थाईलैंड, एक ऐसा देश जो अपनी समृद्ध बौद्ध संस्कृति और भिक्षुओं के प्रति गहरे सम्मान के लिए जाना जाता है, हाल ही में एक अभूतपूर्व सेक्स स्कैंडल से हिल गया है। इस घोटाले ने न केवल थाई समाज को झकझोर दिया है, बल्कि बौद्ध धर्म की पवित्रता और मठों की वित्तीय पारदर्शिता पर भी सवाल उठाए हैं। इस स्कैंडल की केंद्रीय शख्सियत हैं विलावन एम्सावत, जिन्हें मीडिया में “सिका गोल्फ” के नाम से जाना जाता है। विलावन पर आरोप है कि उन्होंने कई वरिष्ठ बौद्ध भिक्षुओं को प्रलोभन देकर यौन संबंधों में फंसाया और फिर उनकी अंतरंग तस्वीरों और वीडियो के आधार पर ब्लैकमेल करके लाखों रुपये की उगाही की। इस लेख में हम इस घोटाले के विभिन्न पहलुओं, इसके सामाजिक और धार्मिक प्रभावों, और इससे उत्पन्न होने वाली बहसों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
विलावन एम्सावत: पृष्ठभूमि और शुरुआत
विलावन एम्सावत, जिनकी उम्र 30 से 35 वर्ष के बीच बताई जाती है, थाईलैंड के फिचिट प्रांत के साक लेक जिले की रहने वाली हैं। वह एक साधारण और गरीब परिवार से आती हैं। उनकी शिक्षा अधूरी रही, और उन्होंने नौवीं कक्षा (मट्टायम 3) को पूरा किए बिना स्कूल छोड़ दिया। इसके बाद, बेहतर अवसरों की तलाश में वह बैंकॉक चली गईं। विलावन की जिंदगी में कई उतार-चढ़ाव आए। उनके तीन बच्चे हैं, जिनमें से पहला बच्चा एक डीजे के साथ, दूसरा एक शैक्षणिक व्यक्ति के साथ, और तीसरा फित्सानुलोक के एक भिक्षु के साथ हुआ।
विलावन को “सिका गोल्फ” के नाम से जाना जाता है, जहां “सिका” एक ऐसा शब्द है जिसका उपयोग भिक्षु महिलाओं के लिए करते हैं। वह एक सामान्य पृष्ठभूमि से थीं, लेकिन उनकी महत्वाकांक्षा और रणनीति ने उन्हें इस घोटाले की मुख्य किरदार बना दिया। उनकी सोशल मीडिया उपस्थिति और आकर्षण ने उन्हें भिक्षुओं तक पहुंच बनाने में मदद की, जिन्हें थाई समाज में विश्व-त्यागी और पवित्र माना जाता है।
घोटाले की शुरुआत और खुलासा
यह घोटाला जून 2025 में तब सामने आया जब बैंकॉक के प्रसिद्ध वाट त्रि थोत्साथेप मठ के एक वरिष्ठ भिक्षु, फ्रा थेप वाचिरापमोक, अचानक गायब हो गए। उनकी रहस्यमयी अनुपस्थिति ने पुलिस को जांच शुरू करने के लिए प्रेरित किया। जांच के दौरान पुलिस का ध्यान विलावन एम्सावत की ओर गया, जिनके घर की तलाशी में पांच मोबाइल फोन बरामद हुए। इन फोनों में लगभग 80,000 अंतरंग तस्वीरें और वीडियो मिले, जिनमें विलावन और कई वरिष्ठ भिक्षुओं के बीच यौन संबंधों के दृश्य शामिल थे। यह खुलासा थाईलैंड के लिए एक झटके की तरह था, क्योंकि बौद्ध भिक्षुओं को ब्रह्मचर्य का कड़ा व्रत लेना होता है, और वे महिलाओं को छूने से भी परहेज करते हैं।
पुलिस ने पाया कि विलावन ने इन तस्वीरों और वीडियो का उपयोग भिक्षुओं को ब्लैकमेल करने के लिए किया, जिसके परिणामस्वरूप उन्होंने पिछले तीन वर्षों में लगभग 385 मिलियन थाई बाट (लगभग 102 करोड़ रुपये) की उगाही की। इस राशि का बड़ा हिस्सा ऑनलाइन जुए में खर्च किया गया, और पुलिस के अनुसार, उनके बैंक खातों में केवल 8,000 बाट शेष थे। विलावन को 15 जुलाई 2025 को नॉनथाबुरी प्रांत में उनके आलीशान घर से गिरफ्तार किया गया। उन पर उगाही, मनी लॉन्ड्रिंग, और चोरी की वस्तुएं प्राप्त करने के आरोप लगाए गए।
विलावन की रणनीति और कार्यप्रणाली
विलावन की कार्यप्रणाली सुनियोजित और व्यवस्थित थी। वह सोशल मीडिया के माध्यम से वरिष्ठ भिक्षुओं से संपर्क करती थीं और उनके साथ रोमांटिक संबंध स्थापित करती थीं। एक बार जब भिक्षु उनके जाल में फंस जाते, वह उनके साथ अंतरंग पलों को गुप्त रूप से रिकॉर्ड कर लेती थीं। इन रिकॉर्डिंग्स का उपयोग वह भिक्षुओं को ब्लैकमेल करने के लिए करती थीं, और उनसे मोटी रकम की मांग करती थीं। कुछ मामलों में, उन्होंने भिक्षुओं से मंदिर के धन का दुरुपयोग करने के लिए भी दबाव डाला।
