नई दिल्ली, मुंबई, पुणे, बेंगलुरु सहित देश के कई बड़े एयरपोर्टों पर पिछले कुछ दिनों से जो अव्यवस्था का तांडव दिख रहा है, वह कोई तकनीकी खराबी या मौसमी कोहरे का परिणाम मात्र नहीं है। इंडिगो जैसी निजी एयरलाइन की मनमानी, उड़ानों का घंटों विलंब, यात्रियों का अपमानजनक व्यवहार और सोशल मीडिया पर वायरल होती शर्मनाक तस्वीरें—यह सब उसी समय शुरू हुआ जब रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दो दिवसीय राजकीय यात्रा पर भारत पहुँचे हैं। संयोग? बिल्कुल नहीं। यह एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा है।

इतिहास गवाह है कि जब-जब भारत ने वैश्विक मंच पर अपनी स्थिति मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है, तब-तब देश की छवि को धूमिल करने की कोशिशें तेज हो जाती हैं। फरवरी 2020 में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की दिल्ली यात्रा के ठीक दौरान उत्तर-पूर्वी दिल्ली में सुनियोजित दंगे भड़काए गए थे। दुनिया भर के मीडिया ने भारत को “असहिष्णु” और “अस्थिर” दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। नतीजा? उस समय चल रहे CAA-NRC विरोध के नाम पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की जमकर किरकिरी हुई। आज भी वही स्क्रिप्ट दोहराई जा रही है, बस मैदान बदल गया है-दिल्ली की सड़कें नहीं, देश के एयरपोर्ट।
पुतिन की इस यात्रा का महत्व असाधारण है। ब्रह्मोस मिसाइल के निर्यात, कुडनकुलम परमाणु प्लांट की नई यूनिट्स, डॉलर-रुपया-रूबल त्रिपक्षीय भुगतान तंत्र, आर्कटिक क्षेत्र में ऊर्जा सहयोग और रक्षा उत्पादन में गहरा सहयोग—ये वे मुद्दे हैं जो पश्चिमी देशों की नींद उड़ा रहे हैं। भारत आज न केवल रूस का सबसे बड़ा रक्षा साझेदार है, बल्कि वह देश है जो अमेरिका और रूस के बीच संतुलन बनाते हुए अपनी स्वतंत्र विदेश नीति को मज़बूती से आगे बढ़ा रहा है। यह बात कुछ ताकतों को रास नहीं आ रही।
ऐसे में एयरपोर्टों पर अचानक पैदा हुई यह अफरा-तफरी कोई संयोग नहीं है। विदेशी मेहमान के सामने भारत को “तीसरी दुनिया का अव्यवस्थित देश” दिखाने की पुरानी चाल है। विदेशी मीडिया में पहले से ही हेडलाइंस तैयार हैं—“Chaos at Indian airports as Putin visits”, “India’s aviation crisis exposes crumbling infrastructure”। सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहे वीडियो और तस्वीरें इसी नैरेटिव को बल दे रहे हैं।

यह सिर्फ़ DGCA की नाकामी नहीं है। यह एक बड़ा राष्ट्र-विरोधी षड्यंत्र है, जिसका मकसद भारत की बढ़ती हुई वैश्विक साख पर कीचड़ उछालना है। जब देश नई ऊँचाइयों को छूने की दहलीज पर खड़ा हो, ठीक उसी समय उसे अस्थिर, अक्षम और अविश्वसनीय दिखाने की यह सुनियोजित कोशिश है।
देशवासियों, सतर्क रहिए। यह कोहरे का खेल नहीं, देश की छवि पर हमला है। यह कोई सामान्य अव्यवस्था नहीं, भारत को नीचा दिखाने की नापाक साजिश का नया अध्याय है।



