माँ यमुना की वर्तमान स्थिति व आगामी महाआरती योजना हेतु ऑनलाई बैठक सम्पन्न

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दिल्ली। दिनांक 31.03.2024 को यमुना परिवार कांउसिल के संरक्षक व मार्गदर्शक आध्यात्मिक गुरू परम पूज्य स्वामी चिदानंद सरस्वती मुनि जी महाराज के मार्गदर्शन व सानिध्य में माँ यमुना की वर्तमान स्थिति एवं आगामी महाआरती योजना हेतु ‘ऑनलाईन बैठक’ का आयोजन सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ। इस बैठक का सफल संचालन यमुना परिवार काउंसिल के निदेशक श्री कपिल गर्ग जी ने किया। इस बैठक में अनेकों यमुना भक्तों ने भाग लिया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में माता हिमांगी सखी जी का भी सभी यमुना साधकों को सानिध्य प्राप्त हुआ। बैठक में अतिथि के रूप में डॉ. वेद प्रकाश जी ने यमुना नदी के विषय में विस्तृत चर्चा की तथा उन्होंने कहा कि यमुना दिल्ली की जीवन रेखा है। मां यमुना का विषय आज बहुत गंभीर हो चुका है। पहाड़ को काट-काट कर यमुना जी में डाले जा रहे हैं, फैक्ट्रियों की गन्दगी को यमुना नदी में डाला जा रहा है, अंतिम संस्कार के गंदे कपड़े आदि फेकें जा रहे हैं। उन्होंने यमुना नदी की ऐतिहासिक दिशा में चर्चा की तथा वाटर ट्रीटमेंट प्लान्ट लगाने की बात कही। डॉ. वेद प्रकाश जी ने कहा कि हम सबको मिलकर कोई कारगर योजना बनानी चाहिए जिसमें समन्वय हो, सरकारों में प्रतिबद्धता हो, यमुना नदी की स्वच्छता हेतु कुछ ठोस नियम एवं कानून बनाये जायें। यदि ऐसा नहीं होता है तो दण्ड का प्रावधान हो, जन जागरण निरन्तर होता रहे, महाआरतियों का प्रत्येक वर्ष आयोजन हो, बच्चों के बीच में सेमिनार किये जायें, लोगों के बीच में जनता से संवाद किया जाये जिसके जरिये जनता से समर्थन और सहयोग मिलेगा तभी यमुना स्वच्छ होंगी।

इस बैठक में अतिथि के रूप में पधारे डॉ. षिव सिंह रावत जी ने बताया कि यमुना जी के प्रति यमुना परिवार काउंसिल का प्रयास बेहद सराहनीय है। इस संस्था ने मां यमुना जी के प्रति लोगों में जन जागरूकता एवं जन जागृति के लिए बेहद प्रयास किया है, जो एक सराहनीय कदम है। उन्होंने यह भी बताया कि हम सभी संस्थाएं मिलकर इस काम को आगे बढ़ाना चाहिए। साथ ही यमुनोत्री धाम के प्रमुख पुजारी श्री कृतेष्वर उनियाल पंडित जी ने बताया कि यमुना जी की धारा पर आज जो यमुना परिवार काउंसिल कार्य कर रही है वह उनके पूर्व जन्मों का फल है। यदि व्यावहारिक दृष्टि से देखा जाये तो जल ही जीवन है। अगर जल बचेगा तभी हमें जीवन प्रदान होगा। यमुनोत्तरी से लेकर प्रयागराज तक जिन राज्यों तक यह नदी गुजरती है वहां-वहां के मुख्यमंत्री से मुलाकात होनी चाहिए क्योंकि इस कार्य में शासन एवं प्रशासन का सहयोग आवश्यक है। जहां पर गंदा जल बहता हो वहां पर वृक्षारोपण की व्यवस्था होनी चाहिए।

इस बैठक में श्रीमान सयंतन सिन्हा जी ने बताया कि हमें सभी संस्थाओं को एक साथ जोड़कर कार्य करना चाहिए जिससे सबका साथ सबका विकास संभव हो सके। उन्होंने क्लीनिंग इक्यूपमेंट की बात की। यमुना तटों के विकास के लिए कार्य कर रही संस्थाओं से संवाद करना, मेडिकल कैम्प का आयोजन करना, यमुना विकास हेतु प्रोजेक्ट की फंडिंग करना, यू.एन.ई.पी. के प्रयोग की बात कही। साथ ही श्री किशन दूबे जी ने प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रिनिक मीडिया, सोशल मीडिया तथा छोटे-छोटे वीडियो बनाकर लोगों तक मां यमुना जी की बात को पहुंचायें जिससे मां यमुना नदी में व्याप्त गंदगी को साफ किया जा सके। साथ ही यमुना परिवार कांउसिल महाआरती के सह-संयोजक श्री मुकेष सोलंकी जी ने बताया कि इस कार्य में एक आन्दोलन की आवश्यकता है जिससे यमुना नदी की सफाई पर सरकार को जागरूक किया जा सके। इसके साथ ही रोहिणी से श्री मनीष शर्मा ने बताया कि दिल्ली और हरियाणा में जहां-जहां भागवत कथा तथा भजन संध्या हो रही है, वहां पर 2 मिनट के लिए यमुना जी के लिए जागरूकता एवं प्रचार प्रसार कराये जायें। इस मौके पर श्रीमती कंचन गर्ग जी ने बताया कि 14 अप्रैल को यमुना जयंती के अवसर पर यमुना तटों के आसपास प्लान्टेशन या ट्रेनिंग का आयोजन किया जाना चाहिए।

इस ऑनलाईन बैठक में काउंसिल के निदेशक श्री कपिल गर्ग जी ने बताया कि आज दिल्ली में 10 स्थानों पर यमुना आरती हो रही है। हम पूरी निष्पक्ष तरीके से यमुना जी पर कार्य कर रहे हैं। इस वर्ष सितम्बर 2024 में एक विशाल महाआरती का आयोजन भी होने जा रहा है। साथ ही उन्होंने बताया कि दिल्ली में हेल्थ चैकअप कैम्प भी आगे लगाये जायेंगे, उन्होंने बैठक में उपस्थित हुए यमुना साधकों का परिचय एवं स्वागत किया। इस बैठक में अनेकों यमुना साधकों ने भाग लिया जिसमें श्रीमती ममता, श्री दिनेश कटारिया, श्रीमती सुनीता घोष, श्रीमती किरन, श्री वृजलाल गुप्ता, श्री अमरेन्द्र कुमार, श्री शंकर, श्रीमती स्तुति, श्रीमती मीनू, श्रीमती मीना, श्री सूरज, श्री मनोज अग्रवाल, श्रीमती गीता सूरी आदि अनेकों यमुना भक्तों ने भाग लेकर इस मीटिंग को सफलता बनाया। कार्यक्रम का समापन माँ यमुना जी के जयकारे के साथ सम्पन्न हुआ।

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