प्लास्टिक मुक्त ग्रामीण आयोजनों की ओर एक ठोस कदम
जयपुर: राजस्थान की भजनलाल सरकार ने पर्यावरण संरक्षण और ग्रामीण जीवन की गुणवत्ता सुधारने की दिशा में एक सशक्त व दूरदर्शी पहल करते हुए राज्य के 1000 ग्राम पंचायतों में ‘बर्तन बैंक योजना’ की शुरुआत की है। यह योजना न केवल प्लास्टिक प्रदूषण को रोकने का प्रयास है, बल्कि ग्रामीण स्वच्छता, सामाजिक जिम्मेदारी और आर्थिक सशक्तिकरण को भी साथ लेकर चलती है।
यह अभिनव प्रयास राजस्थान को प्लास्टिक मुक्त आयोजनों की दिशा में अग्रणी राज्य बना रहा है। राज्य सरकार की यह योजना अब एक रोल मॉडल के रूप में उभर रही है, जिसे अन्य राज्य भी अपनाने की दिशा में प्रेरित हो सकते हैं।
1000 ग्राम पंचायतों में एक नई शुरुआत
वर्ष 2025-26 के बजट में इस योजना को शामिल करते हुए पहले चरण में 1000 ग्राम पंचायतों को एक-एक लाख रुपये मूल्य के स्टील बर्तन प्रदान किए गए हैं। इन बर्तनों का उपयोग शादी-विवाह, भोज, मेले और धार्मिक आयोजनों जैसे सामुदायिक कार्यक्रमों में किया जाएगा, जिससे ग्रामीण आयोजनों में प्लास्टिक के स्थान पर स्टील बर्तनों का उपयोग सुनिश्चित हो सकेगा।
इस योजना की शुरुआत कोटा जिले की खैराबाद पंचायत समिति से की गई, जहाँ प्रदेश का पहला बर्तन बैंक स्थापित किया गया। अब प्रदेश के सभी चिन्हित 1000 ग्राम पंचायतों में बर्तन बैंक क्रियाशील हो चुके हैं, और इनकी लोकप्रियता दिन-ब-दिन ग्रामीणों में बढ़ रही है।
बर्तनों का पूर्ण सेट और रेट
प्रत्येक बर्तन सेट में एक प्लेट, तीन कटोरी, एक चम्मच और एक गिलास शामिल है। प्रत्येक पंचायत में न्यूनतम 400 सेट रखे गए हैं। ये बर्तन एक व्यवस्थित रैक में रखे गए हैं, जिससे उपयोग में आसानी हो। उपयोगकर्ता को प्रत्येक सेट के लिए केवल तीन रुपये किराया देना होगा, जो अत्यंत न्यूनतम है। यदि कोई बर्तन टूटता है या गुम होता है, तो उसकी भरपाई भी तय शुल्क के अनुसार की जाएगी।
राजीविका स्वयं सहायता समूहों को मिली जिम्मेदारी
भजनलाल सरकार ने इस योजना के संचालन की जिम्मेदारी राजीविका के स्वयं सहायता समूहों को सौंपी है। इससे ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक सशक्तिकरण का भी अवसर मिल रहा है। ग्राम पंचायत और समूह का चयन “पहले आओ, पहले पाओ” के आधार पर जिला स्तरीय समिति द्वारा किया गया है। इस समिति में मुख्य कार्यकारी अधिकारी, अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी, अधीक्षण अभियंता (जिला परिषद) और जिला परियोजना समन्वयक (राजीविका) शामिल हैं।
यह निगरानी तंत्र सुनिश्चित करता है कि योजना का लाभ पारदर्शिता और जवाबदेही के साथ प्रत्येक गांव तक पहुंचे।
प्लास्टिक मुक्त गांव — हर आयोजन में जिम्मेदारी
भजनलाल सरकार का यह प्रयास केवल एक योजना नहीं, बल्कि ग्रामीण चेतना को जाग्रत करने वाला आंदोलन है। यह ग्रामीणों को यह सिखाता है कि पर्यावरण संरक्षण केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है।
प्लास्टिक प्रदूषण एक वैश्विक संकट बन चुका है, जो न केवल मिट्टी और जल को प्रदूषित करता है, बल्कि जलवायु परिवर्तन को भी बढ़ावा देता है। ऐसे में बर्तन बैंक योजना लोगों को पुनः उपयोगी विकल्प प्रदान करती है — जो सस्ता, टिकाऊ और पर्यावरण अनुकूल है।
भविष्य की राह
भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राजस्थान सरकार ग्राम पंचायतों को आत्मनिर्भर और पर्यावरण हितैषी बनाने की दिशा में ठोस कदम उठा रही है। बर्तन बैंक योजना इसका एक सजीव उदाहरण है, जो सामाजिक बदलाव का वाहक बन रही है।
अब वक्त है, जब हर गांव, हर आयोजन और हर व्यक्ति इस प्रयास का हिस्सा बने और कहे —
“ना कहो प्लास्टिक को, हां कहो पुनः उपयोग को!”