गौनाहा, पश्चिम चंपारण (बिहार) में सब ठीक नहीं चल रहा है

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नितिन कुमार रवि (आचार्य)

मेरा नाम नितिन कुमार रवि है। मैं आप सबका ध्यान नेपाल बोर्डर पर स्थित गौनाहा थाना और अंचल से जुड़े एक मामले की तरफ आकृष्ट करना चाहता हूं। बात अप्रैल 2021 है, जब हमारा पूरा परिवार कॉविड-19 (कोरोना) से संक्रमित था, जिसकी वजह से पूरा घर प्रशासन की तरफ से सील कर दिया गया था। जिस पर लिखा था माइक्रो कंटेनमेंट जोन। उस दौरान कोविड को लेकर समाज में डर का माहैल था, मोहल्ले में यह बात होने लगी थी कि परिवार कोविड से संक्रमित है। कोविड से कोई नहीं बचता है। इस परिवार में भी अब कोई नहीं बचेगा।

उसी दौरान मुजम्मिल शेख, पिता- सलीम शेख, इसके साथ सद्दाम शेख और सज्जाद शेख एवं इसके चाचा और एक चचेरे भाई सभी ग्राम- गम्हरिया,गौनाहा एवं अन्य असामाजिक तत्वों के द्वारा हमारे जमीन की देखभाल करने वाले श्री रामशरण महतो पिता- स्वर्गीय पलट महतो और श्री अनिल काजीके साथ मारपीट की गई और उन्हें जमीन छोड़कर चले जाने के लिए धमकाया गया। कोविड के दौरान जैसे ही परिवार को इस मामले की जानकारी मिली, हमने तत्काल व्हाट्सएप के माध्यम से इसकी सूचना तत्कालीन जिला समाहर्ता महोदय, पश्चिम चंपारण, श्रीमान कुंदन कुमार को दी थी।

जब कोरोना नियंत्रित हुई, तब श्रीमान समाहर्ता महोदय कुंदन कुमार से बात की गई तो उन्होंने इस विषय पर संज्ञान लेते हुए सबसे पहले जमीन पर बोर्ड लगाने और जमीन की पैमाइश के लिए आवेदन देने और अनुमंडल दंडाधिकारी नरकटियागंज को इस आशय का आवेदन देने की बात कही गई। तत्काल जाकर सबसे पहले उक्त जमीन पर एक बोर्ड लगाया गया, जिस पर लिखा था, यह जमीन बिक्री का नहीं है। इस जमीन का मालिकाना हक बामदेव झा के पास है। उसके बाद प्रभात कुमार झा के द्वारा जमीन की पैमाइश करने के लिए एक आवेदन अंचल अधिकारी गौनाहा को दिया गया। जिसमें लिखा गया था कि मेरी जमीन गौनाहा प्रखंड, बिलसंडी हल्का मौज गम्हरिया में है, जिसका खाता नंबर 02, खेसरा 389, थाना संख्या 28, रखवा तीन बीघा है। यह जमीन पंडित उमाकांत झा एवं पंडित बामदेव झा संयुक्त तथा माहेश्वरी झा के नाम से है। जिसकी जमाबंदी क्रमशः 117 तथा 345 है। मुझे इस जमीन की पैमाइश करानी है। इस आशय के आवेदन के साथ 2021-22 का लगान रसीद, जमीन का दस्तावेज, पट्टा एवं जमीन पर जो बोर्ड लगा था उसका एक चित्र भी संलग्न किया गया। सभी दस्तावेजों के साथ आवेदन 03/06/2021 को गौनाहा अंचल में जमा किया गया। जमीन की लगान रसीद 2021-22 लगाया गया जिसे PTC/70 ,30-06-2021विनय कुमार के द्वारा लिया गया फिर बारी-बारी से सबके यहां पुलिस अधीक्षक बेतिया, पश्चिमी चंपारण, डीएसपी नरकटियागंज, अंचलाधिकारी गौनाहा ,अनुमंडल पदाधिकारी नरकटियागंज सभी के यहां आवेदन दिया गया।

