यूथ सभा 2047 में भारत के भविष्य पर युवाओं, नीति-निर्माताओं और सोशल इन्फ्लुएंसर्स ने किया मंथन

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नई दिल्ली, 12 अगस्त 2024: नेक्स्ट जेनरेशन इंडिया फेलोशिप के एक हिस्से के रूप में, यूएन फाउंडेशन और अग्रणी थिंक टैंक काउंसिल ऑन एनर्जी, एनवायरनमेंट एंड वॉटर (सीईईडब्ल्यू) ने नई दिल्ली में इंटर-जेनरेशनल टाउन हॉल ‘यूथ सभा 2047-शेपिंग इंडियाज फ्यूचर’ का आयोजन किया। यह कार्यक्रम अनलॉक द फ्यूचर कोएलिशन समर्थित नेशनल टाउन हॉल सीरीज का हिस्सा है, जो सितंबर में यूएन के समिट ऑफ द फ्यूचर के लिए दुनिया भर के युवाओं को जोड़ने का प्रयास कर रहा है।

कार्यक्रम के दूसरे हिस्से में छात्र भारत की आजादी के 100 वर्ष पूरे होने पर उसकी प्राथमिकताओं, ऊर्जा व खाद्य प्रणालियों, सस्टेनेबल शहरों व स्वास्थ्य कार्यक्रमों और महासागरों जैसे विषयों पर राउंडटेबल चर्चाओं में शामिल हुए। अपने वीडियो संदेश में भारत के जी20 शेरपा और नेक्स्ट जेनरेशन इंडिया फेलोशिप के सलाहकार श्री अमिताभ कांत ने कहा, “भारत की 50 प्रतिशत से ज्यादा आबादी 25 साल से कम उम्र की है, और मैं युवाओं में निवेश का पूर्ण समर्थक हूं। युवा जिज्ञासु, बहादुर, और नए प्रयोग करने वाले हैं और किसी भी काम में वे जबरदस्त ऊर्जा लेकर आते हैं। इनमें से अधिकांश युवा भारत के 100 वर्ष पूरे होने के गवाह बनेंगे। गतिशील युवा नेतृत्वकर्ताओं को एकजुट करने का सीईईडब्ल्यू और यूएन फाउंडेशन का प्रयास सराहनीय है।”

यूएन फाउंडेशन की प्रेसिडेंट और सीईओ, एंबेसडर एलिजाबेथ कजंस ने कहा, “देश की वर्तमान और भविष्य की चुनौतियों का सामना करने में युवा एक अद्वितीय शक्ति हैं। एक सतत, समावेशी और समृद्ध राष्ट्र बनाने के लिए उनकी आवाज और विचार अनिवार्य है। निर्णय लेने वाली प्रक्रियाओं में युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित करते हुए, यूएन फाउंडेशन इन युवाओं के मस्तिष्क को सशक्त बनाने के लिए समर्पित है। यूथ सभा 2047 में, हमने देश भर के युवाओं के एक प्रेरणादायी समागम देखा, जो प्रगति को आगे ले जाने, नवाचारों को बढ़ावा देने और एक जीवंत व न्यायसंगत भविष्य सुनिश्चित करने के लिए एक साथ आए हैं।”

अभिनेत्री, निर्माता और संयुक्त राष्ट्र महासचिव की एसडीजी एडवोकेट, सुश्री दीया मिर्जा ने कहा, “संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) जीवन से जुड़े हैं। जलवायु परिवर्तन का संकट, प्रदूषण और जैव विविधता की हानि, धरती के ऐसे संकट हैं, जो अब अमूर्त शब्द नहीं हैं। हम सभी प्रदूषित हवा, बार-बार आने वाली बाढ़ और कोविड-19 महामारी जैसे जूनोसिस का सामना कर रहे हैं। ये शक्तियां हमें यह पूछने पर मजबूर करती हैं: कैसे व्यक्तिगत स्तर के फैसले और गतिविधियां परिवर्तन को आगे की दिशा में बढ़ा सकती हैं?” उन्होंने आगे कहा, “मैं कलाकारों के एक छोटे, लेकिन बढ़ते हुए समुदाय का प्रतिनिधित्व करती हूं, जो सभी जगहों पर सभी के लिए एक स्वस्थ पृथ्वी बनाने के लिए आवश्यक परिवर्तनों का समर्थन करते हैं। भारत में कई युवा हैं, अभी जिन्हें सुने जाने की जरूरत है। हम कैसे व्यवसायों को तैयार करें, अर्थव्यवस्था, विनिर्माण, वृद्धि और उत्पादन कैसे करें, एसडीजी इसके लिए मार्गदर्शक सिद्धांत हैं।”

