अनुराग पुनेठा
यूके लेबर पार्टी ने, कीर स्टारमर की अगुवाई में, 2024 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में दखल देने की एक गुप्त योजना बनाई। इस मिशन का नाम था “लेबर फॉर कमला,” जिसमें 100 ऑपरेटिव्स को अमेरिकी स्विंग राज्यों (जैसे जॉर्जिया, पेंसिल्वेनिया, और नॉर्थ कैरोलिना) में भेजा गया, ताकि डोनाल्ड ट्रंप को हराकर कमला हैरिस की जीत सुनिश्चित की जा सके। इस घोटाले ने अमेरिका और ब्रिटेन के बीच “स्पेशल रिलेशनशिप” को हिलाकर रख दिया है। ट्रंप प्रशासन अब कड़ा जवाब देने की तैयारी कर रहा है।
यह पूरा ऑपरेशन लेबर पार्टी की ऑपरेशंस हेड, सोफिया पटेल, ने डिज़ाइन किया था। लिंक्डइन के जरिए पुराने और मौजूदा पार्टी स्टाफ को भर्ती कर, उन्होंने 100 से अधिक लोगों की एक टीम बनाई। इन ऑपरेटिव्स को कमला हैरिस के कैंपेन ऑफिसों में तैनात किया गया, और उनके खर्चे लेबर पार्टी के डोनर्स और हैरिस के कैंपेन द्वारा उठाए गए। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पूर्व लेबर सांसद जोनाथन अशवर्थ ने अगस्त में शिकागो में हैरिस के करीबी साथियों से मुलाकात भी की थी। सोशल मीडिया पर इस योजना के लीक होने के बाद हंगामा मच गया, और सोफिया पटेल ने अपना पोस्ट डिलीट कर दिया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
अमेरिकी कानूनों का उल्लंघन:
लेबर पार्टी के इस हस्तक्षेप ने कई अमेरिकी संघीय और राज्य कानूनों का उल्लंघन किया। अमेरिकी कानून (52 U.S.C. § 30121) विदेशी हस्तक्षेप को पूरी तरह प्रतिबंधित करता है, लेकिन लेबर पार्टी ने हैरिस के कैंपेन को संसाधन और सेवाएं प्रदान कर इस कानून का उल्लंघन किया। इसके अलावा, विदेशी एजेंट रजिस्ट्रेशन एक्ट (FARA) के तहत, किसी विदेशी संगठन के लिए काम करने वाले व्यक्तियों को रजिस्टर करना अनिवार्य है, जिसे पटेल और उनकी टीम ने अनदेखा किया।
राजनीतिक और कूटनीतिक असर:
लेबर पार्टी की यह हरकत अमेरिका की संप्रभुता और अमेरिका-यूके रिश्तों के लिए खतरा है। ट्रंप प्रशासन अब आर्थिक प्रतिबंधों और कूटनीतिक कदमों पर विचार कर रहा है। यह एक कड़ा संदेश होगा कि अमेरिकी लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
निष्कर्ष:
कीर स्टारमर की लेबर पार्टी ने अमेरिकी लोकतंत्र और अमेरिका-यूके रिश्तों के साथ गहरा विश्वासघात किया है। ट्रंप प्रशासन को कड़ा कदम उठाकर यह सुनिश्चित करना होगा कि भविष्य में कोई भी विदेशी ताकत अमेरिकी चुनावों में हस्तक्षेप करने की हिम्मत न करे।