30/06/2021 को प्रशांत झा के द्वारा विषय -जमीन पर जबरदस्ती कब्जा कर किसी और से रजिस्ट्री करा लेने के धमकी के संबंध में गौनाहा थाना में आवेदन दिया गया। इस आवेदन को लेकर थाना द्वारा कोई रिसीविंग नहीं दी गई। आवेदन लेकर थाना गौनाहा द्वारा कोई रिसीविंग नहीं दी जाती है।

अब बात करते है तत्कालीन अंचलाधिकारी अमित कुमार की। इस मामले पर हो रही कार्रवाई और जमीन पैमाइश के बारे में पूछा गया तो अंचर अधिकारी श्रीमान अमित कुमार ने 04/09/2021 को जनता दरबार में सारे ओरिजिनल पेपर लेकर आने की बात कही थी। हम लोगों के द्वारा 04/09/2021 को जनता दरबार थाना गौनाहा में जाकर सारे ओरिजिनल पेपर को दिखाया, उनके द्वारा कहा गया कि इसकी छाया प्रति के साथ पूरा विवरण आवेदन में लिखकर दीजिए और कौन-कौन सा पेपर आप इस फाइल में जमा कर रहे हैं, उसका भी विवरण लिख कर दीजिए। अंचालाधिकारी के निर्देशानुसार हमने आवेदन लिखा और उसके साथ जैसा बताया गया था, सभी 18 पेपर जमा किए। जिसमें जमीन का दस्तावेज,पटटा, मालगुजारी रसीद- 2021-22 एवं पूर्व में सरपंच की चिट्ठी, पनवट रसीद, परिवर्तन रसीद- बामदेव झा के नाम से वंशावली, 09/05/1978 को गौनाहा थाने में दर्ज शिकायत 147, 148 एवं 380 आईपीसी की धारा पुष्प कांत झा,अरुण कुमार झा, चंद्रकांत झा एवं प्रेम नाथ झा T.R.No-1778 की दो छाया प्रति एवं जमीन पैमाइश के लिए जो आवेदन प्रभात कुमार झा के द्वारा दिया गया था, उसकी छाया प्रति तथा साथ ही श्रीमती साहिल प्रवीण भारतीय प्रशासनिक सेवा अनुमंडल पदाधिकारी के द्वारा भेजा गया अंचलाधिकारी गौनाहा के नाम पत्र पत्रांक 1064 / सा0 दिनांक 02/07/2021 विषय – शिकायत पत्र के निष्पादन के संबंध में। इन सबकी छाया प्रति संलग्न की गई। पूरी फाइल को जनता दरबार में जमा कर दिया गया।

थाने में शिकायत के बावजूद मुजम्मिल शेख ने अपने लोगों के साथ मिलकर फसल की लूट की। 15/10/2021 को फसल काटा पाया गया। इस संदर्भ में एक वीडियों भी 15 /10 /2021 को आवेदन साथ दिया गौनाहा थाना में जमा कराया गया। जिसका विषय था- खेत में लगे फसल को लूट करके ले जाने के संबंध में। सामने लूट की जानकारी होने के बावजूद तत्कालीन थाना प्रभारी श्रीमान राजीव नंदन सिंहा के द्वारा बताया गया कि यह जनता दरबार का मामला है। जबकि यह law and order का मामला था। जब उस संबंध में उनका पक्ष जानने का प्रयास किया गया तो उन्होंने कहा कि इस तरह का मामला जनता दरबार में भेजने के लिए अंचलाधिकारी श्रीमान अमित कुमार ने कहा है।

फिर बात जनता दरबार की आई। 16-10-2021 को जनता दरबार में आने के लिए कहा गया लेकिन जब हम 16/10/2021 को जनता दरबार के लिए थाने में गए तो मुजम्मिल शेख थाना प्रभारी राजीव नंदन सिंहा के चेंबर में आया और वहीं बैठे एक आदमी से उसका झगड़ा शुरू हो गया। उनकी बहस में सारी सच्चाई सामने आ गई कि कैसे इस जमीन का नकली पटटा, सुखोंना मठ रामनगर में बनवाने का प्रयास चल रहा है। यह पूरा प्रसंग थाना प्रभारी के चेंबर में लगे सीसीटीवी कैमरे में हुआ। यह पूरा प्रसंग 16/10 /2021 को 11:00 am- 3:00pm के बीच का है। जिसमें मुजम्मिल शेख सारे जुर्म कबूल करता है और वह फसल लौटाने की बात करता है। यह फूटेज पाने के लिए सूचना के अधिकार के अन्तर्गत मैने आवेदन भी लगाया था। जिसके बाद भी फूटेज उपलब्ध नहीं कराया गया।

