भारत में सांस्कृतिक धरोहरों को दिलाया जा रहा है उचित स्थान

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22 जनवरी 2024 को प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा अयोध्या में सम्पन्न होने जा रही है। पिछले लगभग 500 वर्षों के लम्बे संघर्ष के पश्चात श्रीराम लला टेंट से निकलकर एतिहासिक भव्य श्रीराम मंदिर में विराजमान होने जा रहे हैं। पूरे देश का वातावरण राममय हो गया है। न केवल भारत के नागरिकों में बल्कि अन्य कई देशों में भी सनातन धर्म में आस्था रखने वाले नागरिकों में जबरदस्त उत्साह दिखाई दे रहा है। अमेरिका के कई बड़े शहरों में प्रभु श्रीराम के बहुत बड़े आकार के होर्डिंग लगाए गए हैं। पूरे विश्व में ही एक तरह से नई ऊर्जा का संचार हो रहा है। आज सनातनी हिंदुओं के लिए यह एक एतिहासिक एवं गर्व करने का पल है क्योंकि प्रभु श्रीराम का मंदिर भारतीयों के लिए सदियों से एक सांस्कृतिक धरोहर रहा है और अब पुनः प्रभु श्रीराम के मंदिर को सांस्कृतिक धरोहर के रूप में उचित स्थान दिलाया जा रहा है, इसके लिए पिछले 500 वर्षों के दौरान लाखों भारतीयों ने अपने प्राण तक न्यौशावर किए हैं।

वर्ष 2014 के बाद से भारत में सांस्कृतिक धरोहरों को संवारने का कार्य बहुत सफल तरीके से सम्पन्न किया जा रहा है। इसी का प्रमाण आज प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर के रूप में दिखाई दे रहा है। इसी प्रकार के प्रयास भारत के अन्य सांस्कृतिक धरोहरों को विकसित करने के लिए भी किए गए हैं। बाबा अमरनाथ की यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए कठोर मौसम बाधा न बन पाए, इस बात को ध्यान में रखकर केंद्र सरकार द्वारा बाबा अमरनाथ गुफा तक 110 किलोमीटर लम्बी सड़क का निर्माण करवाया जा रहा है, इसमें 11 किलोमीटर लम्बी एक सुरंग भी शामिल है। अभी तक श्रीनगर से बाबा अमरनाथ गुफा तक यात्रा करने में लगभग 3 दिन का समय लगता था किंतु इस नए विकसित किए जा रहे सड़क मार्ग के पश्चात केवल 8 से 9 घंटे के बीच का समय लगेगा। इसी प्रकार, अभी कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं को चीन अथवा नेपाल के रास्ते से होकर जाना होता है परंतु, अब कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर जाने के लिए चीन अथवा नेपाल जाने की आवश्यकता ही नहीं होगी क्योंकि केंद्र सरकार उत्तराखंड के पिथौरागढ़ के रास्ते से सीधे कैलाश मानसरोवर तक 80 किलोमीटर लम्बी सड़क का निर्माण करवा रही है। इस सड़क निर्माण का 90 प्रतिशत कार्य सम्पन्न हो चुका है और शेष 10 प्रतिशत निर्माण कार्य भी वर्ष 2024 में पूरा हो जाने की सम्भावना है।

वाराणसी में काशी विश्वनाथ कोरिडोर एवं उज्जैन में महाकाल लोक कोरिडोर को विकसित करने के बाद अब मथुरा में भव्य बांके बिहारी कोरिडोर विकसित किया जा रहा है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बांके बिहारी मंदिर के चारों ओर कोरिडोर बनाने की मंजूरी दे दी है। इस कोरिडोर के निर्माण के पश्चात प्रतिदिन लगभग 50,000 श्रद्धालुगण बांके बिहारी मंदिर के दर्शनों के लिए जा सकेंगे। इस नए विकसित किए जा रहे कोरिडोर में तीन विभिन्न मार्ग बनाए जा रहे हैं। पहिला मार्ग, जुगलघाट से प्रारम्भ होगा, दूसरा मार्ग, विद्यापीठ चौराहे से प्रारम्भ होगा एवं तीसरा मार्ग जादौन पार्किंग से प्रारम्भ होकर बांके बिहारी मंदिर तक पहुंचेगा।

असम में गौहाटी से लगभग 8 किलोमीटर दूर नीलांचल पर्वत पर स्थित मां कामाख्या देवी मंदिर का भी कायाकल्प किया जा रहा है। मां कामख्या देवी के मंदिर में प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु दर्शन करने हेतु पहुंचते हैं। इन श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु मां कामाख्या कोरिडोर विकसित किया जा रहा है। इस नए कोरिडोर में एक लाख वर्ग फुट क्षेत्र की जगह उपलब्ध होगी, जिससे श्रद्धालुओं को मां कामाख्या देवी के दर्शन करने में सुविधा होगी।