संयुक्त राष्ट्र के रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर, श्री शॉम्बी शार्प ने कहा, “भारत के पास इतिहास की सबसे बड़ी युवा पीढ़ी है और हमें इस हिस्से को पकड़ना होगा। युवा सहायक भर नहीं हैं, बल्कि वे वर्तमान हैं और हमारे मुख्य प्राथमिकता हैं। युवाओं के विचारों और आकांक्षाओं को नीति निर्माण में निश्चित तौर पर शामिल किया जाना एक शीर्ष प्राथमिकता है और जिसके लिए हमें युवा मस्तिष्क को समाधानों का हिस्सा बनाने के लिए जोड़ना होगा। सौभाग्य से, युवाओं की आवाज का इतनी आसानी से सुना जाना पहले आसान नहीं था, लेकिन अब सोशल मीडिया ने इस कमी को दूर कर दिया है।”

यूथ सभा 2047, एक प्रमुख मील का पत्थर है, क्योंकि दुनिया की सर्वाधिक आबादी वाला देश भारत ने 2047 तक एक विकसित देश बनने का खाका तैयार किया है। यूथ सभा ने 11 नेक्स्ट जेनरेशन इंडिया फेलो, छात्रों, नीति निर्माताओं, सरकारी अधिकारियों, नागरिक समाज के नेताकर्ताओं और राजनयिकों को एकसाथ जोड़ा है। इसमें युवाओं को केंद्र में रखकर भारत के भविष्य को आकार देने के उद्देश्य से कई आकर्षक चर्चाएं, उच्च-स्तरीय पैनल चर्चा और विमर्श शामिल रहे।

इस कार्यक्रम में डॉ. शमिका रवि, सदस्य, प्रधानमंत्री आर्थिक सलाहकार परिषद, भारत सरकार, श्री राकेश शर्मा, अंतरिक्ष यात्री व वाह्य अंतरिक्ष में जाने वाले पहले भारतीय, डॉ अरुणाभा घोष, सीईओ, सीईईडब्ल्यू और सुश्री रिचा गुप्ता, यूएन यंग लीडर फॉर एसडीजी और लभ्य फाउंडेशन की सीईओ भी शामिल रहीं।

प्रधानमंत्री आर्थिक सलाहकार परिषद, भारत सरकार, की सदस्य डॉ. शमिका रवि ने कहा, “जब हम कॉलेज में थे, तब होनहार बच्चों के हाथों में गिटार और बैंड होते थे। अब भारत में होनहार बच्चों के हाथों में स्टार्ट-अप्स, विचार और आकांक्षाएं हैं। उन्हें वास्तविकता से जोड़ने में मदद करने के लिए आंकड़े महत्वपूर्ण हैं। शोध परिणाओं को अगली पीढ़ी के साथ साझा करना बेहद संतोषजनक है। छोटा ही सही, लेकिन हम जितना भी योगदान कर सकते हैं, हम में से सभी को अपने पास उपलब्ध उपायों से दुनिया की मदद करनी होगी।”

नेक्स्ट जेनरेशन इंडिया फेलोशिप की लीड फेलो सुश्री प्राची शेवगांवकर ने कहा, “25 साल से कम उम्र की आधी से अधिक आबादी के साथ भारतीय युवा वैश्विक स्तर पर भविष्य को प्रभावित करने की एक अनोखी और शक्तिशाली स्थिति में है। बस हमें अपने भीतर की परिवर्तनकारी शक्ति को पहचानना चाहिए। युवाओं के नेतृत्व वाले राष्ट्र निर्माण के इसी नजरिए को जमीन पर उतारने के लिए यूथ सभा 2047 का गठन किया गया है।”

यूथ सभा 2047 में चंडीगढ़ के कलाकार और नेक्स्ट जेनरेशन इंडिया फेलो, गुरजीत सिंह ने एक विजनरी आर्ट इंस्टालेशन, फैब्रिक ऑफ द फ्यूचर के साथ आगामी शब्दकोश के कॉन्सेप्ट को सामने रखा। गुरजीत सिंह ने मूर्तिकला, पेंटिंग, ड्राइंग, साउंड और अभिनय सहित कई माध्यमों में काम किया है। उनके आर्ट इंस्टॉलेशन में टू-लेयर्ड टेपेस्ट्री शामिल है, जिसे बनाने में 2019 और 2024 के बीच भारत के सभी क्षेत्रों से एकत्रित कपड़ों का इस्तेमाल किया गया है। यह कलाकृति अपने कढ़ाई के माध्यम से युवाओं की आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करती है। यह शब्दकोश, इंडिया इन फ्यूचर टेंस और 2025 अवर फ्यूचर इंडिया रिपोर्ट जारी होने तक चलने वाली युवा चर्चा की सीरीज का भी संकेत देती है।

नेक्स्ट जेनरेशन इंडिया फेलोशिप, यूएन फाउंडेशन के अवर फ्यूचर एजेंडा प्रोग्राम और सीईईडब्ल्यू के बीच की एक साझेदारी है। यह फेलोशिप भारत की जी20 अध्यक्षता के मौके पर शुरू हुई थी। यह देश के भविष्य को आकार देने और दुनिया की सबसे ज्वलंत चुनौतियों के समाधान में युवाओं को सबसे आगे रखती है, क्योंकि युवा भारत के लिए ‘फ्यूचर एजेंडा’ पर आम सहमति के लिए वैश्विक स्तर पर इंटर-जेनेरशनल चेंजमेकर्स के साथ काम करते हैं।

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