में अपनी नाक घुसा सकते हैं, तो इसका इसी तरह का प्रत्युत्तर आपकी नाक का सवाल क्यों नहीं बनता।
उनकी यूनियन डिबेट कर लेती है कि We do not believe in Modi Government तो कभी आपसे क्यों नहीं बनता कि We do not believe in Biden Government पर वाद विवाद प्रतियोगिता आयोजित कराते?
आप ही उनकी गेज़ के शिकार रहोगे हमेशा? भगवान ने आपको आँखें नहीं दीं? बटन दिये?
आपको नहीं समझ आता कि जब तक इन्हें इन्हीं के सिक्कों में दाम नहीं चुकाये जायेंगे ये बाज नहीं आएँगे?
और आप तरुणाई के प्रतिनिधित्व का दावा करते हो?
(सोशल मीडिया से)