डॉ. शोभा विजेन्द्र
आज मीरा की खुशी का कोई ठिकाना ही नहीं था, जैसे ही उसने आज का अखबार खोला तो देखा कि 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में श्रीरामलला का प्राण प्रतिष्ठा समारोह होने जा रहा है। अरे! यह तो अद्भुत है। जब से मीरा ने होश संभाला तब से ही लगातार वह रामजन्म भूमि के विषय में सुनती आई हैं और हमेशा से ही इस विषय को लेकर अचम्भित और क्रोधित रही है कि भगवान श्रीरामलला के मन्दिर के कपाट क्यों बंद रहे? इसके पीछे किन लोगों का स्वार्थ रहा? अयोध्या में श्रीराम के अस्तित्व पर ही प्रश्न चिन्ह लगाकर हिन्दुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाई जा रही थी। यह तो किसी को भी स्वीकार न था।
जैसे-जैसे समझ विकसित हुई वैसे-वैसे यह इच्छा बलवती हुई कि अयोध्या में अवश्य ही श्रीरामजन्म भूमि क्षेत्र एक तीर्थ के रूप में विकसित होना चाहिए जहाँ पर न केवल हिन्दू बल्कि सभी धर्मों के लोगों को भगवान राम के न केवल दर्शन हों बल्कि मर्यादा पुरूषोत्तम राम के आदर्शों का हृदय में निवास हों किन्तु श्रीराम जन्मभूमि तो विवादित स्थल है,मीरा जैसे करोड़ो भक्तों के लिए यह आत्मसम्मान का प्रश्न था। और तभी मोदी सरकार आ गई I और राम भक्तों की सरकार आने के साथ ही यह स्वप्न सच हो गया।
500 साल से लगातार राम भक्तों ने अपने इष्ट देवता के भव्य मंदिर निर्माण के लिए संघर्ष किया। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार जहाँ इस भव्य मन्दिर का निर्माण हुआ है वह भगवान श्रीराम का जन्म स्थान है। 05 अगस्त 2020 को भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा भूमि पूजन का कार्य संपन्न हुआ था और मंदिर निर्माण का कार्य प्रारंभ हुआ था।
मीरा अभी कुछ सोच ही रही थी कि कहीं मन में यह भाव आया कि यह 500 वर्षों का इतिहास भी सभी को बताना चाहिए। 15वीं शताब्दी में मुगलों ने हिन्दू मंदिर को खंडित कर बाबरी मस्जिद का निर्माण किया। 1850 के दशक में इसको लेकर यह विवाद हिंसक रूप में सामने आया और तब से लेकर न जाने कितने रामभक्तों ने इस के लिए अपने प्राण न्यौछावर किए।
दिसम्बर 1992 में बाबरी मस्जिद का विध्वंस हुआ। कानूनी लड़ाई भी कम पेचीदा नहीं थी। 2019 में इस विवाद पर उच्चतम न्यायालय ने निर्णय लिया और इस भूमि को सरकार द्वारा घटित श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को सौंप दिया।
अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 22 जनवरी 2024 को श्री राम जन्मभूमि मन्दिर मेंं भगवान श्री रामलला के श्री विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा करेंगे। प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर देश के 4,000 संत-महात्मा एवं समाज के 2,500 प्रतिष्ठित महानुभाव उपस्थित रहेंगे। मीरा के मन में आत्म संतुष्टि के अनेकों भाव आ- जा रहे थे। तभी उसे पता चला कि सम्पूर्णा संस्था द्वारा दिल्ली को अयोध्या बनाने का कार्य सम्पूर्णा संस्था दिल्लीवासियों के साथ कर रही है। संस्था दिल्लीभर में 1 करोड़ 11 हजार दीपक प्रज्जवलित करने जा रही है। उससे पूर्व जगह-जगह राम गोष्ठियां, राम कवि सम्मेलन एवं राम चित्रकला प्रतियोगिता भी आयोजित की जा रही हैं। मीरा ने सम्पूर्णा की कार्यकारी अध्यक्षा आशा जैन जी से संपर्क किया। योजना को समझ कर 22 जनवरी 2024 को तन-मन-धन से समर्पण की बात की। तभी कार्यकारी अध्यक्षा आशा जी ने बताया कि सम्पूर्णा ने भी गत् वर्षों में अयोध्या में भव्य राम मन्दिर बनें और उसमें रामलला विराजमान हों, ने भी अपना भगीरथी प्रयास किया है।
ज्ञात रहे कि जब राम मंदिर का मामला उच्चतम न्यायालय में लम्बित था। कांग्रेस पार्टी और उसके नेता कपिल सिब्बल द्वारा लगातार यह कोशिश की जा रही थी कि राम मंदिर को लेकर कोई फैसला न आए। उस समय सम्पूर्णा के कार्यकर्ताओं ने दिल्ली के कोने-कोने में जाकर राम मन्दिर को लेकर कांग्रेस पार्टी के इस कुकृत्य को सबको अवगत कराया था।
सम्पूर्णा से जुड़े कार्यकर्ताओं, विशेषतः बहनों ने हर आम और खास व्यक्ति को एकत्र कर समझाया था कि राम मंदिर करोड़ों रामभक्तों की आस्था से जुड़ा मामला है और कांग्रेस पार्टी प्रत्यक्ष रुप से राम भक्तों को चुनौती दे रही है। संस्था ने अयोध्या में राम मन्दिर के निर्माण हेतु 08 दिसम्बर, 2018 को दिल्ली के रोहिणी क्षेत्र में कार्यक्रम आयोजित किया, जिसमें विश्व हिन्दू परिषद के तत्कालीन अन्तर्राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, श्री चम्पत राय जी पहुंचे थे। संस्था आपको हृदय सुमन भेंट करती है कि यह सब कुछ राष्ट्र और उत्तर प्रदेश में राम भक्तों की सरकार बनने के कारण हुआ।
सम्पूर्णा द्वारा 04 फरवरी 2020 को अपने केंद्र, रोहिणी में श्रीराम मंदिर स्थापित कर सैकड़ों लोगों द्वारा प्रतिदिन राम लला की आरती की गई और अयोध्या में श्रीराम मन्दिर के पुनः भव्य निर्माण के लिए धन संग्रह किया गया। 14 फरवरी 2020 को विश्व हिन्दू परिषद के अध्यक्ष श्री आलोक कुमार जी को कृतज्ञता के भाव से धनराशि समर्पित की गई।
आशा जी ने बताया कि हिंदू, मुसलमान, सिक्ख, बौद्ध या पारसी, गरीब, अमीर, कोठी में रहने वाले या सड़क पर सोने वाले सबसे सादरपूर्वक अनुरोध करेंगे कि कण-कण में बसने वाले राष्ट्र पुरूष हमारे अराध्य भगवान रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह पर दीपावली मनाएँ। हमने संकल्प लिया है कि 1 करोड़ 11 हजार दीपक जलाकर इस अनुपम, अद्वितीय और एतिहासिक दिन के साक्षी बनेंगे।