उदाहरण के लिए, एक भिक्षु ने विलावन को सिरेमिक्स व्यवसाय शुरू करने के लिए हजारों डॉलर “उधार” दिए, जो वास्तव में मंदिर के फंड से लिए गए थे। एक अन्य मामले में, विलावन ने दावा किया कि वह एक भिक्षु से गर्भवती थी और उसने 7.2 मिलियन बाट (लगभग 2.22 लाख डॉलर) की मांग की। कुछ भिक्षुओं ने उन्हें क्रेडिट कार्ड प्रदान किए और उनके बिलों का भुगतान किया, जबकि अन्य ने अपने जीवन की बचत तक खर्च कर दी।
विलावन के घर की तलाशी में पुलिस को कई भिक्षुओं के साथ उनके चैट रिकॉर्ड और वीडियो मिले, जिनमें कुछ भिक्षु अपनी पारंपरिक नारंगी वस्त्र पहने हुए थे। यह दर्शाता है कि विलावन ने न केवल भिक्षुओं की कमजोरियों का फायदा उठाया, बल्कि उनकी धार्मिक स्थिति का भी दुरुपयोग किया।
सामाजिक और धार्मिक प्रभाव
थाईलैंड में 90% से अधिक आबादी बौद्ध धर्म का पालन करती है, और भिक्षु समाज में अत्यधिक सम्मानित होते हैं। यह घोटाला थाई बौद्ध समुदाय के लिए एक बड़ा झटका था, क्योंकि इसमें कई वरिष्ठ भिक्षु और मठाधीश शामिल थे। कम से कम नौ भिक्षुओं को उनके ब्रह्मचर्य व्रत तोड़ने के कारण मठ से निष्कासित कर दिया गया, और कुछ अन्य फरार हो गए। इस घटना ने बौद्ध धर्म की छवि को गहरा आघात पहुंचाया और मठों की वित्तीय पारदर्शिता पर सवाल उठाए।
इस घोटाले ने थाई समाज में कई महत्वपूर्ण बहसों को जन्म दिया। एक ओर, कुछ लोगों ने विलावन को एक “षड्यंत्रकारी” और “लालची” महिला के रूप में चित्रित किया, जो भिक्षुओं को फंसाने के लिए जिम्मेदार थी। दूसरी ओर, कई टिप्पणीकारों, जैसे कि बैंकॉक पोस्ट की संत्सुदा एकचाई, ने इस मामले में गहरे निहित पितृसत्तात्मक और मठवासी ढांचे की आलोचना की। उन्होंने तर्क दिया कि यह घोटाला भिक्षुओं के बीच “धन, शक्ति और उपाधियों” की संस्कृति को उजागर करता है, जो उन्हें इस तरह की गतिविधियों के लिए कमजोर बनाता है।
मठों की वित्तीय स्थिति
इस घोटाले ने मठों की वित्तीय प्रणाली पर भी प्रकाश डाला। थाईलैंड में मठों को भक्तों से दान के रूप में भारी मात्रा में धन प्राप्त होता है, और ये आय कर-मुक्त होती हैं। वरिष्ठ भिक्षु, विशेष रूप से मठाधीश, इन फंडों पर नियंत्रण रखते हैं, और कुछ मामलों में, इस धन का दुरुपयोग किया गया। उदाहरण के लिए, एक भिक्षु ने विलावन को मंदिर के फंड से 380,000 बाट ट्रांसफर किए, जो बाद में उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों का आधार बना।
इस घोटाले के बाद, थाईलैंड के कार्यवाहक प्रधानमंत्री फुमथम वेचायाचाई ने मठों की वित्तीय पारदर्शिता की समीक्षा करने और भिक्षुओं के व्यवहार को नियंत्रित करने वाले कानूनों को सख्त करने का आदेश दिया। साथ ही, थाईलैंड के राजा वजीरालोंगकोर्न ने जून 2025 में 81 भिक्षुओं को दी गई उच्च उपाधियों को रद्द कर दिया, यह कहते हुए कि इस तरह के कदाचार ने बौद्धों को “मानसिक रूप से बहुत पीड़ा” दी है।
कानूनी और सामाजिक प्रतिक्रियाएं
विलावन की गिरफ्तारी के बाद, पुलिस ने “अनुचित व्यवहार करने वाले भिक्षुओं” की शिकायतों के लिए एक हॉटलाइन खोली। साथ ही, सांघा सुप्रीम काउंसिल, जो थाई बौद्ध धर्म का शासी निकाय है, ने मठवासी नियमों की समीक्षा के लिए एक विशेष समिति गठन करने की घोषणा की। कुछ सांसदों, जैसे कि धार्मिक मामलों की सीनेट समिति के उपाध्यक्ष वारावुत तिरानन, ने सुझाव दिया कि भिक्षुओं के साथ यौन संबंध रखने वाली महिलाओं के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की जानी चाहिए। इस प्रस्ताव की आलोचना मिसोजिनिस्टिक और पक्षपातपूर्ण के रूप में की गई, क्योंकि यह महिलाओं को यौन शिकारी के रूप में चित्रित करता है और भिक्षुओं को निर्दोष पीड़ित के रूप में।
विलावन एम्सावत का सेक्स स्कैंडल थाईलैंड के बौद्ध समुदाय और समाज के लिए एक चेतावनी है। यह न केवल भिक्षुओं की नैतिकता और मठों की वित्तीय प्रणाली पर सवाल उठाता है, बल्कि थाई समाज में गहरे निहित पितृसत्तात्मक दृष्टिकोणों को भी उजागर करता है। इस घोटाले ने सुधारों की आवश्यकता को रेखांकित किया है, ताकि बौद्ध धर्म की पवित्रता और मठों की विश्वसनीयता को पुनर्स्थापित किया जा सके। यह एक जटिल और संवेदनशील मुद्दा है, जो धर्म, नैतिकता, और सामाजिक जिम्मेदारी के बीच संतुलन की मांग करता है।