राज्यसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने उम्मीदवार घोषित किए

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भारतीय जनता पार्टी ने राज्यसभा चुनाव 2024 के लिए उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है। बीजेपी ने यूपी, उत्तराखंड, बिहार, छत्तीसगढ़, हरियाणा, छत्तीसगढ़, कर्नाटक और पश्चिम बंगाल के लिए राज्यसभा चुनाव के उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है। इसमें कुछ ऐसे नाम भी शामिल हैं, कभी कांग्रेस में रहे और पार्टी छोड़ बीजेपी में शामिल हुए।

बीजेपी ने यूपी से आरपीएन सिंह, सुधांशु त्रिवेदी, चौधरी तेजवीर सिंह, साधना सिंह, अमरपाल मौर्य, डॉ. संगीता बलवंत और नवीन जैन के नाम घोषित किए हैं। बीजेपी की तरफ से बिहार से दो नामों की घोषणा की गई है। पार्टी ने धर्मशीला गुप्ता और भीम सिंह को उम्मीदवार बनाया है। छत्तीसगढ़ से राजा देवेंद्र प्रताप सिंह और हरियाणा से सुभाष बराला के नाम घोषित किए गए हैं। कर्नाटक से पार्टी ने नारायणा के. भांडगे के नाम की घोषणा की है। उत्तराखंड से महेंद्र भट्ट और पश्चिम बंगाल से सामिक भट्टाचार्य के नाम की घोषणा की है।

 

कतर की अदालत ने हिरासत में बंद सभी आठ पूर्व भारतीय नौसेनिकों को रिहा किया

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भारत ने कतर में हिरासत में लिए गए दाहरा ग्लोबल कंपनी में काम करने वाले आठ भारतीय नागरिकों की रिहाई का स्वागत किया है। एक वक्तव्य में विदेश मंत्रालय ने बताया कि इन आठ लोगों में से सात भारत लौट आए हैं। मंत्रालय ने भारतीय नागरिकों की रिहाई और उन्हें स्वदेश भेजने के लिए कतर के अमीर के फैसले की सराहना की है।

भारतीय नौसेना के पूर्व सैनिकों को कतर में मौत की सजा सुनाई गई थी। उन्हें आज रिहा कर दिया गया। भारत की ओर से कूटनीतिक हस्तक्षेप के बाद इन लोगों के मृत्युदंड को लंबी कैद में बदल दिया गया था। ये लोग जासूसी के आरोप में अक्टूबर 2022 से कतर की जेल में थे।

रिहाई के बाद सात पूर्व नौसेना अधिकारियों ने आज सवेरे दिल्ली हवाई अड्डे पर पहुंचने पर भारत माता की जय के नारे लगाए। हवाई अड्डे पर मीडिया से बातचीत में इन लोगों ने कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी के साथ उनकी सजा का मुद्दा उठाने और उनकी रिहाई सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सराहना की। इन लोगों ने बताया कि वे लगभग 18 महीने से घर आकर भारत में अपने प्रियजनों से मिलने का इंतजार कर रहे थे।

मालदीव की संसद में सत्तारूढ़ और विपक्षी सांसदों के बीच हुई झड़प

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मालदीव की संसद में रविवार को चीन समर्थक राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के मंत्रिमंडल में चार सदस्यों को मंजूरी देने पर हुए मतभेद को लेकर सरकार समर्थक सांसदों और विपक्षी सांसदों के बीच झड़प हो गई।

स्थानीय मीडिया की खबरों के अनुसार, मुख्य विपक्षी दल ‘मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी’ ने कैबिनेट पर मतदान से पहले राष्ट्रपति मुइज्जू के मंत्रिमंडल के चार सदस्यों की संसदीय मंजूरी रोकने का फैसला किया। इसके बाद सरकार समर्थक सांसदों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया, जिससे संसदीय बैठक की कार्यवाही बाधित हो गई।

स्थानीय समाचार आउटलेट ने कहा कि राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के मंत्रिमंडल के चार सदस्यों की मंजूरी रोक दी गई है। इससे सोलिह के सांसद भड़क गए और उनमें मार-पीट शुरू हो गई। एक वायरल वीडियो में सांसद एक दूसरे को जमीन पर पटकते और लात-घूंसा चलाते देखे जा रहे हैं।

‘बीटिंग द रिट्रीट’ सेरेमनी आज

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राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के रायसीना हिल्स पर स्थित ऐतिहासिक विजय चौक पर आज शाम ‘बीटिंग द रिट्रीट’ के साथ 75 वें गणतंत्र दिवस समारोह का औपचारिक समापन होगा। जी हां, ‘बीटिंग द रिट्रीट’ भारत के गणतंत्र दिवस समारोह की समाप्ति का सूचक है। यह समारोह हर वर्ष विजय चौक पर आयोजित होता है। इस कार्यक्रम में थल सेना, वायु सेना और नौसेना के बैंड पारंपरिक धुनों के साथ मार्च करते हैं। यह सेना की बैरक वापसी का भी प्रतीक है। गणतंत्र दिवस के पश्चात हर वर्ष 29 जनवरी को बीटिंग द रिट्रीट कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है।

पीआईबी की विज्ञप्ति के अनुसार, ‘बीटिंग रिट्रीट’ समारोह की शुरुआत सामूहिक बैंड के ‘शंखनाद’ धुन के साथ होगी। इसके बाद पाइप्स और ड्रम बैंड के माध्यम से ‘वीर भारत’, ‘संगम दूर’, ‘देशों का सरताज भारत’, ‘भगीरथी’ और ‘अर्जुन’ जैसी मनमोहक धुनें पेश की जाएंगी। सीएपीएफ बैंड ‘भारत के जवान’ और ‘विजय भारत’ का संगीत बजाएंगे। इस दौरान भारतीय वायुसेना के बैंड ‘टाइगर हिल’, ‘रेजॉइस इन रायसीना’ और ‘स्वदेशी’ धुनों की प्रस्तुति देंगे। इसके बाद दर्शक भारतीय नौसेना बैंड को ‘आईएनएस विक्रांत’, ‘मिशन चंद्रयान’, ‘जय भारती’ और ‘हम तैयार हैं’ सहित कई अन्य धुनें बजाते हुए देख कर आनंदित होंगे। इस क्रम में भारतीय सेना का बैंड आएगा, जो ‘फौलाद का जिगर’, ‘अग्निवीर’, ‘करगिल 1999’ और ‘ताकत वतन’ समेत अन्य संगीतमय प्रस्तुति देगा।

‘बीटिंग रिट्रीट’ की शुरुआत 1950 के दशक प्रारंभ में हुई थी। तब भारतीय सेना के मेजर रॉबर्ट्स ने सामूहिक बैंड प्रदर्शन के अनूठे समारोह को स्वदेशी रूप से तैयार कर प्रस्तुत किया था। यह सदियों पुरानी सैन्य परंपरा का प्रतीक है। जब सैनिक लड़ाई बंद कर अपने हथियार बंद कर रख देते थे और युद्ध के मैदान से हटते ही रिट्रीट की ध्वनि के साथ सूर्यास्त के समय अपने शिविरों में लौट आते थे। कॉलर्स और स्टैंडर्ड्स खोल दिए जाते हैं और झंडे उतार दिए जाते हैं। यह समारोह पुरानी स्मृतियों की याद दिलाता है।

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