दिल्ली। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली आबकारी घोटाला मामले में जमानत दे दी है। जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने यह आदेश दिया। कोर्ट ने साफ किया कि जमानत के दौरान संजय सिंह राजनीतिक गतिविधियों में हिस्सा ले सकते हैं। उनकी जमानत के बाद कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के इस दावे की कलई खुल गई कि पीएमएलए एक्ट में गिरफ्तारी के बाद जमानत नहीं होती। गौरतलब है कि संजय सिंह बेगुनाह साबित नहीं हुए हैं, उन्हें जमानत मिली है।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने ईडी की ओर से पेश एएसजी एसवी राजू से पूछा है कि संजय सिंह 6 महीने से जेल में बंद हैं। जांच एजेंसी बताए कि उनको आगे भी जेल में रखने की क्या जरूरत है? कोर्ट ने राजू से 2 बजे तक इस पर निर्देश लेकर आने को कहा। दो बजे के बाद राजू ने कहा कि उन्हें संजय सिंह को जमानत देने पर कोई आपत्ति नहीं है। उसके बाद कोर्ट ने संजय सिंह को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया।
दिल्ली हाई कोर्ट ने 7 फरवरी को संजय सिंह की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। संजय सिंह ने दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।
ED की चार्जशीट में संजय सिंह पर 82 लाख रुपए का चंदा लेने का जिक्र है। इसको लेकर ही 4 अक्टूबर को ED उनके घर पहुंची थी और उनसे 10 घंटे की लंबी पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया था।। दिल्ली शराब नीति केस में ED की दूसरी सप्लीमेंट्री चार्जशीट पिछले साल 02 मई को जारी की गई थी। जिसमें AAP सांसद राघव चड्ढा का भी नाम सामने आया था। आप नेता आतिशी मारलेना ईडी उन्हें गिरफ्तार कर सकती है। उन्होंने राज्य सभा सांसद राघव चड्ढ़ा, मंत्री सौरभ भारद्वाज और दुर्गेश पाठक का नाम भी भविष्य में गिरफ्तार होने वाले लोगों में शामिल किया। एक तरफ आप के नेता जमानत पर बाहर आ रहे हैं और दूसरी तरफ नए नेताओं के जेल की जाने की बात दिल्ली सरकार की मंत्री कर रहीं हैं।