श्रीलंका में भारतीय फोटो जर्नलिस्ट गिरफ्तार

रिपोर्टिंग के दौरान पत्रकारों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। श्रीलंका पुलिस ने दिल्ली के रहने वाले फोटो पत्रकार दानिश सिद्दीकी को गिरफ्तार कर लिया है। न्यूज एजेंसी ‘रॉयटर्स’  के लिए काम करने वाले दानिश श्रीलंका में करीब हफ्ते भर पहले हुए धमाकों की कवरेज करने के लिए वहां गए हुए थे। दानिश पर अधिकारियों की अनुमति के बिना नेगोंबो शहर के एक स्कूल में जबरदस्ती घुसने की कोशिश करने का गंभीर आरोप है। मजिस्ट्रेट ने दानिश को 15 मई तक के लिए रिमांड पर भेज दिया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार सेंट सेबेस्टियन चर्च में हादसे का शिकार हुए एक बच्चे के बारे में जानकारी एकत्रित करने के लिए दानिश उसके स्कूल में दाखिल होना चाहते थे, इसी बीच प्रिंसिपल की सूचना पर पहुंची पुलिस ने स्कूल में जबरन घुसने की कोशिश करने के आरोप में दानिश को गिरफ्तार कर लिया। गौरतलब है कि ईस्टर पर श्रीलंका में कई जगह हुए धमाकों में 250 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था, जबकि सैकड़ों लोग घायल हो गए थे। बताया जाता है कि दानिश को पुलित्जर अवॉर्ड भी मिल चुका है। दरअसल, रोहिंग्या शरणार्थियों की मार्मिक स्थिति को सामने लाने के लिए रॉयटर्स की जिस सात सदस्यीय टीम को पुलित्जर अवॉर्ड मिला था, उनमें दानिश भी शामिल थे।

पूर्व अनुमति के बिना एयर इंडिया ने कर्मचारियों को मीडिया से बात करने से रोका

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एक संवाद में मिली जानकारी के अनुसार एयर इंडिया ने अपने कर्मचारियों को बिना पूर्व अनुमति के मीडिया से बात करने के प्रति आगाह किया है। कंपनी ने 30 अप्रैल के इस संवाद में कहा है, ऐसा देखा गया है कि कर्मचारियों ने मीडिया से बातें की हैं या जेट एयरवेज की पोशाक में वीडियो पोस्ट किया है। 

इलेक्ट्रॉनिक या सोशल मीडिया पर इस तरह से रखे गए विचारों से कंपनी की छवि खराब हो रही है, जबकि ऐसा करने से मना किया जा चुका है। कंपनी ने कहा, ‘यह फिर से दोहराया जाता है कि कोई भी कर्मचारी निजी अधिकार से या किसी समूह अथवा संगठन के प्रतिनिधि के तौर पर चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी) की बिना पूर्व मंजूरी के प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक या सोशल मीडिया में कंपनी से संबंधित कोई बयान जारी नहीं करेंगे।’ 

इस संवाद पर कंपनी की निदेशक (कर्मचारी) अमृता शरण के हस्ताक्षर हैं। इसमें कहा गया है कि कर्मचारियों को उचित माध्यम से सीएमडी से अनुमति के लिये आवेदन करना होगा। इसमें कहा गया है, ‘इस आदेश के किसी भी उल्लंघन को गंभीरता से लिया जाएगा और उल्लंघन करने वाले के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।’

सोशल मीडिया पर नेताओं का मजाक, ना बाबा ना

अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर राजनेताओं और अन्य लोगों का सोशल मीडिया पर मजाक उड़ाना एक ट्रेंड बन चुका है। लेकिन अब नेताओं के चेहरे क्रॉप कर सोशल मीडिया पर उनका मजाक उड़ाना आपके लिए खतरे की घंटी साबित हो सकती है। 

सोशल मीडिया को लोकसभा उम्मीदवार और राजनेताओं ने चुनाव प्रचार का एक माध्यम बना रखा है। लेकिन दूसरी तरफ सोशल मीडिया इन लोगों के लिए एक मुसीबत बन गया है। विभिन्न नेताओं की तस्वीर क्रॉप कर लोग रैप सॉन्ग वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर करते हैं। इन वीडियो में राजनेताओं को नाचता हुआ दिखाया गया है। 

सोशल मीडिया पर ऐसा करना आयोग की नजर में अपराध है। ऐसा करने वालों पर सीधा केस दर्ज होगा। आयोग का कहना है कि क्रॉपिंग कर फोटो और वीडियो पोस्ट करना अपराध की श्रेणी में आता है। चंडीगढ़, पंजाब में चुनाव आयोग के निर्देश पर डीआईजी के नेतृत्व में एक टीम बनाई गई है, जिसमें एक एआईजी, दो डीएसपी और चार इंस्पेक्टर सोशल मीडिया साइट्स पर नजर रख रहे हैं। 

प्राप्त सूचना के मुताबिक मुख्य चुनाव अधिकारी एस करुणा राजू ने बताया कि आपत्तिजनक पोस्ट डालने वालों पर केस दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। चुनाव आयोग की मॉनीटरिंग कमेटी सोशल मीडिया पर 24 घंटे नजर रखे हुए है।

क्या चीन ने हमारे नेताओं को भरोसे में लिया : पाक मीडिया

पाकिस्तानी मीडिया संयुक्त राष्ट्र द्वारा जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित किए जाने के बाद ठगा रह गया है। चीन के पलटी मारने को लेकर उसकी हैरानी ज्यादा है। चीन ने चार बार मसूद को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित किए जाने की प्रक्रिया में अड़ंगे लगाए। आखिरकार, उसे भारत और दुनिया के दबाव में झुकना पड़ा। अब पाक मीडिया अपनी सरकार से सवाल पूछ रहा है कि क्या मसूद मामले में उसने पाकिस्तान सरकार को भरोसे में लिया था या नहीं?  

भारत की बड़ी जीत
पाकिस्तान के अखबार ‘द न्यूज’ में मोहम्मद सलेह जाफिर ने संपादकीय में लिखा, ‘‘यह भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत है। इससे कूटनीतिक जानकार हैरान हैं। पिछले हफ्ते ही प्रधानमंत्री इमरान खान और उनके खास मंत्री चीन दौरे पर थे। वहां उनकी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भी मुलाकात हुई थी। सवाल यह है कि क्या चीन ने तब पाकिस्तान को मसूद पर अपने बदले हुए रुख या फैसले की जानकारी दी थी? क्या चीन ने पाकिस्तान को भरोसे में लिया था?’’
 
कश्मीर कनेक्शन
‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ ने एक पाक अफसर के हवाले से लिखा, ‘‘भारत मसूद के मामले को कश्मीर की आजादी के आंदोलन और कुछ सरकारी महकमों से जोड़ना चाहता था। वह ऐसा नहीं कर पाया और ये हमारी कूटनीतिक जीत है।’’

चीन ने पाकिस्तान को सराहा
‘पाकिस्तान टुडे’ ने अपने संपादकीय में लिखा, ‘‘अजहर पर बैन के बाद भी चीन ने आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान के रुख को सराहा है। उसने ये भरोसा दिलाया है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पाकिस्तान की मदद करता रहेगा। उसने माना है कि हमने इस जंग में काफी कुर्बानियां दी हैं।’’

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