पूर्व अनुमति के बिना एयर इंडिया ने कर्मचारियों को मीडिया से बात करने से रोका

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एक संवाद में मिली जानकारी के अनुसार एयर इंडिया ने अपने कर्मचारियों को बिना पूर्व अनुमति के मीडिया से बात करने के प्रति आगाह किया है। कंपनी ने 30 अप्रैल के इस संवाद में कहा है, ऐसा देखा गया है कि कर्मचारियों ने मीडिया से बातें की हैं या जेट एयरवेज की पोशाक में वीडियो पोस्ट किया है। 

इलेक्ट्रॉनिक या सोशल मीडिया पर इस तरह से रखे गए विचारों से कंपनी की छवि खराब हो रही है, जबकि ऐसा करने से मना किया जा चुका है। कंपनी ने कहा, ‘यह फिर से दोहराया जाता है कि कोई भी कर्मचारी निजी अधिकार से या किसी समूह अथवा संगठन के प्रतिनिधि के तौर पर चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी) की बिना पूर्व मंजूरी के प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक या सोशल मीडिया में कंपनी से संबंधित कोई बयान जारी नहीं करेंगे।’ 

इस संवाद पर कंपनी की निदेशक (कर्मचारी) अमृता शरण के हस्ताक्षर हैं। इसमें कहा गया है कि कर्मचारियों को उचित माध्यम से सीएमडी से अनुमति के लिये आवेदन करना होगा। इसमें कहा गया है, ‘इस आदेश के किसी भी उल्लंघन को गंभीरता से लिया जाएगा और उल्लंघन करने वाले के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।’

सोशल मीडिया पर नेताओं का मजाक, ना बाबा ना

अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर राजनेताओं और अन्य लोगों का सोशल मीडिया पर मजाक उड़ाना एक ट्रेंड बन चुका है। लेकिन अब नेताओं के चेहरे क्रॉप कर सोशल मीडिया पर उनका मजाक उड़ाना आपके लिए खतरे की घंटी साबित हो सकती है। 

सोशल मीडिया को लोकसभा उम्मीदवार और राजनेताओं ने चुनाव प्रचार का एक माध्यम बना रखा है। लेकिन दूसरी तरफ सोशल मीडिया इन लोगों के लिए एक मुसीबत बन गया है। विभिन्न नेताओं की तस्वीर क्रॉप कर लोग रैप सॉन्ग वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर करते हैं। इन वीडियो में राजनेताओं को नाचता हुआ दिखाया गया है। 

सोशल मीडिया पर ऐसा करना आयोग की नजर में अपराध है। ऐसा करने वालों पर सीधा केस दर्ज होगा। आयोग का कहना है कि क्रॉपिंग कर फोटो और वीडियो पोस्ट करना अपराध की श्रेणी में आता है। चंडीगढ़, पंजाब में चुनाव आयोग के निर्देश पर डीआईजी के नेतृत्व में एक टीम बनाई गई है, जिसमें एक एआईजी, दो डीएसपी और चार इंस्पेक्टर सोशल मीडिया साइट्स पर नजर रख रहे हैं। 

प्राप्त सूचना के मुताबिक मुख्य चुनाव अधिकारी एस करुणा राजू ने बताया कि आपत्तिजनक पोस्ट डालने वालों पर केस दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। चुनाव आयोग की मॉनीटरिंग कमेटी सोशल मीडिया पर 24 घंटे नजर रखे हुए है।

क्या चीन ने हमारे नेताओं को भरोसे में लिया : पाक मीडिया

पाकिस्तानी मीडिया संयुक्त राष्ट्र द्वारा जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित किए जाने के बाद ठगा रह गया है। चीन के पलटी मारने को लेकर उसकी हैरानी ज्यादा है। चीन ने चार बार मसूद को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित किए जाने की प्रक्रिया में अड़ंगे लगाए। आखिरकार, उसे भारत और दुनिया के दबाव में झुकना पड़ा। अब पाक मीडिया अपनी सरकार से सवाल पूछ रहा है कि क्या मसूद मामले में उसने पाकिस्तान सरकार को भरोसे में लिया था या नहीं?  

