30 युवा स्वयंसेवकों ने पूरा किया 15 दिवसीय जागरूकता अभियान, विकृत कंटेंट के खिलाफ उठाई आवाज

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नई दिल्ली – सेव कल्चर सेव भारत फाउंडेशन ने अपने पहले 15-दिवसीय वालंटियर अभियान को सफलतापूर्वक पूरा किया है। इस अभियान का उद्देश्य लोगों को विकृत कंटेंट के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक करना था। अभियान के समापन में 30 युवा और समर्पित स्वयंसेवकों को उनके योगदान के लिए प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।

पिछले दो हफ्तों के दौरान, इन स्वयंसेवकों ने ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से जागरूकता फैलाने का काम किया। उन्होंने जागरूकता रैलियां निकालीं, विचारोत्तेजक चर्चाएं कीं, और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से यह बताया कि कैसे विकृत कंटेंट धीरे-धीरे हमारे समाज और विशेष रूप से युवाओं की सोच को प्रभावित कर रहा है।

यह सिर्फ एक वालंटियर बैच नहीं था, बल्कि एक ऐसा समूह था जो हमारे सांस्कृतिक मूल्यों को बचाने के लिए एकजुट हुआ। उनकी लगन और ईमानदारी ने इस अभियान को एक आंदोलन का रूप दे दिया, जिससे समाज में जरूरी बातचीत शुरू हुई और लोगों को सोचने पर मजबूर किया कि हम क्या देख रहे हैं और क्या सामान्य मान रहे हैं। फाउंडेशन के अनुसार, यह केवल एक अभियान नहीं, बल्कि एक सामाजिक आंदोलन की शुरुआत है, जिसमें युवा जागरूकता के जरिए समाज में बदलाव लाने के लिए जुटे हैं। स्वयंसेवकों ने न केवल अपने विचार रखे, बल्कि दूसरों को भी इस विषय पर सोचने और सजग होने के लिए प्रेरित किया।

फाउंडेशन ने सभी प्रतिभागियों के समर्पण की सराहना करते हुए कहा कि यह पहला बैच देशभर में जागरूकता की एक नई लहर की शुरुआत है।सेव कल्चर सेव भारत फाउंडेशन हर स्वयंसेवक को दिल से धन्यवाद देता है और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करता है। उनका योगदान यह साबित करता है कि बदलाव की शुरुआत जागरूकता से होती है और कुछ संकल्पित लोग भी बड़ा बदलाव ला सकते हैं।

आने वाले समय में और भी युवाओं को इस अभियान से जोड़ा जाएगा, ताकि सांस्कृतिक मूल्यों की रक्षा और स्वस्थ सामाजिक वातावरण को बढ़ावा दिया जा सके।

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