उत्तरप्रदेश राज्य में प्रभु श्रीराम मंदिर एवं बांके बिहारी कोरिडोर के साथ ही मिर्जापुर में 331 करोड़ रुपए की लागत से मां विध्यवासिनी कोरिडोर विकसित किया जा रहा है। यह उत्तरप्रदेश राज्य के मुख्यमंत्री माननीय श्री योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट भी है। 50 फीट चौड़ा एवं 2 मंजिला परिक्रमा स्थल तैयार हो चुका है। वर्ष 2024 में ही मां विध्यवासिनी कोरिडोर के पूरी तरह बनकर तैयार होने की पूरी उम्मीद है।

आज लाखों की संख्या में श्रद्धालु मां वैष्णो देवी के दर्शन करने हेतु मां वैष्णो देवी के दरबार में प्रतिवर्ष अपनी हाजिरी लगाने के लिए जाते हैं। इन श्रद्धालुओं की मां वैष्णो देवी यात्रा को आसान बनाने के उद्देश्य से 670 किलोमीटर लम्बे दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेस वे का निर्माण कराया जा रहा है। इस एक्सप्रेस वे के रास्ते में पड़ने वाले सिक्ख पंथ के कई स्थलों को भी जोड़ा जा रहा है। इस एक्सप्रेस वे के बनने से पहिले दिल्ली अमृतसर तक का सफर जो पहिले 8 घंटे में सम्पन्न होता था वह अब इस एक्सप्रेस वे के बनने के बाद केवल 4 घंटे में ही सम्पन्न होगा। इसी प्रकार दिल्ली से कटरा तक का सफर जो पहिले 15 घंटे में सम्पन्न होता था वह अब केवल 6 घंटे में ही सम्पन्न होगा। इस एक्सप्रेस वे के बनने के बाद माता वैष्णो देवी के भक्त माता रानी के दर्शन बड़े आराम से कर सकेंगे।

इसी प्रकार यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ एवं बद्रीनाथ की चार धाम यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं को भी केंद्र सरकार सुलभ मार्ग उपलब्ध कराने जा रही है जो मौसम की मार को बर्दाश्त कर सके। इस चार धाम यात्रा को श्रद्धालुओं के लिए सुलभ बनाने का उद्देश्य से 12,000 करोड़ रुपए की लागत से 899 किलोमीटर का सड़क मार्ग विकसित किया जा रहा है। इस सड़क मार्ग में दो सुरंग, 15 पुल, 18 यात्री सेवा केंद्र और 13 बाई पास विकसित किए जा रहे हैं।

भारतीयों द्वारा इंजीनियरिंग के उत्कृष्ट नमूने के रूप में तमिलनाडु के रामेश्वरम के पास एक नया पम्बन ब्रिज विकसित किया जा रहा है। इस पम्बन ब्रिज की विशेषता यह है कि इस मार्ग से रेल के गुजरने पर यह रेल की पटरी बिछा देगा और इस ब्रिज के नीचे से पानी के जहाज अथवा स्टीमर के गुजरने पर पुल ऊपर उठ जाएगा ताकि इस रास्ते से स्टीमर निकल सके। नया पम्बन ब्रिज उन श्रद्धालुओं के लिए वरदान साबित होगा जो रामेश्वरम धनुष्कोटि की यात्रा करना चाहते हैं।

सनातन हिन्दू धर्म में आस्था रखने वाले नागरिकों के लिए यह एक बहुत बड़ी खुशखबरी मानी जानी चाहिए कि पाकिस्तान के कब्जे वाले क्षेत्र में स्थित मां शारदा पीठ के दर्शन करने का सपना भी अब शीघ्र ही पूरा हो सकता है। हाल ही में पाकिस्तान के कब्जे वाले क्षेत्र की एसेम्बली ने 5,000 वर्ष पुराने मां शारदा पीठ में भारत से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए एक कोरिडोर बनाने का प्रस्ताव पारित कर दिया है। वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर में स्थित मां शारदा मंदिर का उद्घाटन करते समय भारत के गृह मंत्री श्री अमित शाह ने भी कहा था कि आगे आने वाले समय में मां शारदा पीठ के लिए पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में एक गलियारा खोलने का प्रयास भारत सरकार द्वारा किया जाएगा।

खादी ग्रामोद्योग सनातन खादी वस्त्र की एक नई श्रेणी शुरू की

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ग्रामोद्योग आयोग ने सनातन खादी वस्त्र की एक नयी श्रेणी शुरू की है। आयोग के अध्यक्ष मनोज कुमार ने दिल्ली के कनॉट प्लेस स्थित खादी भवन से खादी वस्त्रों से बने सनातन वस्त्र का शुभारंभ किया।सनातन वस्त्रों का डिजाइन राष्‍ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान-निफ्ट स्थित खादी उत्कृष्टता केंद्र में तैयार किया गया है।

