रूस के सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार पाने वाले पहले भारतीय नेता बने पीएम मोदी

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पीएम मोदी का रूस दौरा समाप्त हो चुका है। पीएम मोदी के इस दौरे पर दोनों देशों के बीच कई अहम फैसले लिए गए। पीएम मोदी और रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने 22वीं द्विपक्षीय वार्ता में आर्थिक संबंधों को और अधिक मजबूत बनाने तथा आपसी व्यापार को वर्ष 2030 तक 100 अरब डॉलर तक बढ़ाने का लक्ष्य निर्धारित किया। दोनों देशों ने संपर्क सुविधाएं बढ़ाने के लिए चेन्नई वल्दिवस्तक समुद्री गलियारे पर भी बातचीत की। दोनों नेताओं ने भारत यूरेशिया आर्थिक संघ व्यापार समझौते को आगे बढ़ाने का भी फैसला किया।

शिखरवार्ता के दौरान दोनों देशों ने सहयोग के 9 दस्तावेजों को स्वीकार किया। इनमें रूस के सदूर पूर्व में सहयोग तथा ध्रुवीय अनुसंधान संबंधी करार शामिल हैं। दोनों पक्षों ने औषधि व्यापार को बढ़ावा देने के साथ ही व्यापारिक संगठनों के बीच सहयोग संबंधी करार भी किए। वहीं पीएम मोदी द्वारा मुद्दा उठाए जाने के बाद रूसी सेना में कार्यरत भारतीय नागरिकों की सुरक्षित स्वेदश वापसी का रास्ता खुलने के साथ ही उनकी भर्ती बंद करने पर मास्को तैयार हो गया है। भारत की मांग पर रूस ने सहमति जताई है। पीएम मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ अनौपचारिक मुलाकात के दौरान यह मुद्दा प्रमुखता से उठाया था।

दौरे के दौरान ​रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत-रूस संबंधों को बढ़ावा देने में पीएम मोदी के योगदान के लिए क्रेमलिन के सेंट एंड्रयू हॉल में आयोजित एक विशेष समारोह में, उन्हें रूस के सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार “द ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल” से सम्मानित किया। इस पुरस्कार की घोषणा 2019 में की गई थी। इस पुरस्कार स्वीकार करते हुए, पीएम ने इसे भारत के लोगों और भारत व रूस के बीच मित्रता के पारंपरिक बंधन को समर्पित किया।

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