16/10 /2021 को 12:10 बजे हमें थाने में सहोदरा स्थान जाने के लिए कहा जाता है, वहां जनता दरबार लगा है। हम जाते हैं लेकिन मुजम्मिल शेख नहीं जाता है। हम लोग वापस उस दिन थाने आते हैं तो जो कागज FIR करने के लिए दिया जाता है। उस पर अंचलाधिकारी महोदय गौनाहा थाना आने के बाद मुजम्मिल शेख को बुलावा भेजते हैं। काफी इंतजार करने पर वह नहीं आता है तो फिर में श्रीमान राजीव नंदन सिंहा नाम हटाने की बात करते हैं और थाना प्रभारी भी जोड़ देते हैं कि मेरा नाम FIR में से हटा दीजिए लेकिन किसी का नाम इस तरह हटाना विधि सम्मत नहीं था। इसलिए मैने इंकार कर दिया। तब थाना प्रभारी कहते हैं, अगर मुजम्मिल शेख 16/10 /2021 तारीख को आपकी लूटी हुई फसल लौटा देता है और अपनी गलती के लिए आपके परिवार से माफी मांग लेता है, जैसा वह कह कर गया है तो आप फिर FIR नहीं कीजिएगा। अगर वह नहीं लौटाता है तो आपका एफआईआर 17/10/2021 तारीख में कर दिया जाएगा।
कुछ दिन बाद जब मैं FIR की जानकारी लेने गौनाहा थाना पहुंचा तो वहां चौकीदार से मुलाकात हुई जब मैंने कहा कि आपके द्वारा हमारी फसल लुटवाई गई है ऐसा गांव वालों का कहना है तो उसने बताया कि मामले में मामूली चोरी का का FIR दर्ज किया गया था और आपका नाम नितिन कुमार रवि से निश्चित कुमार सिंह और आपके पिता जयशंकर झा का नाम जयशंकर सिंह कर दिया गया था और बड़ी चालाकी के साथ थाने के स्तर पर ही इस पूरे केस को रफा दफा कर दिया गया। l

जब कोर्ट से कागज निकाला गया तो चौकीदार की बात सत्य साबित हुई। इस संबंध में जब मैने आरटीआई डाली तो इसका जवाब थाना प्रभारी गौनाहा द्वारा नहीं दिया जाता। आरटीआई के माध्यम से मेरे द्वारा गौनाहा थाने की उक्त दिनां की सीसीटीवी फुटेज भी मांगी गई। जिसका ऊपर जिक्र किया गया है लेकिन उन्होंने इसका कोई जवाब नहीं दिया।

इस मामले को लेकर नए एसडीएम नरकटियागंज श्रीमान धनंजय कुमार से मुलाकात की तो उन्होंने शिकायत निवारण पदाधिकारी के पास जाने की बात कही। इधर प्रशांत झा के आवेदन के बाद उन पर प्रशांत झा बनाम मुजम्मिल शेख 107 लगाकर कागज अनुमंडल में भेज दिया गया था। अंचलाधिकारी महोदय और थाना प्रभारी गौनाहा से 107 लगाने के बारे में पूछने पर की क्या इससे हमारे परिवार की छवि खराब नहीं हो रहा? इसका उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।
शिकायत निवारण पदाधिकारी श्रीमान बालेश्वर प्रसाद ने पहले विनिश्चय पत्र में लिखा कि कोई पेपर जमा नहीं कराया गया है। जबकि मेरे द्वारा सारे पेपर हाथों-हाथ जमा किए गए थे और बैठकर सारे कागज कंप्यूटर में डाउनलोड करवाया गया था। उसकी रसीद दिखाकर शिकायत करने पर फिर से बुलाया गया, मामले में बार बार गलत विनिश्चय पत्र दिया गया। लगभग श्रीमान बालेश्वर प्रसाद के द्वारा 15 बार बुलाया गया लेकिन कभी भी थाना प्रभारी गौनाहा उपस्थित नहीं हुए और आश्चर्य तो तब होता है जब अंतिम बार मैसेज भेजा जाता है 12:30 पर और बुलाया था उसी दिन 11:00 बजे।

