हिंदी दिवस समारोह, 2024 स्वामी विवेकानंद सांस्कृतिक केंद्र, यांगोन

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हिंदी दिवस समारोह, 2024 स्वामी विवेकानंद सांस्कृतिक केंद्र, यांगोन

यांगोन : 2024 का हिंदी दिवस समारोह म्यांमार के लिए एक ऐतिहासिक दिन के रूप में हमेशा के लिए अंकित हो गया। भव्य उद्घाटन समारोह सार्थक चर्चा और विगत 50 वर्षों के इतिहास में सबसे भव्य और बड़े कवि सम्मेलन का आयोजन यहां किया गया। आइए विस्तार में इस कार्यक्रम की चर्चा करते हैं ।

स्वामी विवेकानंद सांस्कृतिक केंद्र, भारत का राजदूतावास, यांगोन द्वारा 14 सितंबर 2024 को हिंदी दिवस समारोह का भव्य आयोजन किया गया। इस अवसर पर हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार और उन्नति के लिए तीन प्रमुख सत्रों का आयोजन किया गया, जिसमें उद्घाटन समारोह, विचार गोष्ठी, और कवि सम्मेलन सम्मिलित थे। इन तीन चरणों में हिंदी के महत्त्व और म्यांमार में उसकी भूमिका को भी रेखांकित किया गया।

उद्घाटन समारोह

हिंदी दिवस समारोह के उद्घाटन सत्र का आयोजन इंडिया सेंटर, यांगोन में किया गया। मुख्य अतिथि के रूप में उत्तर प्रदेश के पूर्व शिक्षा मंत्री एवं हिंदी साहित्य भारती के संस्थापक अध्यक्ष डॉक्टर रवींद्र शुक्ला उपस्थित थे, जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता माननीय राजदूत श्री अभय ठाकुर ने की। इस सत्र में हिंदी भाषा की प्रतिष्ठा, उन्नति, और इसके वैश्विक प्रसार पर जोर दिया गया।

कार्यक्रम का आरंभ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ । तदुपरांत स्वामी विवेकानंद सांस्कृतिक केंद्र के छात्र-छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना पर नृत्य प्रस्तुति की गई। इस सत्र में उपस्थित विद्वानों ने हिंदी भाषा की विशेषताओं और इसकी विश्व स्तर पर बढ़ती लोकप्रियता पर अपने विचार प्रस्तुत किए। हिंदी और संस्कृत के विद्वान, डॉक्टर रामनिवास, श्री देवमुनि, ने अपने वक्तव्यों में हिंदी भाषा के सांस्कृतिक और सामाजिक महत्त्व पर विस्तार से चर्चा की।

विशिष्ट अतिथि के रूप में भारत के सुप्रसिद्ध गज़ल कर श्री सुशील साहिल, अंतरराष्ट्रीय हिंदी समिति के न्यासी श्री इंद्रजीत शर्मा, रंगमंच के सुप्रसिद्ध अभिनेता श्री गिरीश चावला, प्रसिद्ध पत्रकार सनोज तिवारी, वरिष्ठ कवि श्री प्रेम भारद्वाज ज्ञान भिक्षु, काशी हिंदू विश्वविद्यालय से डॉक्टर अभय कुमार पांडे, वरिष्ठ शिक्षाविद एवं कवियत्री अंजना सिंह सेंगर भी सभागार में उपस्थित थी ।

मुख्य अतिथि डॉ रवींद्र शुक्ला ने अपने संबोधन में हिंदी भाषा को जन-जन तक पहुँचाने और इसके वैश्विक प्रसार के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। उन्होंने हिंदी के साहित्यिक और सांस्कृतिक धरोहर को मज़बूत करने के लिए आवश्यक कदमों पर भी चर्चा की।

इसके साथ ही, राजदूत श्री अभय ठाकुर जी ने हिंदी दिवस के अवसर पर हिंदी भाषा की अनंत संभावनाओं और इसके डिजिटल युग में उभरती चुनौतियों पर भी प्रकाश डाला।

स्वामी विवेकानंद सांस्कृतिक केंद्र के निदेशक डॉ. आशीष कंधवे ने अतिथियों का औपचारिक स्वागत एवं परिचय दिया एवं कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन किया।

कार्यक्रम का संचालन ललन देसाई ने किया । इस सत्र में ढाई सौ से भी अधिक लोगों की उपस्थिति रही ।

