नई दिल्ली | शताब्दी पार कर चुके वरिष्ठ साहित्यकार रामदरश मिश्र को सोमवार, 9 जून को महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की ओर से पद्मश्री पुरस्कार प्रदान किया गया। नई दिल्ली स्थित उनके आवास पर यह सम्मान गृह मंत्रालय, भारत सरकार के महानिदेशक सतपाल चौहान द्वारा प्रोफेसर मिश्र को भेंट किया गया। इस अवसर पर मिश्र जी के परिजन तथा रामदरश मिश्र न्यास के पदाधिकारी भी उपस्थित रहे।
रामदरश मिश्र को हिंदी साहित्य के क्षेत्र में उनके सात दशकों से अधिक के योगदान के लिए यह प्रतिष्ठित सम्मान दिया गया है। उनकी कविताओं, कहानियों, उपन्यासों तथा आत्मकथात्मक लेखन ने भारतीय साहित्य को नई ऊँचाइयाँ दी हैं। अपनी सादगीपूर्ण जीवनशैली, ग्रामीण संवेदना और समसामयिक यथार्थ के संयोजन के लिए वे साहित्य-जगत में एक आदर्श साहित्यकार के रूप में प्रतिष्ठित हैं।
इस वर्ष घोषित पद्म पुरस्कारों की सूची में रामदरश मिश्र का नाम प्रमुखता से शामिल किया गया था। उम्र और स्वास्थ्य की दृष्टि से वे औपचारिक रूप से विगत 27 मई को आयोजित समारोह में शामिल नहीं हो सके, जिसके कारण यह सम्मान उन्हें उनके आवास पर जाकर सौंपा गया।
पद्मश्री से सम्मानित किए जाने पर साहित्यिक समाज, शिक्षाविदों और हिंदी प्रेमियों ने प्रसन्नता जताई है और इसे हिंदी साहित्य के लिए गौरवपूर्ण क्षण बताया है।