ऐसा कैसे संभव है कि अपराहन 12:30 बजे संदेह भेजा जाए और पूर्वाहन 11 बजे आपको बुलाया जाए। इतना सब होने के बाद भी देश की न्याय व्यवस्था और प्रशासन पर हमें पूरा विश्वास है। इस बीच अंचलाधिकारी श्रीमान अमित कुमार के द्वारा पत्रांक संख्या 11/दिनांक07/01/2022 को जारी किया एक दस्तावेज मिला। जिसमें मुजम्मिल शेख को FIR बचाने के लिए लिखा गया था कि जमीन पंडित उमाकांत झा के वंशज सूर्यकांत झा के द्वारा शेख मुजम्मिल को खेत जोताअवाद के रूप में दिया गया है। जब इस संबंध में आरटीआई डालकर जानकारी मांगी गई तो DR-158/122/26/09/2022 ज्ञापाक 355 दिनांक-28/10/2022 पुलिस अधीक्षक बेतिया कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, अनुसंधानकर्ता उमाशंकर शर्मा के द्वारा लिखा गया है कि विवादित भूमि की जानकारी मांगी गई थी, कोई नाम नहीं दिया गया था। जब अनुसंधानकर्ता द्वारा नाम नहीं दिया गया था तो फिर तत्कालीन अंचलाधिकारी द्वारा नाम कैसे डाल दिया गया?
इस बीच उक्त भूमि पर लगे जामुन और शीशम के पेड़ भी काट दिए गए। रुक रुक कर जमीन की फसल लूटकर मुजम्मिल शेख के लोग ले जाते रहे। बार बार शिकायत के बाद भी थाना ना एफआईआर दर्ज कर रहा है और ना कार्रवाई हो रही है।

इस संबंध में आरटीआई के माध्यम से एक पत्र प्राप्त हुआ। जिसमें पत्रांक 161 दिनांक-17/03/2022 मैं लिखा गया है कि 1942 से बामदेव झा के वंशजों का इस जमीन पर कब्जा रहा है, उमाकांत झा नावल्द हैं। अब इस जमीन पर मुजम्मिल शेख एवं सूर्यकांत झा से विवाद चल रहा है। जबकि जमीन पर विवाद जैसा कुछ है नहीं। ऐसा प्रतीत होता है कि अंचल और थाना मिलकर इसे विवादित बनाने का प्रयास कर रहे हैं।

जनता दरबार 04 /09/ 2021 से शुरू हुआ और 14/09/ 24 को इस निर्णय पर खत्म हुआ कि विपक्ष सूर्यकांत झा और श्री चंद्रकांत झा कभी उपस्थित नहीं हुए। उनका सहयोग नहीं मिला। 04 /09 /2021 से 14/0 9 /2024 तक मुजम्मिल शेख बटाईदार होने का कोई कागज अथवा प्रमाण नहीं ला सका।

31/08/2024 का 12:15pm से 1: 15pm तक का जनता दरबार के सीसीटीवी का फुटेज सूचना के अधिकार अन्तर्गत मांगा गया। वह उपलब्ध नहीं कराया गया। मुजम्मिल शेख को एक बेतिया के एक कन्स्ट्रक्शन कंपनी और कंपनी के मालिक के ब्यूरोक्रेट दामाद का संरक्षण है। इस बात को मुजम्मिल शेख कहता भी है।

थाना प्रभारी श्रीमान विनोद कुमार यादव एवं श्री विवेक कुमार बालेंद्र द्वारा दी गई जानकारी में कई् विरोधाभास है। उन्होंने जो जानकारी लिख कर दी है, उसे पढ़कर लगता है कि उनके मन में जो भी आया। या उन्हें किसी ने निर्देशित किया, वह सब थाना का मुहर लगाकर वे लिखकर देते रहे। उनके द्वारा दी गई सूचना के सारे कागज सुरक्षित हैं।

