समीर कौशिक
तकनीकी शिक्षा द्वारा आत्मनिर्भर भारत अभियान का उद्देश्य देश को आर्थिक एवं तकनिकी रूप से आत्मनिर्भर बनाना है, जिसमें तकनीकी शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका है। तकनीकी शिक्षा के माध्यम से नवाचार, कौशल विकास और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सुधार होते हैं, जो न केवल रोजगार के अवसर पैदा करते हैं, अपितु देश की उत्पादन क्षमता को भी बढ़ाते हैं । इसके माध्यम से लोग अपनी खुद की तकनीकी क्षमताओं का निर्माण करते हैं और अपने रोजगार के लिए आत्मनिर्भर बनते हैं। भारत में तकनीकी शिक्षा के कार्य और प्रयोग भारत को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से, नई राष्ट्रिय शिक्षा नीति 2020 का क्रियान्वयन तकनीकी शिक्षा के माध्यम से महत्वपूर्ण है। यह नीति स्वदेशी विकास, मूलभूत एवं स्थानीय कौशल कार्यों की पुनर्जिविका के रूप में और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई है, ताकि देश की अर्थव्यवस्था और समाज को सशक्त बनाया जा सके ।
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में तकनीकी शिक्षा के स्थान को नई शिक्षा नीति में तकनीकी शिक्षा को नए दृष्टिकोण से देखा गया है। इसमें मुख्य रूप से जिन बिंदुओं पर जोर दिया गया है उसमे मुख्यत: आधारभूत तकनीकी शिक्षा के विषय में बच्चों को प्रारंभिक स्तर पर तकनीकी शिक्षा देने की बात की गई है। यह “स्किल डेवलपमेंट” को बढ़ावा देगा।इंटरडिसिप्लिनरी अप्रोच के ममाधयम से विज्ञान, गणित, इंजीनियरिंग और कला के क्षेत्रों को एकीकृत करने का प्रयास किया गया है, ताकि छात्र अपने क्षेत्र के अलावा अन्य क्षेत्रों में भी दक्षता प्राप्त कर सकें। नवाचार और अनुसंधान के क्षेत्र के विस्तार हेतु तकनीकी शिक्षा में अनुसंधान और नवाचार को प्राथमिकता दी गई है। यह उद्योगों और अनुसंधान संस्थानों के बीच साझेदारी को बढ़ावा देगा। ऑनलाइन शिक्षा और डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से तकनीकी शिक्षा को सुलभ बनाना। यह विशेष रूप से ग्रामीण और दूरदराज क्षेत्रों में रहने वाले छात्रों के लिए सहायक है तकनीकी शिक्षा के क्रियान्वयन हेतु संस्थान और नवाचार प्रयोग के प्रयोग विभिन्न संस्थान इस नीति को लागू करने के लिए कर रहे हैं। कुछ उदाहरण निम्नलिखित हैं आईआईटी IITs और एनआईटी NITs: इन संस्थानों में अनुसंधान, नवाचार, और तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। छात्रों को प्रैक्टिकल ज्ञान और उद्योग के वास्तविक मुद्दों पर काम करने का अवसर मिल रहा है।
आईआईटी दिल्ली और आईआईटी मद्रास जैसे संस्थानों में स्टार्टअप्स को सपोर्ट करने के लिए इन्क्यूबेशन सेंटर चलाए जा रहे हैं। ये सेंटर छात्रों और उद्योग जगत के विशेषज्ञों के सहयोग से नए विचारों को व्यावसायिक रूप में बदलने का कार्य करते हैं। राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (NSDC) तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में कौशल विकास पर जोर दे रहा है। इसके द्वारा स्थापित विभिन्न प्रशिक्षण केंद्र देशभर में स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम चला रहे हैं, ताकि युवा रोजगार के लिए तैयार हो सकें।आधुनिक तकनीकी और डिजिटल प्रशिक्षण हेतु NSDC ने डिजिटल प्रशिक्षण के लिए Skill India Portal का निर्माण किया है। स्वदेशी डिजिटल प्लेटफॉर्म दीक्षा प्लेटफॉर्म यह एक ऐसा डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जहां स्कूलों और कॉलेजों के लिए तकनीकी शिक्षा, संसाधन और पाठ्यक्रम उपलब्ध कराए जाते हैं।स्वयं पोर्टल यह एक ऑनलाइन शिक्षा प्लेटफ़ॉर्म है जो उच्च शिक्षा और तकनीकी विषयों में पाठ्यक्रम उपलब्ध कराता है।टेक्नोलॉजी आधारित नवाचार (Innovation in Tech):कई संस्थान भविष्य की संभावनाएं के अंतर्गत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग (ML): जैसे-जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग का उपयोग बढ़ रहा है, भारतीय शिक्षा प्रणाली में इन तकनीकों को शामिल किया जा रहा है। भविष्य में इससे उच्च तकनीकी शिक्षा को और भी सशक्त बनाया जाएगा।