एग्जिट पोल्स कहते हैं कि एनडीए को 300 से ज्यादा सीटें मिल सकती हैं। एग्जिट पोल्स सामने आने के बाद भाजपा समर्थकों में ख़ुशी की लहर है, लेकिन परिणाम इस ख़ुशी को काफुर भी कर सकते हैं। क्योंकि एग्जिट पोल्स का इतिहास काफी प्रभावशाली नहीं रहा है।
पिछले कुछ पोल्स पर
नज़र डालने पर साफ़ हो जाता है कि एग्जिट पोल्स पर ज्यादा विश्वास नहीं किया जा
सकता। हालांकि, 2014 के एग्जिट पोल्स कुछ हद तक असल परिणामों के नज़दीक रहे, लेकिन सत्ता तक पहुँचने में यह ‘कुछ’ खेल बना और बिगाड़ दोनों सकता है। पिछले लोकसभा चुनाव
को लेकर अधिकांश एजेंसियों ने एनडीए को 260 से 280 सीटें मिलने की बात कही थी, जबकि यूपीए की
अनुमानित सीटों की संख्या 100 के आसपास बताई गई थी। मगर जब परिणाम आये तो हर कोई
चौंक गया। एनडीए ने रिकॉर्डतोड़ 336 सीटें हासिल कीं
और यूपीए महज 60 पर सिमटकर रह गई। इस लिहाज से देखें तो एग्जिट पोल्स
में भाजपा नीत एनडीए की जीत की बात सही साबित हुई, लेकिन अनुमानित
और असल सीटों के बीच एक बहुत बड़ा अंतर छूट गया। यदि इस बार भी ऐसा कुछ होता है, तो सियासी उंट किसी भी करवट बैठ सकता है।
2014 के एग्जिट पोल्स में इंडिया टुडे ने एनडीए को 261-183, CNN-IBN, CSDS ने 270-282 और इंडिया
टीवी-सी वोटर ने 289 सीटें मिलने की बात कही थी। जबकि यूपीए को क्रमश: 110-120, 92-102 और 100 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया था। इन पोल्स में
ममता बनर्जी की टीएमसी और AIADMK के बारे में कहा गया था कि दोनों दलों को 20 से ज्यादा सीटों पर जीत मिल सकती है, लेकिन कितनी ज्यादा इसका कोई जिक्र नहीं था। परिणामों में
ममता की पार्टी को 42 में से 34 और AIADMK को 39 में से 37 सीटें मिलीं।
2004 में एग्जिट पोल्स बुरी तरह विफल रहे। उस वक्त ज्यादातर पोल्स में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में एनडीए सरकार के फिर सत्ता में आने की भविष्यवाणी की गई थी, मगर नतीजे बिल्कुल उलट आए। एनडीए को 189 सीटें मिलीं और कांग्रेस की अगुआई वाले यूपीए को 222 सीटें। 2009 में भी एग्जिट पोल्स फेल रहे। ज्यादातर एग्जिट पोल्स में यह तो कहा गया कि यूपीए को एनडीए पर बढ़त मिलेगी, लेकिन किसी ने यह अनुमान नहीं लगाया कि कांग्रेस अकेले ही 200 पार पहुंच जाएगी। परिणाम सामने आये तो कांग्रेस को अकेले 206 और यूपीए को 262 सीटें मिलीं। ऐसे ही 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान भी एग्जिट पोल्स गलत रहे। सभी एग्जिट पोल्स में भाजपा+ को जेडीयू-आरजेडी गठबंधन पर बढ़त दिखाई गई, लेकिन नतीजे इसके विपरीत आये। भाजपा+ 58 सीटों पर सिमट गई और जेडीयू-आरजेडी गठबंधन ने 178 सीटें अपने नाम कीं।