‘पत्रकार’ की असलियत से पर्दा उठने पर पुलिस के भी उड़े होश

उत्तर प्रदेश में गाजियाबाद के मोदीनगर में खुद को पत्रकार बताकर मोदी स्टील फैक्ट्री के जीएम को ब्लैकमेल कर एक करोड़ रुपए की रंगदारी मांगने के मामले में नया खुलासा हुआ है। मामले की जांच में पता चला है कि रंगदारी मांगने का मुख्य आरोपी अनुज अग्रवाल नामक कथित पत्रकार हिस्ट्रीशीटर है और उसके खिलाफ देहरादून के थानों में कई मामले दर्ज हैं। इनमें धोखाधड़ी, गुंडाएक्ट और गैंगस्टर के मामले भी शामिल हैं और वहां के पटेलनगर थाने की पुलिस ने उसे हिस्ट्रीशीटर घोषित किया हुआ है।

पुलिस सुत्रों के अनुसार अनुज अग्रवाल ने एक गिरोह बना रखा है, जिसका काम लोगों को ब्लैकमेल कर उनसे रंगदारी वसूलना है। मामले में पीड़ित ने कथित पत्रकार समेत सात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। पुलिस की कई टीमें आरोपियों की तलाश में जुटी हैं। फिलहाल इस मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार मोदी स्टील फैक्ट्री में जीएम और दिल्ली के द्वारका निवासी अंबेर जेटली को अनुज अग्रवाल द्वारा ब्लैकमेल किया जा रहा था। यह ब्लैकमेलिंग 15 अप्रैल को फैक्ट्री से स्क्रैप निकालने के नाम पर एक विडियो बनाकर की जा रही थी। आरोपी उनसे एक करोड़ रुपए की रंगदारी मांगने के साथ ही परिवार सहित जान से मारने की धमकी भी दे रहे थे। इसके बाद अंबेर जेटली ने मुरादनगर थाने में अनुज अग्रवाल, अतुल नेहरा, विशाल, गिरिधर, निर्मला नेहरा, मानविंदर नेहरा, बिटटू गदाना और  एक अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

कुछ दिनों पूर्व ही देहरादून के श्रीमहंत इंद्रेश अस्पताल प्रबंध समिति के वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी भूपेंद्र रतूड़ी ने अनुज अग्रवाल और उसके साथियों के खिलाफ रंगदारी मांगने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। रतूड़ी का कहना था कि अनुज अग्रवाल ने खुद को ‘तहलका चैनल’ का पत्रकार बताते हुए कुछ विडियो शूट कर रंगदारी मांगी थी, जिसके बाद उन्होंने पुलिस में मामला दर्ज करा दिया।

पत्रकार पर हुआ एसिड अटैक

उत्तर प्रदेश के जालौन में कुछ बदमाशों ने एक पत्रकार पर एसिट अटैक कर दिया। एसिड अटैक में घायल पत्रकार को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बताया जाता है कि जनसंदेश टाइम्स अखबार के जालौन संवाददाता कपिल सोनी रोजाना की तरह चुरखी रोड़ स्थित पैतृक मंदिर में दर्शन करने गए थे। इस बीच बाइक पर आए दो लोगों ने उन पर एसिड फेंक दिया और फरार हो गए। हमले में कपिल सोनी गंभीर रूप से झुलस गए। लोगों की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने कपिल सोनी को इलाज के लिए स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें जिला अस्पताल भेज दिया। यहां गंभीर हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने कपिल सोनी को झांसी मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया, जहां उनका इलाज किया जा रहा है।

घटना को लेकर जिले के पत्रकारों में रोष है। उन्होंने इस हमले में शामिल बदमाशों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। लखनऊ जर्नलिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष आलोक त्रिपाठी का कहना है कि पत्रकारों के साथ इस तरह की इस घटनाएं चिंता का विषय है और सरकार को इस बारे में कड़ा निर्णय लेना चाहिए।
इस मामले में पीड़ित के पिता हरीश कुमार सोनी ने मंदिर के पुजारी समेत 4 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है। अपनी शिकायत में हरीश सोनी का कहना है कि मंदिर के पुजारी के साथ उनका पुराना विवाद चल रहा है। इसी को लेकर पुजारी के पुत्र आदित्य तथा दो अज्ञात लोगों ने कपिल के ऊपर एसिड से हमला कर दिया। पुलिस ने मंदिर के पुजारी को गिरफ्तार कर उससे पूछताछ शुरू कर दी है।