, डेटा साइंस, और रोबोटिक्स में नवाचार कर रहे हैं। आईआईटी कानपुर और आईआईटी हैदराबाद जैसे संस्थान इन तकनीकों में शोध और विकास में अग्रणी हैं।डिजिटल और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित शिक्षण सामग्री का उपयोग बढ़ाया गया है, जिससे छात्र उन्नत पद्धति से सीख सकें। संस्थान स्मार्ट लैब्स और टेक्निकल वर्कशॉप्स के माध्यम से छात्रों को नवीनतम तकनीकी यंत्रों से परिचित कराते हैं, जैसे 3D प्रिंटिंग, वर्चुअल रियलिटी (VR), और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT)। राजीव गांधी राष्ट्रीय विज्ञान संस्थान यह संस्थान नवाचार को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न तकनीकी अनुसंधान परियोजनाओं और सॉफ्टवेयर विकास कार्यक्रमों पर काम कर रहा है। इन संस्थानों और नवाचार प्रयोगों के माध्यम से भारत में तकनीकी शिक्षा को सशक्त किया जा रहा है, जिससे छात्रों को न केवल वैश्विक प्रतिस्पर्धा में सफलता प्राप्त हो, बल्कि देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं।प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY) इस योजना के तहत भारत में तकनीकी शिक्षा और कौशल विकास के लिए विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इसका उद्देश्य युवाओं को नई तकनीकों से लैस करना है ताकि वे उद्योगों में बेहतर तरीके से काम कर सकें और आत्मनिर्भर बन सकें।राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (NITs) और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IITs): ये संस्थान देश में उच्च गुणवत्ता वाली तकनीकी शिक्षा प्रदान करने में प्रमुख भूमिका निभाते हैं। इन संस्थानों से निकलने वाले छात्र न केवल वैश्विक स्तर पर काम करते हैं, बल्कि स्वदेशी तकनीकी विकास में भी योगदान करते हैं। भारत सरकार की ‘Startup India’ पहल के तहत तकनीकी शिक्षा से जुड़े स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित किया जाता है। इसके माध्यम से युवा उद्यमियों को नई-नई तकनीकी परियोजनाओं पर काम करने के लिए सहायता दी जाती है, जिससे आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ा जा सकता है।
मेक इन इंडिया और अटल इनोवेशन मिशन (AIM): ‘मेक इन इंडिया’ और ‘अटल इनोवेशन मिशन’ जैसी योजनाओं के तहत छात्रों और तकनीकी पेशेवरों को नवाचार करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। इस पहल का उद्देश्य घरेलू उत्पादन और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना है।इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) और स्मार्ट सिटी प्रौद्योगिकि स्मार्ट सिटी निर्माण और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारतीय तकनीकी शिक्षा में वृद्धि होने की संभावना है, जिससे छात्रों को इन उन्नत क्षेत्रों में काम करने के लिए बेहतर अवसर मिलेंगे। सस्टेनेबल तकनीक के माध्यम से पर्यावरणीय चिंताओं को देखते हुए, सस्टेनेबल तकनीक और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में भी तकनीकी शिक्षा को प्रमुख रूप से शामिल किया जाएगा। इससे न केवल आत्मनिर्भरता बढ़ेगी, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान मिलेगा। भारतीय तकनीकी शिक्षा को उद्यमिता (एंटरप्रन्योरशिप ) के दृष्टिकोण से अधिक सशक्त बनाने की आवश्यकता है, जिससे छात्र अपने व्यवसाय शुरू कर सकें और आत्मनिर्भर भारत की ओर कदम बढ़ा सकें। तकनीकी शिक्षा का सही उपयोग और सुधार आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। भारत में कई शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास जैसे स्वयं सेवी संस्था एवं शिक्षण संस्थान और सरकारी योजनाएं इस दिशा में कार्य कर रही हैं। भविष्य में नई राष्ट्रीय निति २०२० के माधयम से तकनीकी शिक्षा में और भी सुधार होंगे, जिससे युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे और देश के आर्थिक विकास में वृद्धि होगी।