विचार गोष्ठी

कार्यक्रम के दूसरे सत्र में विद्वानों द्वारा “म्यांमार में हिंदी की स्थिति और डिजिटल युग में हिंदी की चुनौतियाँ” विषय पर एक सार्थक चर्चा आयोजित की गई। इस सत्र में भारत से प्रतिनिधिमंडल के विद्वान श्री सनोज तिवारी, डॉक्टर अंजना सिंह सेंगर और श्री अभय कुमार पांडे अपने वक्तव्य दिए वहीं म्यांमार की ओर से प्रसिद्ध हिंदी विद्वान श्री बृजेश वर्मा डॉक्टर प्रोफेसर रामनिवास ने म्यांमार में हिंदी के भविष्य और इसके डिजिटल माध्यमों में बढ़ते उपयोग पर अपने विचार साझा किए। श्री ब्रजेश वर्मा ने स्थानीय हिंदी शिक्षकों का प्रतिनिधित्व करते हुए अपने विचार व्यक्त किए।


उन्होंने बताया कि कैसे हिंदी भाषा को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अधिक प्रभावशाली बनाया जा सकता है और युवाओं के बीच इसे लोकप्रिय करने के लिए नई तकनीकों का उपयोग कैसे किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त, म्यांमार में हिंदी भाषा के शिक्षण के महत्त्व पर भी चर्चा की गई और इस संदर्भ में कुछ महत्वपूर्ण सुझाव प्रस्तुत किए गए। इस सत्र में १०० से अधिक हिंदी शिक्षक सहभागी बनें ।

कवि सम्मेलन

कार्यक्रम के तीसरे सत्र, जो कि संध्याकालीन सत्र था, का आयोजन भरता का राजदूतावास और मोरया ग्रुप के संयुक्त तत्वावधान में हेक्सागन कॉम्प्लेक्स में भव्य कवि सम्मेलन के रूप में किया गया। इस कवि सम्मेलन में भारत से आए चार प्रमुख कवियों और म्यांमार के दो स्थानीय कवियों ने अपनी कविताओं का पाठ किया। 1500 से अधिक दर्शकों की उपस्थिति ने इस आयोजन को अत्यंत प्रभावशाली और सफल बना दिया। भारत की ओर से श्री रवींद्र शुक्ला श्री सुशील साहिल श्रीमती अंजना सिंह सिंगर और मैं आशीष कोंडवे वहीं म्यांमार की ओर से कविता के मोर्चा श्री सलीम नाना बाबा एवं मोहम्मद यासीन ने संभाला।

कवियों ने अपने सशक्त और भावपूर्ण काव्य पाठ के माध्यम से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस सत्र में हिंदी कविता के विभिन्न पहलुओं पर जोर दिया गया और कवियों ने सामाजिक, सांस्कृतिक और व्यक्तिगत अनुभवों को अपनी कविताओं में प्रस्तुत किया। अपने ओजस्वी कविताओं के लिए प्रसिद्ध श्री रविंद्र शुक्ला जी, प्रसिद्ध कवयित्री श्रीमती अंजना सिंह सेंगर के साथ सुप्रसिद्ध गज़लकार श्री सुशील साहिल ने भी अपनी गज़लों के माध्यम से इस आयोजन की शोभा बढ़ाई।

कवि सम्मेलन का सफल और सजीव संचालन स्वामी विवेकानंद सांस्कृतिक केंद्र के निदेशक डॉ. आशीष कुमार के कुशल नेतृत्व में संपन्न हुआ।

इससे पूर्व मोरया ग्रुप के अध्यक्ष श्री श्याम नरसरिया ने औपचारिक रूप से अतिथियों का स्वागत करते हुए भारत से आए हुए प्रतिनिधिमंडल का का अभिनंदन किया एवं कवियों का आभार प्रकट किया।

समापन

समारोह का समापन सभी उपस्थित विद्वानों, कवियों और दर्शकों के प्रति आभार व्यक्त करने का दायित्व निर्वहन हेमंत कुशवाह ने किया । इस सफल आयोजन ने हिंदी भाषा के प्रति म्यांमार में बढ़ते उत्साह और इसे विश्व पटल पर मजबूत करने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम साबित किया।

राजदूत आवास के नेतृत्व में म्यांमार तथा जियाबड़ी आदि क्षेत्रों में हिंदी दिवस पर आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं तथा कार्यक्रमों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्र एवं कलाकारों को राजदूत श्री अभय ठाकुर के कर कमलों से प्रशस्ति पत्र भी प्रदान किया गया।

इस हिंदी दिवस समारोह ने न केवल हिंदी भाषा के महत्त्व को रेखांकित किया बल्कि भारत और म्यांमार के बीच सांस्कृतिक संबंधों को भी और अधिक प्रगाढ़ करने का कार्य किया।

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