शुभारंभ समारोह में मीडिया को संबोधित करते हुए खादी ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि खादी वस्त्रों की तैयारी में किसी भी प्रकार की यांत्रिक या रासायनिक प्रक्रिया शामिल नहीं होती। भारतीय परंपरा के अनुरूप तैयार सनातन वस्त्र अपने आप में विशिष्‍ट हैं।

उन्‍होंने कहा कि रामोत्सव के विशेष अवसर पर नई दिल्‍ली का खादी भवन सनातन वस्त्रों पर 20 प्रतिशत और अन्‍य खादी वस्त्र तथा ग्रामोद्योग उत्पादों पर 10 से 60 प्रतिशत तक की छूट देगा। उन्‍होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्व में देश ने खादी का एक नया और परिवर्तित रूप देखा है।

मोदी ने खादी को राष्‍ट्र के लिए खादी, फैशन के लिए खादी और बदलाव के लिए खादी के रूप में परिभाषित किया है। श्री कुमार ने कहा कि सनातन वस्त्रों की शुरूआत के साथ खादी ग्रामोद्योग आयोग युवाओं को स्वदेशी के साथ जोड़ना चाहता है क्योंकि खादी के विस्तार का अर्थ है ग्रामीण भारत के लाखों कारीगरों के जीवन में सुधार लाना।

भारत ने तीसरे टी-20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में अफगानिस्तान को हराया

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भारत ने कल रात बेंगलुरु में तीसरे टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच में, अफगानिस्तान को, दो रोमांचक सुपर ओवर में पराजित किया। जीत के लिए 212 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए अफगानिस्तान की टीम निर्धारित 20 ओवर में भारत के समान स्कोर पर पहुंची। पहले सुपर ओवर में दोनों टीमों ने 16-16 रन बनाए। लेकिन दूसरे सुपर ओवर में मेहमान टीम 12 रन का लक्ष्य हासिल करने के प्रयास में शेष दोनों विकेट गंवा बैठी। रवि बिश्‍नोई ने दोनों विकेट लिए।

इससे पहले, भारत ने पांचवें ओवर में 22 रन पर चार विकेट खो देने के बाद, रोहित शर्मा के 69 बॉल पर 121 रन और रिंकू सिंह के 39 गेंद पर 69 रन की बदौलत, जबरदस्त वापसी की। भारत ने चार विकेट पर 212 रन का स्कोर खड़ा किया। रोहित और रिंकू सिंह नॉटआउट रहें।

जवाब में अफगानिस्तान ने भी 212 रन बनाए। गुल्बदीन नाइब ने 23 गेंद पर 55 रन का योगदान दिया। अफगानिस्तान के गेंद फरीद अहमद मलिक सबसे सफल रहें, उन्होंने 20 रन देकर तीन विकेट लिए। इस रोमांचक जीत के साथ भारत ने श्रृंखला तीन-शून्य से जीत ली।

सिंधिया ने बेंगलुरु और अयोध्या के बीच पहली एयर इंडिया की उड़ान का किया उद्घाटन

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एयर इंडिया एक्सप्रेस ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बोर्डिंग पास दिया है। इस अवसर पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि पांच अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे उत्तर प्रदेश में स्थापित होने जा रहे हैं। आज अयोध्या को बेंगलुरु और कोलकाता से एयर इंडिया एक्सप्रेस के माध्यम के साथ जोड़ा जा रहा है। कार्यालय के अनुसार इन सेवाओं से जहां दोनों महानगरों से भगवान श्रीराम के श्रद्धालुओं को अयोध्या आने में सहूलियत होगी वहीँ दूसरी ओर क्षेत्रीय समृद्धि को भी बल मिलेगा।

नागर विमानन मंत्री कार्यालय ने कहा कि “पहले चरण में जहाँ अयोध्या के महर्षि वाल्मीकि अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे का निर्माण 6,000 वर्ग मीटर में हुआ है वहीं दूसरे चरण में इसका विस्तार 5,00,000 वर्ग फ़ीट तक किया जाएगा और हम #AyodhyaAirport को भारत के सबसे प्रमुख हवाईअड्डे के रूप में स्थापित करेंगे।

एयर इंडिया एक्सप्रेस की पहली उड़ान सुबह 8:05 बजे बेंगलुरु से रवाना होकर सुबह 10:35 बजे अयोध्या पहुंची। इसी तरह अयोध्या से कोलकाता के लिए एयरलाइन की पहली उड़ान सुबह 11:05 बजे रवाना हुई, जो दोपहर 12:50 बजे कोलकाता पहुंचेगी। वहीं कोलकाता से यह दिन में 1:25 बजे उड़ान भरेगी और अयोध्या में दिन में 3:10 बजे उतरेगी।

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