इस मामले में RTI डालकर जब पैमाइश के बारे में पूछा गया तो बताया गया कि पत्रांक 58 दिनांक 31/03/ 2022 में मापी शुल्क जमा होने के उपरांत पैमाइश की तिथि निर्धारित कर दिया जाएगा लेकिन वहां के कर्मचारी श्री बागेश सिंह के द्वारा फाइल ना मिलने की बात कही गई तो फिर से आवेदन दिया गया। 20 /04 /2022 को पैमाइश के लिए फिर से आवेदन दिया गया। जिस पर अंचलाधिकारी गौनाहा ने साइन कर आगे बढ़ा दिया था। पैमाइश नहीं हुआ।
उसके बाद फिर से पैमाइश करने का आवेदन ऑनलाइन किया गया लेकिन अभी तक पैमाइश का आदेश श्रीमान विवेक कुमार सिंह, अंचलाधिकारी गौनाहा के द्वारा नहीं दिया गया है।
अंचल और थाना का मुजम्मिल शेख को इतना समर्थन है कि उसने धमकी दी है कि नितिन रवि या इसके परिवार का कोई भी सदस्य अगर फसल काटने आता है तो इस बार औरतों से फसल कटवाया जाएगा और गलत इल्जाम लगाकर केस में फंसा कर जेल भिजवा दिया जाएगा। इस संदर्भ में सारी जानकारी, बिहार पुलिस के साइट पर जाकर डीजीपी बिहार, पटना को भेजा जा चुका है।

श्रीमान मैंने अपनी जमीन की लड़ाई लड़ते हुए अब तक इतने आवेदन/ आरटीआई डाल दिए हैं कि उन्हें एक साथ एकत्रित किया जाए तो सब मिलकर किताब का रूप ले सकते हैं। समाहर्ता महोदय,बेतिया, पश्चिमी चंपारण,अनुमंडल पदाधिकारी, नरकटियागंज, बिहार पुलिस पटना, डीजीपी बिहार, पटना डीएसपी, नरकटियागंज डीसीएलआर, नरकटियागंज, अंचलाधिकारी गौनाहा थाना प्रभारी गौनाहा इत्यादि सारे कागजात दिखाने और ऑडियो—वीडियो सुनाने और दिखाने के बावजूद अगर इंसाफ नहीं हो रहा है तो एक आम आदमी क्या करें। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान जान से मारने की धमकी सुनने को मिली, झूठे मुकदमे के नाम पर डराया गया। अपराधियों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही। इस संबंध में आरटीआई का जवाब न अंचलाधिकारी गौनाहा दे रहे हैं और ना ही समाहर्ता महोदय, पश्चिम चंपारण, बेतिया के यहां से ही कोई जवाब प्राप्त हो रहा है।

मेरे द्वारा आरटीआई के माध्यम से कुछ सवाल अनुमंडल पदाधिकारी श्रीमान सूर्य प्रकाश गुप्ता से पूछा गया था और कुछ सवाल गौनाहा अंचलाधिकारी श्रीमान विवेक कुमार सिंह से पूछा गया था। जवाब नहीं मिलने पर फिर मेरे द्वारा आग्रह किया गया अनुमंडल पदाधिकारी नरकटियागंज श्रीमान सूर्य प्रकाश गुप्ता से की आप प्रथम अपील प्राधिकार हैं, इसलिए आप इसका जवाब दे और अंचलाधिकारी गौनाहा श्रीमान विवेक कुमार सिंह से जवाब मांगे कि कैसे अनुमंडल पदाधिकारी के आदेश पर कोई व्हाइटनर चला सकता है और कैसे कोई अंचलाधिकारी का गलत साइन करके कोई आदेश दे सकता है और जब एक अंचलाधिकारी के द्वारा 2 बार ऑफलाइन सारे कागजात चेक करने के बाद पैमाइश का आदेश दे दिया गया था। अब आप ऑनलाइन पैमाइश की मांग करने पर आदेश क्यों नहीं दे रहे हैं? श्रीमान अनुमंडल पदाधिकारी नरकटियागंज ने पत्रांक- 1485 दिनांक 13 /12 /2024 के माध्यम से श्रीमान विवेक कुमार सिंह अंचल अधिकारी गौनाहा से जवाब मांगा है, यह जवाब मुझे अब तक प्राप्त नहीं है। हमें और हमारे परिवार को लगातार जान से मारने की धमकी गलत मामला में फसाने की धमकी दी जा रही है।

अंत में इतना कि इस कहानी के सारे पात्र वास्तविक हैं और यह पूरी कहानी सच्ची है।

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