भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन – इसरो ने ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान- पीएसएलवी-सी58 से एक्स-रे पोलरीमीटर सैटेलाइट-एक्सपोसैट को अंतरिक्ष में छोड़ा। यह प्रक्षेपण आज सुबह 9 बजकर 10 मिनट पर आंध्र प्रदेश में श्रीहरिकोटा से किया गया। इसके साथ दस अन्य वैज्ञानिक पेलोड का भी प्रक्षेपण किया गया।
यह मिशन खगोलीय स्रोतों से ब्रह्मांडीय एक्सरे के ध्रुवीकरण का अध्ययन करने संबंधी भारत के पहले समर्पित वैज्ञानिक प्रयास को दर्शाता है। इस प्रक्षेपण के बाद भारत ब्लैक होल और न्यूट्रॉन नक्षत्रों के अध्ययन के लिए विशिष्ट खगोल शास्त्रीय वेधशाला भेजने वाला दूसरा देश बन गया है। इसरो के अध्यक्ष एस0 सोमनाथ ने बताया कि एक्सपोसैट को सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया गया है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने एक्सपोसैट के सफल प्रक्षेपण के लिए इसरो को बधाई दी है। एक सोशल मीडिया पोस्ट में डॉ. सिंह ने कहा, इसरो ने 2024 की शुरुआत अपने अंदाज़ में की है। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में अंतरिक्ष विभाग से जुड़े होने पर उन्हें गर्व है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के व्यक्तिगत हस्तक्षेप और संरक्षण से टीम इसरो एक के बाद एक सफलता हासिल कर रही है।