भारत की बड़ी जीत
पाकिस्तान के अखबार ‘द न्यूज’ में मोहम्मद सलेह जाफिर ने संपादकीय में लिखा, ‘‘यह भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत है। इससे कूटनीतिक जानकार हैरान हैं। पिछले हफ्ते ही प्रधानमंत्री इमरान खान और उनके खास मंत्री चीन दौरे पर थे। वहां उनकी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भी मुलाकात हुई थी। सवाल यह है कि क्या चीन ने तब पाकिस्तान को मसूद पर अपने बदले हुए रुख या फैसले की जानकारी दी थी? क्या चीन ने पाकिस्तान को भरोसे में लिया था?’’
 
कश्मीर कनेक्शन
‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ ने एक पाक अफसर के हवाले से लिखा, ‘‘भारत मसूद के मामले को कश्मीर की आजादी के आंदोलन और कुछ सरकारी महकमों से जोड़ना चाहता था। वह ऐसा नहीं कर पाया और ये हमारी कूटनीतिक जीत है।’’

चीन ने पाकिस्तान को सराहा
‘पाकिस्तान टुडे’ ने अपने संपादकीय में लिखा, ‘‘अजहर पर बैन के बाद भी चीन ने आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान के रुख को सराहा है। उसने ये भरोसा दिलाया है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पाकिस्तान की मदद करता रहेगा। उसने माना है कि हमने इस जंग में काफी कुर्बानियां दी हैं।’’

‘चौकीदार’ शब्द ने विदेशी मीडिया को किया कंफ्यूज

विदेशी मीडिया को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मैं भी चौकीदार’ अभियान ने कंफ्यूज कर दिया है। मोदी सरकार के लगभग सभी मंत्रियों और सांसदों ने अपने नाम के आगे चौकीदार लगा रखा है। ये ‘चौकीदार’ सामान्य बोलचाल से लेकर उनके सोशल मीडिया अकाउंट तक पहुँच गया है। मसलन, ‘चौकीदार नरेंद्र मोदी’। ऐसे में विदेशी पत्रकार और मीडिया संस्थान समझ ही नहीं पा रहे हैं कि ‘चौकीदार’ है क्या भला। इसी के चलते अमेरिका के कई मीडिया समूहों ने अपनी खबर में भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को ‘चौकीदार सुषमा स्वराज’ के रूप में संदर्भित किया। इस ‘चौकीदार’ ने सात समुंदर पार बैठे पत्रकारों का सिर चकरा दिया है।

दरअसल, स्वराज ने 29 अप्रैल की शाम को वेस्ट चेस्टर, ओहियो में एक सिख परिवार के चार सदस्यों की हत्या पर अपनी प्रतिक्रिया दी थी। स्वराज ने घटना पर दुःख जताते हुए कहा था कि यह हेट क्राइम नहीं है। इसके बाद कई मीडिया संस्थानों ने इनके ट्वीट को अपनी खबर में जगह दी। अमेरिका के CBS न्यूज़ से जुड़े  WKRC TV ने गफलत के चलते स्वराज का पूरा नाम ‘चौकीदार सुषमा स्वराज’ लिख डाला। इसी तरह अमेरिका के लोकप्रिय ABC न्यूज़ से संबद्ध WCPO भी ‘चौकीदार’ के पीछे की भावना को भांपने में नाकाम रहा और भारतीय विदेश मंत्री के ट्विटर अकाउंट पर लिखे ‘चौकीदार’ को उनके पूरे नाम में शामिल कर लिया। इतना ही नहीं NBC न्यूज़ के WLWT और फॉक्स नेटवर्क के Fox19 ने भी सुषमा स्वराज को ‘चौकीदार सुषमा स्वराज’ कहकर संबोधित किया।

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