पत्रकारिता की छात्रा ने किया सुसाइड

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इलाहाबाद रहनेवाली पत्रकारिता की छात्रा मंगेतर से विवाद के बाद इतनी क्षुब्ध हो गई कि उसने जहर खाकर आत्महत्या कर ली। घटना के बाद छात्रा के परिजनों ने उसके मंगेतर के खिलाफ दहेज उत्पीड़न की रिपोर्ट दर्ज करा दी है। जानकारी के अनुसार घरवालों ने उसकी शादी फतेहपुर जिले के कोतवाली थाने में तैनात दरोगा कालका प्रताप सिंह से तय की थी। उनका तिलक समारोह सात मई और शादी 15 मई को होनी तय हुई थी, लेकिन इस बीच मंगेतर ने शादी से इनकार कर दिया, जिससे दुखी होकर छात्रा ने यह खतरनाक कदम उठा लिया।

जब मध्य प्रदेश में भिंड के अटेर क्षेत्र से कांग्रेस के पूर्व विधायक हेमंत कटारे के खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया था उस समय प्रिंशु सिंह नामक छात्रा चर्चा में आई थी। विधायक ने प्रिंशु के खिलाफ ब्लैकमेलिंग की रिपोर्ट दर्ज करा दी थी। इसके बाद मामले ने तूल पकड़ लिया था। उस समय प्रिंशु पर विधायक का विडियो वायरल कर दो करोड़ रुपयों के मांगने और बाद में 25 लाख रुपये पर समझौता करने के आरोप लगे थे। प्रिंशु को पांच लाख रुपए के साथ गिरफ्तार कर क्राइम ब्रांच ने जेल भी भेजा था। हालांकि, बाद में प्रिंशु ने अपना बयान बदल दिया था। हाई कोर्ट में दिए शपथ पत्र में प्रिंशु का कहना था कि हेमंत कटारे ने उससे दुष्कर्म नहीं किया, बल्कि कटारे के राजनीतिक विरोधियों ने उसका इस्तेमाल किया। यह मामला फिलहाल कोर्ट में विचाराधीन है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उत्तर प्रदेश में हलधरपुर की रहने वाली 21 साल की प्रिंशु  ने वर्ष 2018 में भोपाल स्थित माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विवि से एमए इन ब्रॉडकास्ट जर्नलिज्म किया था। प्रिंशु की दोस्ती फेसबुक के जरिये जौनपुर निवासी दरोगा कालका प्रसाद से हुई थी। बाद में यह दोस्ती प्यार में बदल गई थी। इसके बाद दोनों ने 18 अगस्त 2018 को मथुरा में सगाई कर ली थी। छात्रा के परिवार वालों का आरोप है कि सगाई के समय दरोगा के परिजनों को 24.80 लाख रुपये दिए गए थे, लेकिन बाद में कालका ने लेन देन की बात को लेकर छात्रा से शादी करने से इनकार कर दिया। यही नहीं, प्रिंशु के पिता जब दरोगा के घर बात करने गए तो उन्हें बेइज्जत भी किया गया। शादी से इनकार और पिता की बेइज्जती से क्षुब्ध होकर उसने जहर खा लिया। परिजनों ने प्रिंशु को अस्पताल में भर्ती कराया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। पुलिस के अनुसार, सुसाइड नोट में भी प्रिंशु ने शादी टूटने के कारण खुदकुशी की बात लिखी है।

श्रीलंका में भारतीय फोटो जर्नलिस्ट गिरफ्तार

रिपोर्टिंग के दौरान पत्रकारों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। श्रीलंका पुलिस ने दिल्ली के रहने वाले फोटो पत्रकार दानिश सिद्दीकी को गिरफ्तार कर लिया है। न्यूज एजेंसी ‘रॉयटर्स’  के लिए काम करने वाले दानिश श्रीलंका में करीब हफ्ते भर पहले हुए धमाकों की कवरेज करने के लिए वहां गए हुए थे। दानिश पर अधिकारियों की अनुमति के बिना नेगोंबो शहर के एक स्कूल में जबरदस्ती घुसने की कोशिश करने का गंभीर आरोप है। मजिस्ट्रेट ने दानिश को 15 मई तक के लिए रिमांड पर भेज दिया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार सेंट सेबेस्टियन चर्च में हादसे का शिकार हुए एक बच्चे के बारे में जानकारी एकत्रित करने के लिए दानिश उसके स्कूल में दाखिल होना चाहते थे, इसी बीच प्रिंसिपल की सूचना पर पहुंची पुलिस ने स्कूल में जबरन घुसने की कोशिश करने के आरोप में दानिश को गिरफ्तार कर लिया। गौरतलब है कि ईस्टर पर श्रीलंका में कई जगह हुए धमाकों में 250 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था, जबकि सैकड़ों लोग घायल हो गए थे। बताया जाता है कि दानिश को पुलित्जर अवॉर्ड भी मिल चुका है। दरअसल, रोहिंग्या शरणार्थियों की मार्मिक स्थिति को सामने लाने के लिए रॉयटर्स की जिस सात सदस्यीय टीम को पुलित्जर अवॉर्ड मिला था, उनमें दानिश भी शामिल थे।

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