यह खुलासा सुरक्षा एजेंसियों और राज्य सरकार की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाता है।ज्योति पर आरोप है कि उन्होंने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के लिए संवेदनशील जानकारी साझा की, जिसमें जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले से जुड़ी जानकारियां शामिल हो सकती हैं।
जांच में पाया गया कि वह दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग के एक अधिकारी, अहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश, के संपर्क में थीं, जिसे भारत ने मई 2025 में निष्कासित कर दिया था। ज्योति ने अपने यूट्यूब चैनल ‘ट्रैवल विद जो’ पर पाकिस्तान से संबंधित कई वीडियो पोस्ट किए, जो उनकी संदिग्ध गतिविधियों का आधार बने।इस मामले ने केरल सरकार की जांच प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए हैं। आलोचकों का कहना है कि पर्यटन विभाग ने बिना पृष्ठभूमि जांच के ज्योति को प्रचार के लिए चुना, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा साबित हुआ। हिसार पुलिस और केंद्रीय एजेंसियां अब उनके बैंक खातों, डिजिटल उपकरणों और अन्य इन्फ्लुएंसर्स के साथ संबंधों की जांच कर रही हैं। यह मामला सोशल मीडिया के दुरुपयोग और जासूसी नेटवर्क की गहराई को उजागर करता है।